पूजा खेडकर ट्रेनी IAS के पद से हुई सेवामुक्त, केंद्र सरकार ने लिया बड़ा एक्शन
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।

बर्खास्त ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के खिलाफ अब केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने IAS (परिवीक्षा) नियम, 1954 के नियम 12 के अंतर्गत पूजा खेडकर को तत्काल प्रभाव से भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) से मुक्त कर दिया है।
पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर की 2022 बैच की आईएएस अधिकारी थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक (AIR) 841 हासिल की थी।
रिपोर्ट्स के अनुसार केंद्र सरकार ने पूजा मनोरमा दिलीप खेडकर, आईएएस प्रोबेशनर को आईएएस (प्रोबेशन) नियम, 1954 के नियम 12 के तहत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) से तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त कर दिया।
पूजा पर क्या था आरोप?
पूजा खेडकर ने लाल बत्ती और वीआईपी नंबर प्लेट वाली अपनी निजी ऑडी कार का इस्तेमाल करके विवाद खड़ा कर दिया था। खेडकर ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए कथित तौर पर फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसने मानसिक बीमारी का प्रमाण पत्र भी जमा किया था। अप्रैल 2022 में, उसे अपने विकलांगता प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), दिल्ली में रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उसने कोविड संक्रमण का हवाला देते हुए ऐसा नहीं किया उन्होंने ऐसी सुविधाएं भी मांगीं जो आईएएस में प्रोबेशनरी अधिकारियों को नहीं मिलतीं।
पुणे कलेक्टर सुहास दिवसे द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपी गई रिपोर्ट के अनुसार, 3 जून को प्रशिक्षु के रूप में ड्यूटी जॉइन करने से पहले ही खेडकर ने बार-बार मांग की थी कि उन्हें अलग केबिन, कार, आवासीय क्वार्टर और एक चपरासी मुहैया कराया जाए। हालांकि, उन्हें ये सुविधाएं देने से मना कर दिया गया।
बता दें, पूजा खेडकर को पुणे कलेक्टर ऑफिस में 3 जून 2024 को असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया था।