Begin typing your search...

पुलिस से बचने के लिए नदी में कूदा इम्तियाज, आतंकियों की मदद का आरोप; सियासत और वायरल वीडियो की क्या है सच्चाई?

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में 23 वर्षीय इम्तियाज मागरे की नदी में मौत ने सुरक्षा बलों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. परिवार ने हिरासत में हत्या का आरोप लगाया है, जबकि पुलिस ने आत्महत्या का वीडियो पेश किया है. सियासी दलों ने न्यायिक जांच की मांग की है. पहलगाम हमले के बाद शुरू हुई सख्ती ने घाटी में भय और अविश्वास का माहौल पैदा कर दिया है.

पुलिस से बचने के लिए नदी में कूदा इम्तियाज, आतंकियों की मदद का आरोप; सियासत और वायरल वीडियो की क्या है सच्चाई?
X
नवनीत कुमार
Curated By: नवनीत कुमार

Updated on: 5 May 2025 9:43 AM IST

कश्मीर के कुलगाम में 23 वर्षीय इम्तियाज अहमद मागरे की नदी में मौत ने एक बार फिर घाटी में डर और अविश्वास के माहौल को सतह पर ला दिया है. रविवार को अदबल नाले से उसका शव बरामद हुआ, और परिवार ने सुरक्षा बलों पर हिरासत में मौत का गंभीर आरोप लगाया. वहीं, पुलिस का दावा है कि मागरे आतंकियों का सहयोगी था और वह खुद ही नदी में कूद गया.

परिवार का कहना है कि इम्तियाज को दो दिन पहले सेना पूछताछ के लिए उठाकर ले गई थी. लेकिन अब उसका शव रहस्यमय हालात में नाले से बरामद हुआ है. वहीं पुलिस का दावा है कि इम्तियाज ने खुद कबूल किया था कि वह आतंकियों को भोजन और आश्रय दे रहा था, और सुरक्षा बलों को ठिकाने पर ले जाते समय भागने की कोशिश में नदी में कूद गया. ड्रोन फुटेज में भी उसकी नदी में छलांग लगाते हुए तस्वीरें सामने आई हैं.

पूर्व सीएम ने की जांच की मांग

इस घटना ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और मंत्री सकीना इट्टू ने मामले की न्यायिक जांच की मांग करते हुए सुरक्षा एजेंसियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं घाटी में पहले से मौजूद अविश्वास को और गहरा कर रही हैं.

हिरासत में मौत और लोकतंत्र का सवाल

नेकां सांसद आगा रूहुल्लाह मेहदी ने घटना को 'लोकतांत्रिक सिद्धांतों का उल्लंघन' करार देते हुए कहा कि किसी नागरिक को बिना प्रक्रिया के हिरासत में लेकर मौत के घाट उतारना स्वीकार्य नहीं है. उनका कहना है कि सुरक्षा की आड़ में की गई ऐसी कार्रवाइयां मानवाधिकारों की सीधी अवहेलना है.

सुरक्षा बलों की सख्ती

यह मौत उस समय हुई है जब हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे. इसके बाद सुरक्षा बलों ने आतंकवाद विरोधी अभियानों को तेज किया है, जिससे कई युवकों को हिरासत में लिया गया है. इम्तियाज का मामला इसी व्यापक सुरक्षा कार्रवाई का हिस्सा माना जा रहा है.

वीडियो के बाद सवाल बाकी है

हालांकि पुलिस ने वीडियो फुटेज के जरिए दावा किया है कि युवक ने खुद जान दी, लेकिन इस घटनाक्रम ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं. क्या युवक किसी दबाव में था? क्या हिरासत के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे वह आत्मघात की ओर बढ़ा? ये सवाल अब घाटी में न्याय और पारदर्शिता की मांग को फिर से केंद्र में ला रहे हैं.

Viral Video
अगला लेख