CCTV कैमरे के सामने प्रेग्नेंट महिलाओं की जांच, Telegram और Youtube पर वीडियो आने के बाद जागा प्रशासन
Payal Maternity Home Viral Video: गुजरात में राजकोट के पायल मैटरनिटी होम में गर्भवती महिला मरीजों की जांच का वीडियो लीक हो गया. टेलीग्राम के एक ग्रुप और यूट्यूब पर कुल 7 वीडियो सामने आए हैं. अब पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है. वहीं मामले का खुलासा होते हैं लोग चिंता में है.

Gujarat Hospital Viral Video: गुजरात से बेहद सनसनीखेज मामले का खुलासा हुआ है. राजकोट के एक अस्पताल में गर्भवती महिला मरीजों की जांच के 7 वीडियो सोशल मीडिया पर लीक हो गए. इसके खुलासे से हंगामा खड़ा हो गया है. यह सीसीटीवी वीडियो बताए जा रहे हैं. जो कि टेलीग्राम और यूट्यूब पर लीक हो गए हैं. अब हंगामा खड़ा हो रहा है कि कैमरे के सामने महिलाओं का चेकअप क्यों किया जा रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के अंदर डॉक्टर गर्भवती महिलाओं की जांच कर रही थी, उसी वक्त के ये सारे वीडियो हैं. अब पुलिस ने इन वायरल वीडियो की जांच कर रही है. मामले के खुलासे से मरीजों की चिंता बढ़ गई है. फुटेज में डॉक्टर महिला का चेकअप और नर्स उन्हें इंजेक्शन लगाते नजर आ रही हैं.
सोशल मीडिया पर लीक हुए वीडियो
इस मामले की जांच गुजरात पुलिस कर रही है. एक पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि राजकोट के पायल मैटरनिटी होम की यह घटना है. जिसमें नर्सिंग स्टाफ महिला मरीजों को इंजेक्शन लगाते दिख रहे हैं. सीसीटीवी क्लिप को ऑनलाइन शेयर होने के बाद अहमदाबाद साइबर अपराध पुलिस के संज्ञान में आया. अस्पताल के निदेशक ने पूछताछ में बताया कि सीसीटीवी सर्वर हैक कर लिया गया था.
स्टाफ का बयान
मैटरनिटी होम के एक डॉ. अमित अकबरी ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि अस्पताल का वीडियो कैसे वायरल हुआ. ऐसा लगता है कि हमारा सीसीटीवी सर्वर हैक कर लिया गया है. हालांकि, हमें नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ और हम पुलिस को इसकी सूचना देंगे. हम शिकायत भी दर्ज कराएंगे और सभी मुद्दों की जांच में पुलिस का सहयोग करेंगे.' पुलिस ने कहा, 'वीडियो की सामग्री की जांच की जा रही है. हम जांच कर रहे हैं कि ये वीडियो किसने और किस उद्देश्य से लिए. हम साइबर अपराध आईटी अधिनियम की धारा 66ई, 67 के तहत मामला दर्ज करेंगे.'
जांच के 7 वीडियो लीक
हार्दिक मकडिया साइबर पुलिस अधिकारी ने मीडिया से बात की. मकडिया ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने एक यूट्यूब चैनल से जुड़ा टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जहां ये वीडियो अपलोड किए गए थे. मकाडिया ने कहा, 'आरोपी ने यूट्यूब चैनल पर ऐसे 7 वीडियो अपलोड किए थे और एक टेलीग्राम ग्रुप का लिंक दिया था. उस ग्रुप में ऐसे वीडियो देखने के लिए पेमेंट करने को कहा गया था. आरोपी ने इसी तरह के वीडियो के स्क्रीन ग्रैब शेयर किए थे.'