ट्रंप-ममदानी की मुलाकात के बाद थरूर ने ऐसा क्या कह दिया, जिससे मच गया बवाल? BJP बोली- क्या राहुल गांधी समझेंगे
कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा अमेरिका में चुनाव बाद दिखे राजनीतिक सहयोग की सराहना पर BJP ने राहुल गांधी को निशाने पर लिया. थरूर ने लोकतंत्र में चुनाव बाद सहयोग की जरूरत पर जोर दिया, जिस पर भाजपा ने पूछा कि क्या राहुल गांधी 'संदेश समझेंगे.” यह विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब थरूर लगातार पार्टी लाइन से इतर टिप्पणियों के कारण कांग्रेस के भीतर असहज स्थिति पैदा कर रहे हैं. कांग्रेस कई बार उनके बयानों से खुद को अलग कर चुकी है.
Shashi Tharoor remarks Donald Trump Zohran Mamdani meeting: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शनिवार को कांग्रेस पर नया हमला बोला और पूछा कि क्या लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को 'संदेश समझ आएगा'. यह टिप्पणी तब आई जब कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिका में राजनीतिक सहयोग की एक मिसाल की सराहना की. मामला तब शुरू हुआ जब सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल हुआ, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्यूयॉर्क सिटी के नए मेयर और अपने कट्टर आलोचक जोहरान ममदानी से व्हाइट हाउस में मुलाकात की. इस फोटो पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने अमेरिकी नेताओं के इस सहयोग मॉडल की तारीफ की.
थरूर बोले- चुनाव बाद सहयोग ही लोकतंत्र की असली पहचान
थरूर ने X पर लिखा, “लोकतंत्र ऐसे ही काम करता है. चुनाव में अपने विचारों के लिए पूरी ताकत से लड़ें, लेकिन जब जनता फैसला दे दे, तो राष्ट्रहित में सहयोग करना सीखें. काश हम भारत में भी ऐसा ज़्यादा देख पाते, और मैं अपनी तरफ से यही कोशिश कर रहा हूं.” उनका यह बयान चुनावों के बाद जारी राजनीतिक तल्खी पर एक सामान्य टिप्पणी था, लेकिन बीजेपी ने इसे कांग्रेस पर तंज कसने का मौका बना लिया।
BJP का पलटवार- क्या राहुल गांधी तक संदेश पहुंचेगा?
BJP राष्ट्रीय प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने थरूर की पोस्ट को टैग करते हुए लिखा, “एक बार फिर शशि थरूर ने कांग्रेस को ‘भारत पहले, परिवार बाद में’ की सलाह दी है, लेकिन क्या राहुल गांधी समझेंगे? क्या अब थरूर पर एक और फ़तवा आने वाला है?”
थरूर की ‘असहज टिप्पणियों’ का पुराना इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब थरूर की टिप्पणी का इस्तेमाल BJP ने कांग्रेस पर राजनीतिक हमले के लिए किया हो. हाल ही में PM मोदी के भाषण की सराहना करने पर वह कांग्रेस नेताओं के निशाने पर आए थे. पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने तो उनसे पूछा था, “आप कांग्रेस में क्यों हैं?” और उन्हें 'ढोंगी' तक कह दिया था.
'लॉयल्टी पॉलिटिक्स' पर भी साधा था निशाना
थरूर ने कुछ दिन पहले ही ‘नेताओं के प्रति अंधभक्ति की बढ़ती संस्कृति’ और ‘विचारों से ज्यादा व्यक्तियों के प्रति प्रतिबद्धता’ पर चिंता जताई थी. इसे कांग्रेस हाई-कमांड पर सीधा हमला माना गया. कांग्रेस कई मौकों पर थरूर की तरफ से दिए बयानों से खुद को अलग कर चुकी है, यह कहते हुए कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है, पार्टी की आधिकारिक लाइन नहीं.





