Begin typing your search...

इनसाइडर ट्रेडिंग या कुछ और? रेखा झुनझुनवाला ने संसद में कानून आने से पहले ही कैसे बेच दिये ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के शेयर?

निवेशक और Rare Enterprises की सह-संस्थापक रेखा झुनझुनवाला ने Nazara Technologies Ltd. के शेयर बिक्री के समय ऐसा कदम उठाया जिसने वित्तीय बाजार में सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने कंपनी के सारे शेयर केंद्र सरकार के Online Gaming Bill 2025 के पारित होने से पहले ही बेच दिए, जो रियल-मनी गेमिंग पर रोक लगाता है.

इनसाइडर ट्रेडिंग या कुछ और? रेखा झुनझुनवाला ने संसद में कानून आने से पहले ही कैसे बेच दिये ऑनलाइन गेमिंग कंपनी के शेयर?
X
( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 25 Aug 2025 5:01 PM

भारतीय शेयर बाज़ार इन दिनों एक बड़े विवाद का गवाह बन गया है. निवेशक और Rare Enterprises की सह-संस्थापक रेखा झुनझुनवाला ने Nazara Technologies Ltd. में अपनी पूरे हिस्सेदारी बेचकर ऐसा कदम उठाया जिसने वित्तीय जगत में कई सवाल खड़े कर दिए हैं. खास बात यह रही कि उन्होंने यह बिक्री ठीक उसी समय की जब केंद्र सरकार का Online Gaming Bill 2025 संसद में पारित होने वाला था. इस बिल के लागू होते ही रियल-मनी गेमिंग पर प्रतिबंध लग गया और गेमिंग कंपनियों के शेयरों में तेज़ गिरावट दर्ज की गई.

टीएमसी सांसद मूहुआ मोइत्रा ने इस कदम को इनसाइडर ट्रेडिंग करार देते हुए कहा कि अमेरिका में ऐसा मामला होता तो तुरंत जांच होती, जबकि भारत में नियामक SEBI अक्सर देर से कार्रवाई करता है. झुनझुनवाला की समय पर की गई बिक्री ने उन्हें लगभग ₹334 करोड़ का फायदा दिलाया और कानून लागू होने के बाद आई गिरावट से भी बचा लिया. वहीं, अन्य बड़े निवेशकों जैसे निखिल कामथ, मधुसूदन केला और अर्पित खंडेलवाल को भारी नुकसान झेलना पड़ा.

अब बड़ा सवाल यही है कि यह सिर्फ एक सफल निवेश रणनीति थी या वाकई झुनझुनवाला को पहले से कानून पास होने की जानकारी थी. यह मामला न केवल बाजार की नैतिकता बल्कि भारत की वित्तीय नियामक प्रणाली की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़ा करता है.

इनसाइडर ट्रेडिंग क्या है?

इनसाइडर ट्रेडिंग का अर्थ है किसी कंपनी की गैर-सार्वजनिक और संवेदनशील जानकारी का इस्तेमाल शेयरों की खरीद-फरोख्त में करना. यह अवैध माना जाता है क्योंकि इससे मार्केट निष्पक्ष नहीं रह पाता और निवेशकों का भरोसा टूटता है.

शेयर बिक्री का सही समय

मार्च 2025 के अंत में झुनझुनवाला के पास 61.8 लाख शेयर (7.06%) थे. जून 2025 तक उन्होंने अपने परिवार की कंपनी के माध्यम से सभी शेयर औसतन ₹1,225 प्रति शेयर के भाव पर बेच दिए. इसके तुरंत बाद, Online Gaming Bill 2025 पास हुआ और Nazara Technologies का शेयर लगभग 7% गिर गया.

मार्केट पर प्रभाव

Bill के पारित होने के बाद शेयर 4.13% गिरकर ₹1,155.75 पर बंद हुआ. इससे निवेशकों की करीब ₹916 करोड़ की संपत्ति डूब गई. ICICI Securities ने अपने लक्ष्य मूल्य को ₹1,500 से घटाकर ₹1,100 किया और स्टॉक की रेटिंग ‘Buy’ से ‘Reduce’ कर दी.

अन्य बड़े निवेशकों को नुकसान

झुनझुनवाला की समय पर बिक्री ने उन्हें सुरक्षित रखा, लेकिन अन्य बड़े निवेशक जैसे निखिल कामथ, मधुसूदन केला और अर्पित खंडेलवाल भारी नुकसान झेल रहे हैं. सवाल खड़ा होता है कि क्या झुनझुनवाला के पास गैर-सार्वजनिक जानकारी थी? क्या SEBI ने समय पर निगरानी रखी? क्या यह सिर्फ एक समय पर सही निवेश था या कानून के आने से पहले लाभ उठाने की रणनीति?

उद्योग और कानून का असर

Online Gaming Act, 2025 ने भारत की गेमिंग इंडस्ट्री पर बड़ा असर डाला है. Dream11, MPL, Zupee जैसी कंपनियां रियल-मनी गेमिंग बंद कर रही हैं. सरकार का दावा है कि कानून उपभोक्ताओं की सुरक्षा और जुआ नशे को नियंत्रित करने के लिए जरूरी है, लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि इससे निवेश और नवाचार प्रभावित होंगे.

Nazara Technologies और गेमिंग सेक्टर पर असर

Nazara Technologies ऑनलाइन गेमिंग और eSports प्लेटफॉर्म के लिए जाना जाता है. Online Gaming Act, 2025 ने पूरी इंडियन गेमिंग इंडस्ट्री को प्रभावित किया है. Dream Sports (Dream11), MPL, Zupee, Gameskraft, और Probo जैसी कंपनियां अपनी रियल-मनी गेमिंग गतिविधियों को रोक रही हैं.

सरकार का कहना है कि यह कानून जुआ नशे को नियंत्रित करने, उपभोक्ताओं की सुरक्षा और वित्तीय शोषण रोकने के लिए जरूरी है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इससे नवाचार और निवेश प्रभावित हो सकते हैं. रेखा झुनझुनवाला की समय पर शेयर बिक्री ने उन्हें लाभ दिलाया, लेकिन इससे इनसाइडर ट्रेडिंग और मार्केट नैतिकता पर सवाल उठे हैं. मूहुआ मोइत्रा की आलोचना ने भारतीय नियामक SEBI पर भी ध्यान केंद्रित किया है कि क्या ऐसे मामलों में समय रहते कार्रवाई होगी.

India News
अगला लेख