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Delhi Blast: पुलवामा का इलेक्ट्रिशियन गिरफ्तार, अस्पतालों को 'सीक्रेट वेपन हब' बनाने की साजिश; JEM ने अपनाया 'Hamas मॉडल' ?

दिल्ली रेड फोर्ट ब्लास्ट केस में जांच एजेंसियों ने पुलवामा के इलेक्ट्रिशियन तुफैल अहमद को हिरासत में लेकर जैश-ए-मोहम्मद के इंटर-स्टेट मॉड्यूल की जांच तेज कर दी है. इससे पहले कई डॉक्टरों और मुफ्ती सहित कुल छह आरोपी पकड़े जा चुके हैं, जबकि मुख्य साजिशकर्ता डॉ. मुजफ्फर अफगानिस्तान भागा बताया जा रहा है. पूछताछ में अस्पतालों को हथियार छिपाने के लिए इस्तेमाल करने जैसी 'हमास मॉडल' की साजिश का शक भी गहराया है. NIA अब ब्लास्ट की पूरी साजिश, फंडिंग और फरार उमर की भूमिका की गहराई से जांच कर रही है.

Delhi Blast: पुलवामा का इलेक्ट्रिशियन गिरफ्तार, अस्पतालों को सीक्रेट वेपन हब बनाने की साजिश; JEM ने अपनाया Hamas मॉडल ?
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( Image Source:  statemirrornews )

Delhi Blast: दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास 10 नवंबर को हुए घातक ब्लास्ट की जांच लगातार आगे बढ़ रही है. इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने एक और संदिग्ध को हिरासत में लिया है. तुफैल अहमद, जो पुलवामा के एक इंडस्ट्रियल एरिया में इलेक्ट्रिशियन के रूप में काम करता था और मूल रूप से श्रीनगर का रहने वाला है, को गुरुवार को पकड़ा गया.

सूत्रों के अनुसार, शुरुआती जांच में ऐसे मजबूत सुराग मिले हैं जो तुफैल की इस आतंकी साजिश में भूमिका की ओर इशारा करते हैं. इसी वजह से एजेंसियां अब उसके नेटवर्क, मूवमेंट और संपर्कों की गहराई से जांच कर रही हैं. हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि उसने दिल्ली ब्लास्ट की साजिश में क्या भूमिका निभाई थी.

कौन है मुख्य साजिशकर्ता? अफगानिस्तान भागने का शक

इससे पहले SIA और J&K पुलिस ने कुलगाम में डॉ. मुजफ्फर अहमद रथर के खिलाफ वारंट जारी किया था. वह इस मॉड्यूल का अहम चेहरा माना जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि डॉ. मुजफ्फर अगस्त में भारत से फरार हो गया था और अब संभवतः अफगानिस्तान में पनाह लिए हुए है। माना जा रहा है कि वही जैश-ए-मोहम्मद हैंडलर्स और भारत में सक्रिय 'व्हाइट-कॉलर' आतंकी नेटवर्क के बीच मुख्य लिंक था. जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए इंटरपोल रेड कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है.

2,900 किलो विस्फोटक और कार बम की बरामदगी के बाद बड़ा क्रैकडाउन

दिल्ली ब्लास्ट, जिसमें 14 लोगों समेत आत्मघाती हमलावर डॉ. उमर उन नबी की मौत हो गई, के बाद जांच एजेंसियों ने एक बड़े इंटर-स्टेट नेटवर्क का पर्दाफाश किया था. इस नेटवर्क के उजागर होने के बाद घाटी में छिपे जैश के ऑपरेटिव्स और उनके स्लीपर मॉड्यूल के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई चल रही है. गुरुवार को NIA ने केस में चार और संदिग्धों को हिरासत में लिया, जिससे कुल गिरफ्तारियों का आंकड़ा बढ़कर 6 हो गया है. इनमें शामिल हैं;

  • डॉ. मुजम्मिल शकील गनई
  • डॉ. आदिल अहमद रथर
  • डॉ. शाहीन शाहिद
  • मुफ्ती इरफ़ान अहमद वगाई

चारों को पहले J&K पुलिस ने पकड़ा था, जिसके बाद उन्हें औपचारिक रूप से NIA कस्टडी में लिया गया.

क्या JeM ने अपनाया Hamas मॉडल? अस्पतालों को 'सीक्रेट वेपन हब' बनाने की साजिश

जांच का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि एजेंसियां इस बात की जांच कर रही हैं कि क्या जैश-ए-मोहम्मद का यह मॉड्यूल गाज़ा में हमास के कथित 'हॉस्पिटल वेपन मॉडल' की नकल कर रहा था. यह एंगल डॉ. आदिल रथर से पूछताछ के दौरान सामने आया. एजेंसियों का संदेह है कि मॉड्यूल श्रीनगर, बारामूला, अनंतनाग, बडगाम और नवगाम के अस्पतालों में टॉक्सिक वेपन्स या अन्य विस्फोटक रखने के लिए लोकेशन तलाश रहा था, ताकि मेडिकल स्टाफ और मरीजों की आड़ में हथियार छिपाए जा सकें.

सूत्रों का दावा है कि इस मॉड्यूल को तकनीकी समर्थन भी मिल सकता है, जिसमें हमास से किसी स्तर पर सहायता मिलने की संभावना शामिल है. तीन डॉक्टरों की गिरफ्तारी के बाद यह शक और मजबूत हुआ है.

NIA करेगी और पूछताछ, फरार उमर की तलाश तेज

NIA अब कोर्ट से संदिग्धों की अतिरिक्त पुलिस रिमांड मांगेगी ताकि साजिश की पूरी टाइमलाइन, फंडिंग नेटवर्क, विदेशी कनेक्शन और फरार आरोपी उमर की भूमिका का खुलासा किया जा सके. दिल्ली ब्लास्ट को अब सिर्फ एक आतंकी हमला नहीं, बल्कि मल्टी-स्टेट व्हाइट-कॉलर जिहादी नेटवर्क की गहरी साजिश के रूप में देखा जा रहा है.

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