बच्चा बच्चा बताएगा कौन गलत है.... हिना रब्बानी को आलोचना करना पड़ा भारी, प्रियंका चतुर्वेदी ने दिया करारा जवाब
भारत और पाकिस्तान के बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी ने भारत को दुष्ट देश बताया जिसके बाद उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी ने हिना को ट्वीट के जरिए करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि बच्चे बच्चे भी जानते हैं कि पाकिस्तान असली दुष्ट देश है.

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है, और इस बार इसकी शुरुआत हुई पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के एक बयान से, जिसमें उन्होंने भारत को 'दुष्ट देश' कहा. इसके जवाब में शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने गुरुवार को कड़ी प्रतिक्रिया दी और पाकिस्तान की आतंकवाद को संरक्षण देने की नीति को आड़े हाथों लिया. जिन्होंने अपने ट्वीट में हिना रब्बानी को फटकार लगाते हुए कहा है कि बच्चे बच्चे से जाकर पूछिए दुष्ट देश कौन है वह भी पकिस्तान का नाम लेगा.
दरअसल हिना रब्बानी खार का आरोप एक्स हैंडल पर भारत के हालिया सैन्य अभियान की निंदा करते हुए कहा, 'मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है, क्योंकि मैं 2011-13 के दौरान पाकिस्तान की विदेश मंत्री थी और खुद को क्षेत्रीय शांति की समर्थक मानती थी. लेकिन आज का भारत एक दुष्ट देश बन गया है, जिसे लगता है कि वह अंतरराष्ट्रीय कानूनों, मानकों और मानवाधिकारों से ऊपर है. भारत यह मानता है कि वह किसी भी तरह की जवाबदेही के बिना, अंतरराष्ट्रीय नियमों की सभी सीमाएं पार कर सकता है.'
अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरे में
उन्होंने आगे कहा, 'भारत की यह आत्म-मुग्धता क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति को खतरे में डाल रही है. पाकिस्तान जैसे देश, जो अभी भी संयुक्त राष्ट्र चार्टर और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में विश्वास रखते हैं, उन्हें असाधारण उकसावे के बावजूद संयम बरतने के लिए मजबूर किया जा रहा है.' हिना की ना के इस बयान के बाद शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी को आगे आना पड़ा.
भारत नहीं पकिस्तान दुष्ट हैं
प्रियंका चतुर्वेदी का करारा जवाब देते हुए ट्वीट में तीखी टिप्पणी करते हुए एक्स पर लिखा, 'दुनिया भर में किसी भी तीन साल के बच्चे से पूछिए कि 'दुष्ट देश' कौन है, वह भी आपको बताएगा पाकिस्तान.ओसामा बिन लादेन, मौलाना मसूद अजहर, दाऊद इब्राहिम, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी तत्व सभी पाकिस्तान की जमीन में पनपते हैं. उन्होंने यह भी कहा, 'कानून के शासन की बात करने से पहले, हिना रब्बानी खार को यह याद रखना चाहिए कि दुष्ट और असफल देशों को कभी भी नियमों से मतलब नहीं रहा है.
नौ आतंकी ठिकानों पर हमला
यह पूरा विवाद उस सैन्य कार्रवाई के बाद शुरू हुआ जिसमें भारत ने बुधवार सुबह पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया. यह ऑपरेशन, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की प्रतिक्रिया में किया गया था जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे.
यह हमला उकसाने वाला नहीं
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारत की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि देश पर आगे और भी हमले हो सकते हैं. इसी वजह से सरकार ने यह जरूरी समझा कि वक्त रहते कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि भारत ने सोच-समझकर और संतुलित ढंग से जवाब दिया है. यह हमला उकसाने वाला नहीं था, बल्कि सिर्फ आतंकियों के अड्डों को निशाना बनाया गया. आम लोगों या सेना के ठिकानों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया. भारतीय कार्रवाई के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती नागरिक क्षेत्रों में तोपखाने से गोलाबारी की, जिसमें अब तक 13 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 59 घायल हुए हैं. भारत ने इसे ‘निहत्थे लोगों पर जानबूझकर किया गया हमला’ बताया है.