नीच, मौत का सौदागर और अब मां की गाली... कांग्रेस ने मोदी को जब-जब कहा बुरा, पार्टी की डूब गई 'लुटिया'
आजादी की पार्टी कांग्रेस ने पिछले दो दशक के दौरान पहले सीएम मोदी और बाद में पीएम मोदी को मौत का सौदागर, गंगू तेली, भस्मासुर, वायरस, बंदर, टुकड़े-टुकड़े, अनपढ़-गंवार, नमक-हराम, रावण, गंदी नाली का कीड़ा, नीच और पता नहीं क्या-क्या कहे? हर बार इसका लाभ भाजपा और पीएम मोदी को ही मिला. इसका एक असर यह भी हुआ कि कांग्रेस सियासी तौर पर देश में एक कमजोर नेतृत्व वाली पार्टी बनकर रह गई है.

बिहार विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांग्रेस के एक नेता के मंच से एक कार्यकर्ता द्वारा मां की गाली देने को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बना लिया है. इसको लेकर शुक्रवार को पटना सहित कई शहरों में बवाल मचा है. अब तक पीएम मोदी को जब भी अपशब्द कहा गया, हर बार विपक्ष के लिए सेल्फ गोल ही साबित हुआ. भाजपा एक बार फिर, विपक्ष की बड़ी सियासी भूल को भुनाने में जुट गई है. सवाल यह है कि बिहार विधानसभा चुनाव से तीन महीने पहले दरभंगा में कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद के मंच से एक समर्थक द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां की गाली देना क्या राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और विपक्षी दलों के लिए सेल्फ गोल साबित होगा?
फिलहाल, आरोपी रफीक रिजवी उर्फ राजा की गिरफ्तारी हो गई है, लेकिन सबके मन में सवाल पैदा हो गया है कि क्या यह प्रकरण बिहार चुनाव का टर्निंग प्वाइंट बनेगा. राहुल गांधी PM मोदी को 'वोट चोर' कह रहे हैं. जानें, 2007 से 2025 तक कांग्रेस के किस नेता ने पीएम मोदी के खिलाफ कब, क्या कहा और उसका क्या हुआ असर?
किस नेता ने PM मोदी के खिलाफ कब, क्या कहा और उसका क्या हुआ असर?
1. गुजरात में 2007 के विधानसभा चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने वहां के तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को गुजरात की सरकार चलाने वाले झूठे, बेईमानी, डर और मौत का सौदागर कहा था. नतीजा यह हुआ कि भाजपा की सीट 2002 के मुकाबले 2010 में न केवल कम हुई बल्कि्ले 117 सीट के साथ फिर मोदी सरकार बनी. कांग्रेस 51 सीट से बढ़कर 59 पर ही सिमट गई. इसके बाद कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने 2009 में गुजरात के सीएम रहे मोदी को 'गंदी नाली का कीड़ा' कहा था.
2. लोकसभा चुनाव 2014 से पहले जब मोदी को भाजपा ने चुनाव प्रचार समिति की कमान सौंपी तो 2013 में कांग्रेस नेता और केंद्रीय मंत्री रहे बेनी प्रसाद वर्मा ने उनकी तुलना एक पागल कुत्ते से की थी. उन्होंने कहा था, "लोकतंत्र के मंदिर को किसी पागल कुत्ते से ना प्रदूषित होने दें. यह जनता का फर्ज है." साल 2014 के लोकसभा चुनाव भाजपा देश के सियासी इतिहास में पहली बार खुद के दम पर बहुत यानी 282 एमपी और और एनडीए 336 एमपी के साथ केंद्र में सरकार बनाने में कामयाब हुई. वहीं, कांग्रेस इतिहास के सबसे निचले स्तर 44 सीट पर सिमट गई. इससे पहले 1977 में इमरजेंसी के बाद कांग्रेस को सिर्फ 154 सीटें जी पाई थी.
3. साल 2013 में कांग्रेस के कई नेताओं ने नरेंद्र मोदी को तरह-तरह के अपशब्द कहे. गुलाम नबी आजाद ने उन्हें 'गंगू तेली' कहा, तो जयराम रमेश ने 'भस्मासुर' बताते हुए कहा कि वो लालकृष्ण आडवाणी को खा गए. पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने उन्हें 'वायरस' कहा. सलमान खुर्शीद ने पीएम मोदी की तुलना ऐसे बंदर से की, जिसका करतब देखने भीड़ जुटती है. वहीं, सांसद इमरान मसूद ने तो मोदी को 'टुकड़े-टुकड़े करने खुली चेतावनी' दी थी. साल 2018 में संजय निरुपम ने मोदी को 'अनपढ़-गंवार' कहा तो जिग्नेश मेवाणी ने उनको 'नमक हराम' बताया था.
4. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को साल 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान उनके चाय बेचने के बैकग्राउंड का मजाक उड़ाया था. अय्यर ने कहा था- "नरेंद्र मोदी कभी भी देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे, नहीं बनेंगे. यदि यहां चाय का वितरण करना चाहते हैं तो हम उनके लिए कोई जगह बनवा देंगे." भाजपा ने अय्यर के बयान के बाद 'चाय पर चर्चा' कार्यक्रम शुरू कर दिया जो कांग्रेस के लिए सियासी तौर पर घातक साबित हुआ था.
5. मणि शंकर अय्यर ने गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पीएम को 'नीच किस्म' का आदमी कहा था. परिणाम यह हुआ कि जो चुनाव कांग्रेस जीत रही थी वो हार गई. अय्यर ने कहा था- "मुझको लगता है कि ये आदमी बहुत नीच किस्म का है." भाजपा की 16 सीट घटी, लेकिन 99 सीट के साथ सरकार उसकी ही बनी. कांग्रेस 16 सीट बढ़ाकर 77 सीटों के साथ विपक्ष में बैठी. आज तक गुजरात में सरकार नहीं बना पाई.
6. लोकसभा चुनाव 2019 से कुछ पहले राहुल गांधी ने पीएम के लिए 'चौकीदार चोर है' का नारा दिया था. इसके जवाब में भाजपा ने 'में भी चौकीदार' अभियान छेड़ दिया.यह अभियान भी काफी लोकप्रिय हुआ. 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 2014 से भी 21 ज्यादा कुल 303 सीट जीत ली. कांग्रेस 44 से बढ़कर 52 तक ही पहुंच सकी.
7. इसी तरह पश्चिम बंगाल से कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने 2019 में लोकसभा में पीएम मोदी की तुलना 'नाली' से की थी, जिसे सदन की कार्यवाही से निकाल दिया गया था. बाहर सफाई में कहा कि उनकी हिंदी खराब है, वो नहर के भाव में नाली बोल रहे थे.
8. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 में प्रधानमंत्री मोदी की तुलना 'रावण' से की थी. उन्होंने कहा था, "तुम्हारी सूरत कितनी बार देखें. पार्षद चुनाव में तुम्हारी सूरत देखें. एमएलए चुनाव में भी तुम्हारी सूरत देखें. एमपी चुनाव में भी तुम्हारी सूरत देखें. हर जगह, कितने हैं भाई. क्या आपके रावण के जैसा 100 मुख है?" एक बार फिर कांग्रेस 17 सीट के साथ फिर निचले स्तर पर पहुंच गई. 156 सीट के साथ भाजपा की प्रचंड बहुमत से गुजरात में सरकार बनी. कांग्रेस को गुजरात के लोगों ने बड़ी सजा दीत्र. भाजपा को इतनी सीटें मिली, जितनी कभी गुजरात में मोदी खुद भी नहीं ला पाए थे.
9. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2023 में नरेंद्र मोदी को 'जहरीला सांप' कहा था. खरगे ने आगे कहा था, "मोदी जहरीले सांप की तरह हैं. आप मानो या ना मानो. चाटे तो मर जाओगे." ऐसा संयोग नरेंद्र मोदी के गुजरात से उभार और फिर भारतीय राजनीति में छा जाने के बाद कम ही हुआ है. मोदी ने बार-बार उनकी ओर उछाली गई गाली और अपशब्द को हथियार बनाकर कांग्रेस और विपक्ष की कमर तोड़ने में कामयाबी पाई है और भाजपा का दबदबा बढ़ाया है.
क्या है विवाद, किसने कहे PM और उनकी मां को अपशब्द?
बिहार में एसआई के खिलाफ राहुल गांधी 17 अगस्त से 'वोट अधिकार यात्रा' पर हैं. गुरुवार को कांग्रेस की रैली में उसी मंच से प्रधानमंत्री मोदी और उनकी दिवंगत मां हीराबेन मोदी के खिलाफ कथित तौर पर पार्टी के कार्यकर्ता ने अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल कर दिया. कुछ देर बाद सोशल मीडिया पर इसका एक वीडियो वायरल हो गया. इस रैली में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के पोस्टर भी लगे थे.
हालांकि, यूथ कांग्रेस नेता मोहम्मद नौशाद ने इस घटना के बाद मंच से की गई अशोभनीय भाषा के इस्तेमाल के लिए सभी के सामने माफी मांग ली. उन्होंने मामले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि इरादा किसी की भावनाओं को आहत करने का नहीं था. लेकिन इस घटना के बाद भाजपा ने कई थानों में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. साथ ही कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और आरजेडी नेता व विधायक तेजस्वी यादव से माफीनामे की मांग की है.