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'जो मुजरिमों को..., उसे कितने साल की सजा होनी चाहिए? केजरीवाल का अमित शाह पर पलटवार, कहा - जेल की सरकार...

आप (AAP) प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह द्वारा 130 वें संविधान संशोधन विधेयक का बचाव करने पर तीखा पलटवार किया है. उन्होंने अपराधियों को पार्टियों में शामिल करने और उन्हें उच्च पद देने की नैतिकता पर सवाल उठाया. वहीं, अमित शाह ने कहा कि संविधान निर्माताओं की इतनी बेशर्मी की कल्पना नहीं की होगी कि जेल से कोई सीएम सरकार चलाएगा.

जो मुजरिमों को..., उसे कितने साल की सजा होनी चाहिए? केजरीवाल का अमित शाह पर पलटवार, कहा - जेल की सरकार...
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( Image Source:  ANI )

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 25 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया साक्षात्कार पर तल्ख टिप्पणी की है. अमित शाह ने केंद्र सरकार के 130 वें संविधान संशोधन का लोकसभा में बचाव किया था. इस विधेयक में 5 साल या उससे ज्यादा की सजा वाले मामलों में 30 दिनों से ज्यादा समय तक हिरासत में रखे गए या गिरफ्तार किए गए विधायकों, मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या प्रधानमंत्री को हटाने का प्रस्ताव है.

अरविंद केजरीवाल ने नाराजगी भरे लहजे में कहा, "जो व्यक्ति गंभीर गुनाहों के मुजरिमों को अपनी पार्टी में शामिल कर उनके सारे केस रफा दफा करके उन्हें मंत्री, उपमुख्यमंत्री या मुख्यमंत्री बना देता है, क्या ऐसे मंत्री/प्रधान मंत्री को भी अपना पद छोड़ना चाहिए? ऐसे व्यक्ति को कितने साल की जेल होनी चाहिए?"

आप प्रमुख केजरीवाल ने आगे कहा, "अगर किसी पर झूठा केस लगाकर उसे जेल में डाला जाए और बाद में वो दोषमुक्त हो जाए, तो उस पर झूठा केस लगाने वाले मंत्री को कितने साल की जेल होनी चाहिए?"

अमित शाह का सवाल - जेल से सरकार चलाना उचित है क्या?

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए साक्षात्कार में अमित शाह ने पूछा, "क्या "भ्रष्टाचार के आरोपी या पांच साल से ज्यादा की सजा वाले आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों या यहां तक कि प्रधानमंत्री के लिए जेल से सरकार चलाना उचित है?"

दरअसल, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की शराब नीति को रद्द करने से जुड़े कथित घोटाले में जेल जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटने से इनकार कर दिया था. वह तिहाड़ जेल से ही मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहे.

'ऐसी बेशर्मी की कल्पना नहीं की होगी'

इस घटना का जिक्र करते हुए शाह ने कहा, "जब संविधान बनाया गया था, तब संविधान निर्माताओं ने ऐसी बेशर्मी की कल्पना भी नहीं की होगी कि कोई मुख्यमंत्री जेल जाएगा और जेल से ही मुख्यमंत्री बना रहेगा." शाह ने कहा कि केजरीवाल मुख्यमंत्री बने रहे, जबकि दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था कि उन्हें पद से हटाने का कानून में कोई प्रावधान नहीं है. जब यही मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो यह तर्क दिया गया कि अरविंद केजरीवाल को जेल में होने के कारण इस्तीफा दे देना चाहिए.

'जेल से कोई सरकार नहीं चला सकता'

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले का हवाला देते कहा, "हमारा मानना है कि उन्हें नैतिक आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, लेकिन मौजूदा कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. मेरी पार्टी और देश के प्रधानमंत्री का मानना है कि इस देश में कोई भी मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल में रहते हुए सरकार नहीं चला सकता."

शाह के 160 दिन से AAP सरकार बेहतर

आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने अमित शाह के बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि जेल से उनकी 160 दिनों की सरकार मौजूदा भाजपा नीत दिल्ली सरकार से बेहतर थी.

7 महीने में दिल्ली को किया बेहाल

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, "जब केंद्र ने मुझे झूठे मामलों में फंसाने और जेल भेजने की साजिश रची, तो मैंने सलाखों के पीछे से 160 दिनों तक सरकार चलाई. पिछले सात महीनों में दिल्ली की भाजपा सरकार ने शहर को इस कदर बदहाल कर दिया है कि लोग अब जेल के दिनों को याद करते हैं. कम से कम उस समय तो बिजली और पानी उपलब्ध था, अस्पतालों और मोहल्ला क्लीनिकों में दवाइयां मुफ्त थीं. मेडिकल जांचें मुफ्त थीं, एक बार की बारिश से शहर में अफरा-तफरी नहीं मचती थी और निजी स्कूलों को अभिभावकों से जबरन वसूली और धमकाने की खुली छूट नहीं थी."

सभी पर समान रूप से लागू होगा कानून

अमित शाह ने एएनआई से साक्षात्कार में भरोसा जताया कि विपक्ष की तीखी आलोचना के बावजूद संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025 पारित हो जाएगा. शाह ने कहा कि इसका उद्देश्य 'संवैधानिक नैतिकता' और जनता के विश्वास को बनाए रखना है. यह विधेयक सत्ताधारी दल सहित सभी नेताओं पर समान रूप से लागू होगा. विपक्ष में ऐसे कई लोग होंगे जो नैतिकता का समर्थन करेंगे और नैतिकता के आधार को बनाए रखेंगे.

पीएम भी जेल गए तो इस्तीफा देना होगा

अमित शाह ने आगे कहा, "प्रधानमंत्री ने स्वयं इसमें प्रधानमंत्री पद को शामिल किया है... इससे पहले, इंदिरा गांधी 39वां संशोधन (राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय अदालतों द्वारा न्यायिक समीक्षा से बचाने के लिए) लाई थीं. नरेंद्र मोदी ने खिलाफ एक संवैधानिक संशोधन लाए हैं कि अगर प्रधानमंत्री जेल गए, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा."

JPC को सौंपी रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी

संविधान (130 वां संशोधन) विधेयक 2025 विस्तृत जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेजा गया है. संसद के दोनों सदनों के 31 सदस्य शामिल इसमें हैं. समिति विधेयक की जांच करेगी और मतदान से पहले सिफारिशें देगी.

केजरीवाल की जेल से काम करने की थ्योरी गलत - पूनावाला

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने केजरीवाल की इस टिप्पणी पर उन पर निशाना साधते हुए कहा, "कोविड के दौरान हमने घर से काम किया. अब वे भारत में पहली बार 'जेल से काम' चाहते हैं. क्या कोई मुख्यमंत्री जेल से बैठकें कर सकता है? जेल के कमरों में जनसुनवाई कहां होगी? अगर कोई आपात स्थिति आती है तो हम कैसे निपटेंगे? यह नैतिकता और व्यवहारिकता, दोनों ही दृष्टि से विफल है."

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