VIDEO; 'अमित शाह का सिर काटकर...', महुआ मोइत्रा के बयान पर बंगाल में बवाल; टीएमसी और भाजपा आमने-सामने
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की कथित विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने शाह का ‘सिर काटने’ जैसी हिंसक बात कही, जिससे विवाद और गरमा गया है. यह मामला उस समय सामने आया है जब बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मुद्दा सुर्खियों में है.

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद महुआ मोइत्रा की कथित विवादित टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. भाजपा ने आरोप लगाया है कि मोइत्रा ने शाह का ‘सिर काटने’ जैसी हिंसक बात कही, जिससे विवाद और गरमा गया है. यह मामला उस समय सामने आया है जब बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का मुद्दा सुर्खियों में है.
भाजपा का कहना है कि ऐसे बयान टीएमसी की हिंसा और निराशा की संस्कृति को उजागर करते हैं और बंगाल की छवि को खराब कर रहे हैं. भाजपा ने इस मामले में मोइत्रा का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें वह पत्रकारों से बातचीत करती नजर आ रही हैं.
भाजपा का आरोप: टीएमसी की हिंसा संस्कृति उजागर
बंगाल भाजपा ने कहा, 'जब महुआ मोइत्रा गृहमंत्री का सिर काटने की बात करती हैं, तो यह टीएमसी की निराशा और हिंसा की संस्कृति को सामने लाता है. यह बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचा रहा है और राज्य की प्रगति में बाधा डाल रहा है.' भाजपा नेताओं का यह भी कहना है कि इस तरह के बयान लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरनाक हैं और राजनीतिक विपक्ष को सही सीमाओं में रहकर ही विरोध करना चाहिए.
वीडियो में महुआ मोइत्रा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने जिस वीडियो को साझा किया है, उसमें महुआ मोइत्रा पत्रकारों से बातचीत करती नजर आ रही हैं. हालांकि वीडियो में स्पष्ट रूप से हिंसक भाषा की पुष्टि करना अभी बाकी है, लेकिन भाजपा इसे गंभीर आरोप के रूप में पेश कर रही है. इस विवाद ने फिर से राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया है और टीएमसी व BJP के बीच आरोप-प्रत्यारोप की बहस को हवा दी है.
राजनीतिक हलचल और भविष्य की कार्रवाई
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला आगामी चुनावों में प्रचार का हिस्सा बन सकता है. BJP और TMC दोनों इस घटना को लेकर बयानबाजी में जुटी हैं और आने वाले दिनों में संसद या चुनावी मंचों पर इसका राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की जा सकती है.