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IndiGo Crisis: 1000 फ्लाइट रद्द, बैकफुट पर सरकार, DGCA का यू-टर्न; क्रू मेंबर्स आदेश वापस, यात्रियों को कब तक​ मिलेगी राहत?

DGCA ने IndiGo संकट के बीच अपनी विवादित पायलट/क्रू-ड्यूटी रूल वापस ले लिए हैं. इस फैसले के बाद इंडिगो को अस्थाई राहत मिली है. धीरे-धीरे फ्लाइट सेवाओं को पटरी पर लाने की कोशिश शुरू हो गई है. 3 दिनों में हालात सामान्य होने की उम्मीद है. जानें क्या है पूरा मामला?

IndiGo Crisis: 1000 फ्लाइट रद्द, बैकफुट पर सरकार, DGCA का यू-टर्न; क्रू मेंबर्स आदेश वापस, यात्रियों को कब तक​ मिलेगी राहत?
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( Image Source:  ANI )

देश की सबसे बड़ी बजट एयरलाइन IndiGo में पायलट की कमी और क्रू शिफ्टिंग के आदेशों के कारण 1000 उड़ानों को रद्द कर दिया गया. पांच दिसंबर को राजधानी की की उड़ानें कैंसिल कर दी गई है. यात्रियों की शिकायतों, सरकार के दखल और DGCA की समीक्षा के बीच, नियामक ने अपना कठोर नियम वापस लिया, जिससे एयरलाइंस को राहत मिली और यात्रियों की उम्मीद जग गई. नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, ''सरकार हालात को तेजी से सामान्य करने के लिए तुरंत और कड़े कदम उठा रही है. मामले की उच्च-स्तरीय जांच हो रही है. 3 दिनों में हालात सामान्य होने की उम्मीद है.''



नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा, ''आज रात से हालात सामान्य होने की उम्मीद है. हम पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं. आज आधी रात से सभी फ्लाइट शेड्यूल स्थिर हो जाएंगे और नॉर्मल होने लगेंगे. आगामी कुछ दिनों में पूरी सर्विस और स्थिरता वापस आ जानी चाहिए. यात्री इंडिगो और दूसरों के लगाए गए इन्फॉर्मेशन सिस्टम के जरिए घर से ही देरी को ट्रैक कर सकते हैं.''

भारत के डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) को आखिरकार शुक्रवार, 5 दिसंबर को पायलटों के लिए बेहतर ड्यूटी घंटे और छुट्टी की पॉलिसी सहित नियमों को वापस लेना पड़ा, क्योंकि देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की उड़ानें पायलटों की कमी के कारण रद्द होने लगी थीं.

दरअसल, 1 नवंबर 2025 से क्रू और पायलटों के लिए नए Flight Duty Time Limitations (FDTL) लागू किया था. इस नियम के तहत यह निर्देश था कि “weekly rest (साप्ताहिक आराम) के बदले छुट्टी (leave) नहीं दी जाएगी. यानी अगर किसी क्रू मेंबर या पायलट ने लीव ली तो उसे साप्ताहिक आराम का हक नहीं माना जाएगा. इस बदलाव का मकसद था fatigue (थकान) कम करना और उड़ान सुरक्षा बेहतर बनाना.

इंडिगो संकट क्यों?

क्रू मेंबर्स को रेस्ट देने का नियम लागू होने सेक्रू शिफ्ट-मैनेजमेंट प्रभावित हुआ. पायलट व क्रू-शोर्टेज, roster-समय दोबारा सेट न हो पाना और थकान रोकने की मजबूरी व अन्य वजह से इंडिगो को उड़ानें रद्द करनी पड़ी. इस कारण देश के बड़े एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को परेशानी हुई. दिल्ली एयरपोर्ट पर लोग दो से तीन दिनों से रुके हुए और यात्रियों को कोई सुविधा नहीं दी जा रही हैं.


सरकार और DGCA पर दबाव

यात्रियों की ओर से भारी शिकायत, मीडिया और राजनीतिक मांगों के बीच केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा. एयरलाइंस की ओर से बढ़ रही operational दिक्कतों और परिचालन स्थिरता की मांग की वजह से डीजीसीए ने अपना फैसला वापस ले लिया. इन सबके मद्देनजर DGCA ने 5 दिसंबर 2025 को अपना फैसला बदला और weekly rest की जगह leave substitute संबंधी निर्देश वापस ले लिया.

