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कश्मीर की जेलों को उड़ाने की साजिश? NIA की बड़ी जांच, टिफिन बम और OGW कनेक्शन से खलबली

जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की नई साजिश का अलर्ट मिला है. खुफिया इनपुट के अनुसार श्रीनगर सेंट्रल जेल और कोट बलवाल जेल आतंकियों के निशाने पर हैं. दूसरी ओर, पुंछ में सुरक्षाबलों को IED से भरे टिफिन मिले हैं. NIA ने पहलगाम हमले की जांच तेज कर दी है और OGW नेटवर्क की पड़ताल जारी है. जेलों की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है.

कश्मीर की जेलों को उड़ाने की साजिश? NIA की बड़ी जांच, टिफिन बम और OGW कनेक्शन से खलबली
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Published on: 5 May 2025 10:22 AM

जम्मू-कश्मीर में पहलगाम आतंकी हमले की जांच के बीच एक नई चिंता ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है. खुफिया एजेंसियों को इनपुट मिला है कि श्रीनगर सेंट्रल जेल और जम्मू की कोट बलवाल जेल जैसे हाई-सिक्योरिटी परिसरों पर आतंकी हमले की साजिश रची जा रही है. इन जेलों में न सिर्फ कुख्यात आतंकवादी बंद हैं, बल्कि कई ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) भी कैद हैं, जो सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकते हैं.

सुरक्षा बलों ने पुंछ के सुरनकोट इलाके में संयुक्त ऑपरेशन के दौरान आतंकियों का एक ठिकाना ध्वस्त किया है. वहां से टिफिन बॉक्स में छिपाकर रखे गए तीन IED और लोहे की बाल्टियों में दो और विस्फोटक बरामद किए गए हैं. यह बरामदगी आतंकियों की बदली रणनीति को दर्शाती है, जो अब नागरिक सामान में विस्फोटक छिपाकर हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं.

जेलों की सुरक्षा को लेकर नई रणनीति

खुफिया अलर्ट के बाद CISF के महानिदेशक ने श्रीनगर में शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ बैठक की. समीक्षा के बाद जेल परिसरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और निगरानी बढ़ा दी गई है. 2023 से जम्मू-कश्मीर की जेलों की सुरक्षा CISF के जिम्मे है, जो अब इन संवेदनशील स्थानों पर बहुस्तरीय सुरक्षा घेरे को लागू कर रही है.

NIA ने शुरू की पूछताछ

एनआईए ने हाल ही में जम्मू जेल में बंद निसार और मुश्ताक नाम के दो OGW से पूछताछ की है, जो पहले से ही 2023 में हुए राजौरी आतंकी हमले में आरोपी हैं. एजेंसी को शक है कि इन्हें पहलगाम हमले की जानकारी पहले से थी या उन्होंने हमलावरों को किसी प्रकार की मदद पहुंचाई थी. एनआईए की कोशिश है कि इस पूछताछ से पूरे नेटवर्क की परतें खोली जा सकें.

कई राज्यों में जांच जारी

27 अप्रैल को एनआईए ने पहलगाम आतंकी हमले की औपचारिक जांच अपने हाथ में ली थी. इसके बाद से एजेंसी की टीमें महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जाकर पीड़ितों के परिवारों के बयान दर्ज कर रही है. यह जांच केवल हमले तक सीमित नहीं है, बल्कि आतंकवादियों के सहयोगी नेटवर्क, लॉजिस्टिक सपोर्ट और संभावित नए हमलों को रोकने के लिए भी की जा रही है.

आतंकी हमला
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