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बिना लाइसेंस-फायर NOC के 18 महीने से कैसे चल रहा था अरपोरा का Birch by Romeo Lane नाइटक्लब? गोवा प्रशासन पर उठे सवाल

गोवा के अरपोरा स्थित Birch by Romeo Lane नाइटक्लब अग्निकांड की जांच में सामने आया है कि हादसे में 25 लोगों की मौत वाले क्लब को पिछले 18 महीनों से बिना वैध लाइसेंस और सुरक्षा मंजूरियों के चलाया जा रहा था. फायर NOC, ट्रेड लाइसेंस और अन्य जरूरी अनुमतियों के अभाव के बावजूद प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई. पुलिस ने इसे मानव जीवन के प्रति गंभीर लापरवाही बताते हुए एक ब्रिटिश नागरिक के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.

बिना लाइसेंस-फायर NOC के 18 महीने से कैसे चल रहा था अरपोरा का  Birch by Romeo Lane नाइटक्लब? गोवा प्रशासन पर उठे सवाल
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( Image Source:  X/@meevkt/ANI )

Goa Arpora nightclub fire case: गोवा के अरपोरा स्थित Birch by Romeo Lane नाइटक्लब में हुए भीषण अग्निकांड की जांच में चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं. गोवा पुलिस की जांच में यह साफ हुआ है कि हादसे में 25 लोगों की जान लेने वाला यह नाइटक्लब पिछले करीब 18 महीनों से बिना वैध अनुमति और एक्सपायर्ड लाइसेंस के अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था. हैरानी की बात यह है कि इतने गंभीर उल्लंघनों के बावजूद आग की घटना से पहले किसी भी संबंधित प्राधिकरण ने क्लब के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की.

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जांच से जुड़े एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि क्लब का इंस्ट्रूमेंट ऑफ लाइसेंस वर्ष 2024 के बाद नवीनीकृत ही नहीं किया गया था, क्योंकि नाइटक्लब प्रबंधन जरूरी वैधानिक मंजूरियां हासिल करने में विफल रहा. इसके बावजूद क्लब धड़ल्ले से चलाया जाता रहा, जिससे सैकड़ों लोगों की जान खतरे में डाली गई.

11 महीने का लाइसेंस, लेकिन नवीनीकरण नहीं.

पुलिस के अनुसार, नाइटक्लब के मालिक सौरभ और गौरव लूथरा, उनके सहयोगी अजय गुप्ता और प्रॉपर्टी मालिक सुरिंदर कुमार खोसला के बीच 28 नवंबर 2023 को लाइसेंस समझौता हुआ था. यह लाइसेंस बेसमेंट और अपर ग्राउंड फ्लोर के लिए था और इसकी अवधि 1 नवंबर 2023 से 11 महीनों की थी. हालांकि, यह लाइसेंस आगे दस बार 11-11 महीने के लिए नवीनीकरण के प्रावधान के साथ दिया गया था, लेकिन जांच में सामने आया कि खोसला ने लाइसेंस का नवीनीकरण इसलिए नहीं किया क्योंकि क्लब संचालक अनिवार्य सरकारी मंजूरियां नहीं ला पाए.

मार्च 2024 के बाद ट्रेड लाइसेंस भी नहीं

पुलिस अधिकारी ने बताया कि लूथरा बंधुओं ने 3 मार्च 2024 के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ट्रेड लाइसेंस तक का नवीनीकरण नहीं कराया. इसके बावजूद उन्हें पूरी जानकारी थी कि नाइटक्लब बिना लाइसेंस, बिना अनुमति और बिना सुरक्षा मंजूरी के संचालित हो रहा है. अधिकारी ने कहा, “इसके बावजूद उन्होंने जानबूझकर इस उच्च क्षमता वाले नाइटक्लब को चलाया, जिससे न केवल ग्राहक बल्कि स्टाफ की जान भी गंभीर खतरे में डाली गई.”

फायर NOC तक नहीं ली गई

जांच में यह भी सामने आया कि नाइटक्लब ने फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) तक नहीं लिया था, जो किसी भी पब्लिक नाइटक्लब या रेस्टोरेंट के संचालन के लिए बुनियादी शर्त है. एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “बड़ी संख्या में लोगों को समायोजित करने वाले प्रतिष्ठान के लिए फायर NOC न लेना बेहद गंभीर उल्लंघन है. यह सीधे तौर पर लोगों की जान से खिलवाड़ है.”

‘मानव जीवन के प्रति लापरवाह रवैया’

गोवा पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि लूथरा बंधुओं का यह फैसला एक सोची-समझी लापरवाही और कानून की खुली अवहेलना को दर्शाता है. बिना फायर सेफ्टी, बिना संरचनात्मक अनुमति, बिना ऑपरेशन की मंजूरी और बिना वैध ट्रेड लाइसेंस के नाइटक्लब चलाना न सिर्फ गैरकानूनी था, बल्कि यह मानव जीवन के प्रति घोर उदासीनता को भी उजागर करता है. पुलिस का कहना है कि यह लापरवाही ही हादसे की गंभीरता की मुख्य वजह बनी.

ब्रिटिश नागरिक के खिलाफ लुकआउट नोटिस

इस मामले में प्रॉपर्टी मालिक सुरिंदर कुमार खोसला, जो कि एक ब्रिटिश नागरिक है, उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है. DIG वर्षा शर्मा ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी की भूमिका की गहन जांच की जा रही है.

बड़ा सवाल: जिम्मेदार कौन?

अब इस त्रासदी के बाद बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब क्लब 18 महीने से अवैध रूप से चल रहा था, तब संबंधित विभागों ने आंखें क्यों मूंदे रखीं? जांच आगे बढ़ने के साथ यह मामला सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही और सिस्टम की विफलता की कहानी बनता जा रहा है.

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