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बॉर्डर पर चीन के साथ कैसे हालात, LAC कोर कमांडर्स को मिली कौन सी ताकत? सेना प्रमुख ने बता दिया

भारत और चीन के बीच कैसे हालात चल रहे हैं. दोनों देशों के बीच कोई कंफ्यूजन न रहे इसपर भारतीय सेना चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बातचीत की. उन्होंने बताया कि किस तरह के हालात अभी चल रहे हैं. साथ ही हथियारों की खरीदारी पर भी आर्मी चीफ ने कहा कि अब हथियार बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस मिल रहा है. इसलिए विदेश से हथियार खरीदे जा रहे हैं.

बॉर्डर पर चीन के साथ कैसे हालात, LAC कोर कमांडर्स को मिली कौन सी ताकत? सेना प्रमुख ने बता दिया
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 19 Feb 2025 8:49 PM IST

कांग्रेस नेता राहुल गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने हाल ही में चीन बॉर्डर विवाद पर बड़ा बयान दिया था. इस बयान में उन्होंने भारतीय सेना के प्रमुख रह चुके जनरल उपेंद्र का जिक्र किया था. राहुल गांधी ने अपने बयान में कहा था कि सेना के प्रमुख ने ये कहा है कि लद्दाख सेक्टर में चीनी घुसपैठ हुई है. अब उनके इस बयान पर जनरल उपेंद्र द्विवेदी की प्रतिक्रिया सामने आई है.

न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत के दौरान सेना प्रमुख ने राहुल गांधी के बयान पर कहा कि 'सेना को राजनीति में शामिल नहीं किया जाना चाहिए अगर फिर भी ऐसा किया जाता है तो ये चिंता की बात होगी. वहीं इस बातचीत के दौरान उन्होंने चीन बॉर्डर पर कैसे हालात हैं इसकी भी जानकारी दी.

चीन बॉर्डर पर कैसे हालात?

जब चीन बॉर्डर को लेकर जनरल से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि चीन के साथ हमने बातचीत के इस रास्ते को आगे बढ़ाया है. इस बातचीत से जो हल निकले उसे सुलझाया जा सके. उन्होंने कहा कि LAC के सभी कोर कमांडर लेवल के पास ये शक्ति है कि अगर वह अपने स्तर पर इस मामले को सुलझाने में कामयाब हो सकतेे हैं, तो वह अपने स्तर पर इसे सुलझा लें. उन्होंने कहा कि हम ऐसा चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच किसी तरह की कंफ्यूजन न रहे. इसलिए जो बातों से पूरी हो रही है, तो की जाए.

सेना में महिलाओं की भर्ती

वहीं सेना में महिलाओं की भर्ती को लेकर चीफ ने कहा कि 'खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी'. उन्होंने कहा कि वह हमेशा से ही महिलाओं को सेना में शामिल करने के पक्षदार रहे हैं. इस दौरान आर्मी के हथियारों की बिक्री पर भी उन्होंने बातचीत की. हथियारों की खरीदारी पर उन्होंने कहा कि अब विदेशों से भी हथियार भारत भेजे जा रहे हैं. ये सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकी अब हथियार बनाने वाली कंपनियों को लाइसेंस मिल रहा है. साथ ही उन्हें छूट भी मिल रही है. उन्होंने कहा कि भारत हमेशा पहले बातचीत का रास्ता खोजता है, लेकिन जब जरूरी होगा तो हम जंग से भी पीछे नहीं हटेंगे."

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