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जासूस के इस खुलासे को सुन हिल जाएंगे, प्रॉपर्टी के चक्कर में भाभी ने देवर के साथ...

राज शमानी के शो में प्राइवेट डिटेक्टिव बलदेव पूरी ने एक केस शेयर किया तो सुनने वाले भी दंग रह गए. भाभी और देवर के बीच बने अवैध संबंध, लालच और धोखे से बुना गया पूरा जाल और फिर उसका हैरान कर देने वाला सच मे सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया.

जासूस के इस खुलासे को सुन हिल जाएंगे, प्रॉपर्टी के चक्कर में भाभी ने देवर के साथ...
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( Image Source:  AI Perplexity )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 3 Sept 2025 12:50 PM IST

ज़रा सोचिए आपके सामने एक ऐसा केस आता है, जो सामान्य पारिवारिक चिंता से शुरू होकर रिश्तों, भरोसे और लालच की ऐसी परतें खोल देता है कि इंसान सोचने पर मजबूर हो जाए. 'फिगरिंग आउट' पॉडकास्ट पर कंटेंट क्रिएटर राज शमानी ने जब फेमस प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर बलदेव पुरी से उनके करियर का सबसे "डर्टी और वीर्ड" केस पूछा, तब शायद किसी ने नहीं सोचा था कि आगे की कहानी इंटरनेट को हिला कर रख देगी.

पुरी, जो अपने तेज़ दिमाग और कड़े मामलों को सुलझाने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने ऐसा किस्सा सुनाया जिसमें पारिवारिक राज, पैसों की चालें और रिश्तों की गिरावट सब कुछ शामिल था. सिर्फ प्रॉपर्टी का बंटवारा न हो. इसके लिए परिवार ने मिलकर ऐसा खेल रचा, जिसे जान आप दंग रह जाएंगे.

काउंसलिंग रिक्वेस्ट से शुरू हुआ मामला

यह पूरा मामला एक साधारण-सी 'काउंसलिंग रिक्वेस्ट' से शुरू हुआ था. एक पिता अपने बड़े बेटे को साथ लेकर बलदेव पुरी के पास पहुंचे. उनकी फरियाद थी कि 'हम चाहते हैं कि छोटे बेटे पर थोड़ा नज़र रखी जाए. वह लगातार शादी से किनारा कर रहा है, हमें लगता है थोड़ी काउंसलिंग या निगरानी से बात साफ हो सकती है.' शुरुआत में यह एक सामान्य फैमिली कंसर्न लगा. लेकिन एक एक्सपीरियंस जासूस की नज़र से कुछ बात अजीब लगी. पुरी ने केवल बातचीत पर भरोसा करने के बजाय सलाह दी कि छोटे बेटे की एक हफ्ते निगरानी की जाए.

बहू के साथ था बेटे का अफेयर

पुरी की टीम ने छोटे बेटे की गतिविधियों पर निगरानी शुरू की. कुछ ही दिनों में तस्वीर साफ़ हो गई. वह लगातार एक महिला से मिलता और दोनों अक्सर होटलों में जाते नज़र आते थे. रिपोर्ट और तस्वीरों के साथ जब सबूत परिवार के सामने रखे गए. पिता ने वह तस्वीर देखी और तुरंत कहा कि 'ये तो मेरे बड़े बेटे की पत्नी और मेरी बहू है.' पुरी के लिए यह पल चौंकाने वाला था. यह एक सामान्य अफेयर की कहानी नहीं थी, बल्कि एक ऐसा सच जो पूरे परिवार की नींव हिला देता.

प्रॉपर्टी को लेकर रची बहू-बेटे ने साचिश

जैसे-जैसे जांच गहराई तक पहुंची, असली मक़सद खुलकर सामने आ गया. यह रिश्ता मोहब्बत का नहीं, बल्कि संपत्ति और धन के लालच का खेल था. बड़े बेटे और उसकी पत्नी ने मिलकर सोच-समझकर यह साज़िश रची थी. उनकी चाहत थी कि छोटा बेटा शादी न करे, क्योंकि जैसे ही वह शादी करता, फैमिली प्रॉपर्टी और पैसा दो हिस्सों में बंटने लगता है. इसीलिए बहू और देवर का यह संबंध घर की दीवारों के भीतर ही एक तरह से "मौन समझौते" की तरह चल रहा था. जासूस पुरी ने तो यहां तक कहा कि बच्चों की पैटरनिटी (वास्तव में पिता कौन है) पर भी सवाल उठते थे. यानी खेल सिर्फ धोखे का नहीं था, बल्कि उन मासूम जिंदगियों तक पहुंच चुका था, जिन्हें सच्चाई का अंदाज़ा भी नहीं था.

राज़ का उजागर होना

जब यह सच पिता और परिवार के सामने आया, तो सभी के लिए यह एक झटका था. पुरी के शब्दों में 'यह मेरे करियर का सबसे डर्टी केस था.' रिश्ते, भरोसा और खून का रिश्ता सब पैसों और संपत्ति की गंदगी में लिपटा हुआ था. परिवार के लिए यह केवल एक रहस्योद्घाटन नहीं, बल्कि एक भावनात्मक संकट भी था. पिता, जो अपने ही बच्चों पर गर्व करते होंगे, अचानक उसी सच से सामना कर रहे थे, जिसमें लालच ने खून के रिश्तों को निगल लिया था.

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