इस राज्य में बच्चों के स्मार्टफोन और सोशल मीडिया इस्तेमाल पर लगेगी लगाम, सरकार जारी करेगी दिशा-निर्देश
सरकार की मंशा है कि बच्चे मोबाइल फोन में खो जाने के बजाय खेलकूद जैसे शारीरिक रूप से सक्रिय होने के लिए घर से बाहर निकलें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने पहले ही प्राथमिक विद्यालयों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. अब इस निर्देश का सख्ती से पालन किया जाएगा.

बच्चों में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया की लत बढ़ती जा रही है. इसे रोकने के लिए अब गुजरात सरकार दिशा-निर्देश जारी करने की योजना की घोषणा की है. फोन पर बच्चों के ज्यादा स्क्रीन टाइम से नेगेटिव इम्पैक्ट पड़ रहा है. गुजरात के शिक्षा मंत्री प्रफुल पनशेरिया ने बताया कि यह दिशा-निर्देश स्कूली बच्चों के बीच मोबाइल फोन और सोशल मीडिया के उपयोग को सीमित करने पर ध्यान रखा जा रह है. इससे उनका शैक्षणिक प्रदर्शन और शारीरिक गतिविधि में सुधार हो सकेगा.
सरकार की मंशा है कि बच्चे मोबाइल फोन में खो जाने के बजाय खेलकूद जैसे शारीरिक रूप से सक्रिय होने के लिए घर से बाहर निकलें. शिक्षा मंत्री ने कहा कि हमने पहले ही प्राथमिक विद्यालयों में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. अब इस निर्देश का सख्ती से पालन किया जाएगा.
बच्चे के सामने फ़ोन न चलाएं माता-पिता
उन्होंने कहा कि शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों और अभिभावकों को भी नए दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जो राज्य में एक बहुत बड़े अभियान का हिस्सा होगा. सरकार ने माता-पिता से भी आग्रह किया कि वे अपने बच्चों के सामने सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करें और बचपन के विकास को बढ़ावा दें. उन्होंने हाल ही में ऑस्ट्रेलिया द्वारा 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया उपयोग प्रतिबंध का उदाहरण भी दिया.
दूसरे राज्य भी उठा सकते हैं कदम
गुजरात देश का पहला राज्य है जिसने इस तरह का उपाय शुरू किया है. शिक्षा विभाग शिक्षकों को यह सुझाव देगा कि बच्चों को मोबाइल और सोशल नेटवर्क से चिपके रहने के बजाय उन्हें पढ़ने और खेलने के लिए कैसे बढ़ावा दे. पंशेरिया ने उम्मीद जताई कि गुजरात के इस कदम से दूसरे राज्य भी इस कदम को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे.
एनजीओ भी इसमें करें योगदान
इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने एनजीओ, धार्मिक संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से इस अभियान में शामिल होने की अपील की है. उन्होंने सुझाव दिया कि हर स्कूल में एक लघु फिल्म के माध्यम से अभिभावकों को सोशल मीडिया के नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए. प्रफुल पंसेरिया ने उम्मीद जताई कि गुजरात के इन प्रयासों को देखकर अन्य राज्य भी ऐसे ही कदम उठाएंगे, जिससे बच्चों का समग्र विकास सुनिश्चित हो सके.