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कौन हैं पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल, जो बने IMF के नए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर

Who Is Urjit Patel: भारत सरकार ने आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को सरकार ने IMF) का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया है. पटेल जन्म 28 अक्टूबर 1963 में हुआ था. वह एक जाने-माने भारतीय अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने सितंबर 2016 से दिसंबर 2018 तक आरबीआई के 24वें गवर्नर के रूप में सेवाएं दीं.

कौन हैं पूर्व RBI गवर्नर उर्जित पटेल, जो बने IMF के नए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर
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( Image Source:  ani )

Who Is Urjit Patel: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रह चुके उर्जित पटेल को सरकार ने नई जिम्मेदारी सौंपी है. उन्हें इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) का एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बनाया गया है. अगले तीन साल तक वह यह जिम्मेदारी संभालेंगे. कार्मिक मंत्रालय ने 28 अगस्त को एक आदेश जारी करके इसकी जानकारी दी है.

मंत्रालय ने कहा कि कैबिनेट की अपॉइंटमेंट्स कमेटी ने उर्जित पटेल की नियुक्ति को मंजूरी दी है. अब देश भर से उन्हें बधाई मिल रही हैं. बता दें कि IMF से पटेल पहले भी जुड़े हुए थे. उन्होंने अपने करियर के दौरान कई पदों की जिम्मेदारी निभाई है. आज हम आपको उनके बारे में बताएंगे.

कौन हैं उर्जित पटेल?

उर्जित रवींद्र पटेल जन्म 28 अक्टूबर 1963 में हुआ था. वह एक जाने-माने भारतीय अर्थशास्त्री हैं. उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ग्रेजुएशन की और 1986 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.फिल. की डिग्री हासिल की. साल 1990 में येल यूनिवर्सिटी से अर्थशास्थ में ही पीएचडी की.

पटेल आईएमएफ में शामिल हुए और 1990 से 1995 तक अमेरिका, बहामास, भारत और म्यांमार के डेस्कों को कवर किया. उन्होंने सार्वजिनक और प्राइवेट सेक्टर में भी काम किया. जिसमें एमसीएक्स लिमिटेड, रिलायंस इंडस्ट्रीज, गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम शामिल हैं.

RBI में भूमिका

उर्जित पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) में लंबे समय तक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने सितंबर 2016 से दिसंबर 2018 तक आरबीआई के 24वें गवर्नर के रूप में सेवाएं दीं. इससे पहले वे RBI में डेप्टी गवर्नर रहे, जहां वे मौद्रिक नीति, आर्थिक अनुसंधान और वित्तीय प्रणाली सुधारों की दिशा में एक्टिव रहे. उन्होंने कई फैसले लिए, जिससे आम जनता को भी फायदा हो. पटेल के RBI गवर्नर रहते ही नवंबर 2016 में नोटबंदी लागू की गई.

वह मुद्रास्फीति लक्षित नीति (inflation targeting) लागू करने वाली प्रमुख व्यवस्था के निर्देशक भी रहे, जिसने अर्थव्यवस्था में स्थिरता बनाए रखने में मदद की. उन्होंने दिसंबर 2018 में व्यक्तिगत कारणों RBI से इस्तीफा दिया. रिजर्व बैंक से अलग होने के बाद वे अप्रैल 2020 में NIPFP के अध्यक्ष बने. फिर बीजिंग स्थित एशियाई इन्फ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट बैंक (AIIB) में उपाध्यक्ष का कार्य संभाला.

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