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हर खेत से उठी थी उम्मीद, अब हर गली में गूंजेगा 'अमरावती हमारी राजधानी'... 2015 में रखा गया सपना 2025 में हो रहा साकार

अमरावती एक बार फिर आंध्र प्रदेश की राजधानी बनने जा रही है, जिससे किसानों की वर्षों पुरानी उम्मीदें फिर से जाग उठी हैं. चंद्रबाबू नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी ने इस ठप पड़ी परियोजना को नया जीवन दिया है. वर्षों की राजनीतिक खींचतान और तीन राजधानी के विवाद के बाद अब अमरावती को स्थायी राजधानी के रूप में स्थापित करने की दिशा में तेजी से काम शुरू हो चुका है. यह सिर्फ एक राजधानी नहीं, बल्कि संघर्ष, विकास और जनआंदोलन की जीत का प्रतीक बन चुकी है. आइए, अमरावती के बारे में विस्तार से जानते हैं...

हर खेत से उठी थी उम्मीद, अब हर गली में गूंजेगा अमरावती हमारी राजधानी... 2015 में रखा गया सपना 2025 में हो रहा साकार
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Amravati Andhra Pradesh New Capital Story: इंद्रलोक की राजधानी का नाम अमरावती था और अब अमरावती आंध्र प्रदेश की राजधानी है. ये सिर्फ संयोग नहीं है. ये 'स्वर्ण आंध्रा' के निर्माण का भी शुभ संकेत है. 'स्वर्ण आंध्रा', विकसित भारत की राह को मज़बूत करेगा और अमरावती, 'स्वर्ण आंध्रा' के विजन को ऊर्जा देगी.... ये बातें 2 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमरावती को 60 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देने के बाद एक जनसभा में कही. उन्होंने कहा कि आज जब मैं इस अमरावती की पुण्य भूमि पर खड़ा हूं तो मुझे केवल एक शहर नहीं दिख रहा, बल्कि मुझे एक सपना सच होते दिख रहा है. एक नया अमरावती, एक नया आंध्रा.

पीएम मोदी ने कहा कि अमरावती एक ऐसा शहर होगा, जहां आंध्र प्रदेश के हर नौजवान के सपने साकार होंगे. इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ग्रीन एनर्जी, क्लीन इंडस्ट्री, शिक्षा और स्वास्थ्य....आने वाले कुछ सालों में इन सारे सेक्टर्स में अमरावती एक लीडिंग सिटी बनकर खड़ा होगा.

'सारे ग्रह जो लगे थे, अब हट गए हैं'

प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते सालों में यहां बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए सभी कदम उठाए गए हैं. अब चंद्रबाबू गारू के नेतृत्व में राज्य सरकार बनने के बाद सारे ग्रह जो लगे थे, अब हट गए हैं. यहां विकास कार्यों में तेजी आ गई है. हाईकोर्ट, विधानसभा, सेक्रेटेरिएट, राजभवन, ऐसी कई जरूरी बिल्डिंग बनाने के कामों को भी प्राथमिकता दी जा रही है.

'हमें एनटीआर गारू का सपना पूरा करना है'

पीएम मोदी ने कहा कि एनटीआर गारू ने विकसित आंध्र प्रदेश का सपना देखा था. हमें मिलकर, अमरावती को, आंध्र प्रदेश को, विकसित भारत का ग्रोथ इंजन बनाना है. हमें एनटीआर गारू का सपना पूरा करना है.

अमरावती को लेकर लंबे समय तक रहा विवाद

अमरावती, आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी, एक दशक से अधिक समय से राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों का केंद्र रही है. 2014 में तेलंगाना के गठन के बाद, तत्कालीन मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को नई राजधानी के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा. इस परियोजना के लिए 33,000 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई और लगभग ₹27,000 करोड़ खर्च किए गए. 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी.

2019 में तीन राजधानियों की योजना हुई पेश

हालांकि, 2019 में वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी के मुख्यमंत्री बनने के बाद, सरकार ने तीन राजधानियों की योजना पेश की: विशाखापट्टनम को कार्यकारी, अमरावती को विधायी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा गया. इस निर्णय ने किसानों और विपक्षी दलों के बीच विरोध और आंदोलन को जन्म दिया, जिन्होंने अमरावती को एकमात्र राजधानी बनाए रखने की मांग की.

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने अमरावती को राजधानी के रूप में विकसित करने का दिया आदेश

2022 में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अमरावती को एकमात्र राजधानी के रूप में विकसित करने का आदेश दिया, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. 2024 में चंद्रबाबू नायडू की सत्ता में वापसी के साथ, अमरावती परियोजना को पुनः सक्रिय किया गया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 मई 2025 को विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया, जिससे अमरावती को आधिकारिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया को गति मिली.

अमरावती को 217 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में किया जा रहा विकसित

अमरावती को 217 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है, जिसमें नौ थीम-आधारित उपनगर और एक 50 मंजिला एकीकृत सरकारी केंद्र शामिल हैं। इस परियोजना का उद्देश्य अमरावती को एक विश्वस्तरीय राजधानी के रूप में स्थापित करना है, जो राज्य के विकास और प्रशासनिक दक्षता का प्रतीक बनेगी.

अमरावती: एक नजर में

  • अमरावती आंध्र प्रदेश की प्रस्तावित राजधानी है, जिसे एक आधुनिक, विश्वस्तरीय प्रशासनिक केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है.
  • यह शहर कृष्णा नदी के किनारे स्थित है और 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इसकी आधारशिला रखी गई थी.
  • चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई में इस परियोजना की शुरुआत हुई, लेकिन राजनीतिक बदलावों के चलते बीच में इसे रोका गया. अब फिर से 2024 के बाद इस पर तेजी से काम शुरू हो गया है.
  • अमरावती 217 वर्ग किमी क्षेत्र में फैलेगी. इसमें नौ थीम-आधारित टाउनशिप और एक 50-मंजिला सरकारी केंद्र प्रस्तावित है.
  • यह किसानों की ज़मीन पर आधारित 'लैंड पूलिंग' मॉडल से विकसित हो रहा है. इसे 'पीपुल्स कैपिटल' और ग्रीन-फ्यूचर सिटी के रूप में डिजाइन किया जा रहा है.
  • वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी सरकार ने 2019 में तीन राजधानियों की योजना पेश की, जिससे अमरावती में किसान और आम जनता आंदोलित हो गई.
  • 2022 में हाईकोर्ट ने अमरावती को एकमात्र राजधानी बनाने का निर्देश दिया, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. अब चंद्रबाबू नायडू के दोबारा सत्ता में आने के बाद यह प्रोजेक्ट फिर से तेज़ी से आगे बढ़ रहा है.
  • प्रधानमंत्री मोदी ने 2 मई को अमरावती में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और उद्घाटन किया, जिससे इसको आधिकारिक राजधानी के रूप में स्थापित करने की प्रक्रिया को बल मिला है

अमरावती में घूमने लायक जगह

  • अमरावती स्तूप (प्राचीन बौद्ध स्थल)
  • उंदवल्ली गुफाएं (प्राचीन रॉक-कट वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण)
  • कोंडापल्ली किला
  • कृष्णा नदी

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