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GST स्लैब में फेरबदल के बाद बड़ी चुनौती, 22 सितंबर तक कंज्यूमर्स तक कैसे पहुंचे टैक्स में कटौती का लाभ?

जीएसटी काउंसिल द्वारा टैक्स स्लैब में किए गए फेरबदल के बाद अब बड़ा सवाल यह है कि इसका लाभ उपभोक्ताओं तक कितनी तेजी से पहुंचेगा. केंद्र सरकार ने कंपनियों और कारोबारियों को निर्देश दिया है कि 30 सितंबर (कुछ जगहों पर 22 सितंबर तक का समय बताया जा रहा है) तक नई दरों का असर बिलिंग और प्राइसिंग में दिखना चाहिए. ऐसे में निगाहें इस बात पर हैं कि कंपनियां कितनी पारदर्शिता से कटौती का फायदा कंज्यूमर तक पहुंचाती हैं?

GST स्लैब में फेरबदल के बाद बड़ी चुनौती, 22 सितंबर तक कंज्यूमर्स तक कैसे पहुंचे टैक्स में कटौती का लाभ?
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( Image Source:  Sora AI )

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) स्लैब में बदलाव का सीधा असर आम उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है. बताया जा रहा है कि सरकार की नई नीति से आम उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत मिलने की संभावना है. जहां कई वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स दरें घटाई गई है, वहीं सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि मुनाफाखोरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अब सवाल यह है कि कारोबारी और कंपनियां कितनी ईमानदारी से कम हुए टैक्स का लाभ ग्राहकों तक पहुंचाते हैं. निगरानी एजेंसियां उसे कितनी प्रभावी तरीके से लागू करती हैं?

22 सितंबर तक पहुंचाएं बदलाव का लाभ

दरअसल, सरकार द्वारा कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कटौती के बाद कंपनियों को 22 सितंबर तक उपभोक्ताओं तक इसका लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया गया है. जीएसटी में कमी कर सरकार ने कीमतों को संतुलित करने की कोशिश की है. अब FMCG कंपनियां निश्चित मूल्य वाली वस्तुओं के लिए उत्पाद की मात्रा बढ़ा सकती हैं. ज्यादा कीमत वाले उत्पादों की मांग में बढ़ोतरी की सूचना है.

वहीं होटल में चेक-इन भुगतान के लिए कम दरों की पेशकश करने को कहा गया है. ताजा फेरबदल से कार डीलरों को मौजूदा इन्वेंट्री और संशोधित उपकर संरचना के कारण संभावित नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

400 व्स्तुओं पर GST में कटौती

केंद्र सरकार ने लगभग 400 वस्तुओं और सेवाओं पर व्यापक जीएसटी दरों में कटौती की घोषणा के साथ, इससे जुड़ी कंपनियों को 22 सितंबर की कार्यान्वयन तिथि तक कीमतों को समायोजित करने और उपभोक्ताओं तक लाभ पहुंचाने के लिए कहा गया है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने कंपनियों और उद्योग विशेषज्ञों से बात की है. ताकि यह समझा जा सके कि विभिन्न क्षेत्रों जीएसटी कटौती का लाभ लोगों तक कैसे पहुंचे.

GST ढांचे के तहत उत्पादन और वितरण के कई चरणों में कर लगाया जाता है. कंपनियां इनपुट के लिए भुगतान किए गए GST पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दावा करती हैंं हालांकि, एक बार जब सामान का निर्माण और चालान हो जाता है तो बिक्री के समय की दर के आधार पर लागू GST लॉक हो जाता है.

इसका मतलब है कि 22 सितंबर से पहले डीलरों को भेजे गए सामान पर पुरानी कर दर के मूल्य टैग लगे होंगे. इन कीमतों को बीच में समायोजित करने के लिए निर्माताओं, वितरकों और खुदरा विक्रेताओं के बीच समन्वय की आवश्यकता होगी.

GST: आम लोगों को कितनी मिली राहत?

  • जीवन बीमा और मेडिक्लेम को पूरी तरह से जीएसटी मुक्त कर दिया गया है. अभी तक इस पर 18% जीएसटी देना पड़ता था.
  • शैम्पू, हेयर ऑयल, टूथ पाउडर, टॉयलेट सोप पर जीएसटी 18 प्रतिशत था अब 5 प्रतिशत तय किया गया है.
  • एसी, सभी तरह के टीवी सेट, वॉशिंग मशीन, फ्रिज पर जीएसटी 28 प्रतिशत से कम कर 18 प्रतिशत कर दिया गया है.
  • नमकीन, मधुमेह रोगी खाद्य पदार्थ, सोया बड़ी, सोया मिल्क ड्रिंक्स पर पहले जीएसटी 12 फीसदी लगता था अब केवल 5 प्रतिशत देना होगा.
  • मिनरल वाटर, आइसक्रीम, चॉकलेट पर 18 की जगह अब केवल 5 फीसदी टैक्स देना होगा.
  • होटल के कमरे 7,500 रुपये प्रति रात तक पर जीएसटी 12 प्रतिशत से कम कर 5 फीसदी कर दिया गया है.
  • गैर-इकोनॉमी क्लास हवाई यात्रा पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया गया है.
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