अब क्रू व पायलट roster में लचीलापन आया है. कंपनी को one-time राहत दी गई है, जिससे एयरलाइंस को शेड्यूल बहाल करने में मदद मिलेगी.

संकट से राहत

डीजीसीए का नया आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है. IndiGo और अन्य एयरलाइंस को शिफ्टिंग व क्रू-शेड्यूल में राहत मिली है. हालांकि, DGCA ने साथ में कहा है कि एयरलाइंस को crew-gap भरने व सुधार योजना देना होगी. इस बदलाव से यात्रियों को थोड़ी राहत मिलेगी; लेकिन माहौल अभी अफरातफरी वाला बना हुआ है.

फ्लाइट्स में गड़बड़ी कैसे हुई

5 दिसंबर अफरा-तफरी का चौथा दिन था और यह देश की राजधानी दिल्ली से इंडिगो की सभी फ्लाइट्स कैंसिल होने के साथ शुरू हुआ. शुक्रवार दोपहर तक सरकारी रेगुलेटर DGCA ने 1 नवंबर से लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) को वापस ले लिया, इसे अस्थायी एक बार का एक्सटेंशन बताया.

चूंकि इंडिगो भारत में एयर ट्रैवल सेक्टर के बड़े हिस्से को कंट्रोल करती है और इसमें स्टाफ की लगातार कमी रहती है, इसलिए यह समस्या 2 दिसंबर से बढ़ गई. एयर इंडिया और अकासा एयर जैसी दूसरी एयरलाइंस में सीमित दिक्कतें आईं; उनके अपेक्षाकृत छोटे आकार ने भी असर को कम किया.


1000 से ज्यादा फ्लाइट रद्द

पिछले चार दिनों में इंडिगो की कैंसिल हुई फ्लाइट्स की कुल संख्या 1,000 से ज़्यादा हो गई. प्रभावित शहरों में दिल्ली, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के अलावा पटना, चंडीगढ़, बोधगया और दरभंगा जैसे छोटे शहर और कस्बे भी शामिल थे.

कुछ मामलों में यात्रियों ने अपना सामान चेक-इन कर दिया था. फिर उनकी फ्लाइट कैंसिल हो गई और उन्हें अपने बैग वापस पाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा. कम से कम एक मामले में, जैसा कि एक टीवी चैनल ने रिपोर्ट किया एक महिला ने बताया कि इंडिगो स्टाफ ने उसे यह कहकर घर भेज दिया कि फ्लाइट कैंसिल हो गई है, लेकिन बाद में उसे बोर्डिंग गेट से फोन आया कि उसके पास प्लेन में चढ़ने के लिए कुछ ही मिनट हैं.

फ्लाइट कैंसिल होने का मतलब शादियां भी कैंसिल होना था, क्योंकि यह परिवार के साथ मिलने-जुलने और छुट्टियों के लिए भी पीक ट्रैवल सीजन है.

एचटी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने 4 दिसंबर की रात को कहा कि उन्होंने इंडिगो के ऑपरेशंस का रिव्यू किया है. उन्होंने पोस्ट किया, "मैंने DGCA और मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों को नेटवर्क पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है और इंडिगो को जल्द से जल्द ऑपरेशंस को नॉर्मल करने का निर्देश दिया है.

अब नियमों का क्या?

अब रिवाइज्ड FDTL फ्रेमवर्क के तहत रेगुलेटर ने उस नियम को बदल दिया है जिसमें कहा गया था कि साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी. मूल नियम के अनुसार एयरलाइंस को साप्ताहिक आराम और छुट्टी अलग-अलग देनी होती थी. यह पायलटों की थकान से निपटने और इस तरह सुरक्षा को प्राथमिकता देने के लिए था.

5 दिसंबर को एक इंटरनल कम्युनिकेशन में, रेगुलेटर ने इस नियम में और कथित तौर पर कुछ अन्य नियमों में भी दी गई छूट का कारण चल रही ऑपरेशनल दिक्कतों को अहम कारण बताया गया है. कई इंडस्ट्री रिप्रेजेंटेशन ने फ्लाइट शेड्यूल में निरंतरता और स्थिरता बनाए रखने के लिए फ्लेक्सिबिलिटी मांगी थी, उसने अभी के लिए नियमों में ढील देने के अपने फैसले के लिए यह तर्क दिया.

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