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एक अफवाह से बिगड़ा नागपुर का माहौल, जानें विरोध-प्रदर्शन ने कैसे लिया भयानक हिंसा का रूप?
Nagpur Violence: नागपुर में सोमवार को औरंगजेब की कब्र के बाहर हिन्दू समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे. इस बीच अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय की पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है. इसके बाद हिंसा भड़क गई. चिटनिस पार्क और महल इलाके में लोगों के घरों में पत्थर फेंके गए और आगजनी की गई.

( Image Source:
@Sharma_bhagwti )
Nagpur Violence: देश भर में इन दिनों औरंगजेब की कब्र को लेकर विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. महाराष्ट्र के कई हिस्सों में हिंसा भी भड़क गई है. नागपुर में बस एक अफवाह ने पूरे शहर को हिंसा में बदल दिया. कुछ हिस्सों में आगजनी जैसी घटनाएं शामिल हैं, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं.
सोमवार को औरंगजेब की कब्र के बाहर हिन्दू समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे थे. अचानक 200 से 300 लोगों की भीड़ आ पहुंची. इस बीच अफवाह फैली कि मुस्लिम समुदाय की पवित्र ग्रंथ को जलाया गया है. इसके बाद हिंसा भड़क गई. वहां पर पत्थरबाजी की स्थिति पैदा हो गई. हिंसा में करीब 30 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं , प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर बड़े समारोहों पर रोक लगा दी है. पुलिस ने बताया कि 60 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में लिया गया है.
नागपुर में कैसे भड़की हिंसा?
- मुस्लिम समुदाय की पवित्र ग्रंथ जलाने की अफवाह ने हिंसा को रूप दिया. सभी बाहरी लोग थे और एक ही समूह के थे. चिटनिस पार्क और महल इलाके में लोगों के घरों में पत्थर फेंके गए और आगजनी की गई. साथ ही सड़क पर खड़ी गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया.
- स्थानीय लोगों को कहना है कि यह सब प्लानिंग के तहत किया गया है. भीड़ ने 8 गाड़ियों में तोड़-फोड़ की. उपद्रवियों ने मुखौटे पहले हुए थे. उनके पास पेट्रोल बम होने का दावा किया जा रहा है.
- रिपोर्ट में बताया गया कि सोमवार को सुबह 7 से 9 बजे के बीच हिन्दुओं समुदाय के लोगों ने मराठा प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम का आयोजन किया.
- दोपहर करीब 12 बजे विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल के 40-50 कार्यकर्ताओं ने औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. दर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने मुगल बादशाह के पुतले को चादर से ढककर आग के हवाले कर दिया.
- शाम 5 से 7 बजे के बीच मुस्लिम समुदाय के कई युवक इलाके में इकट्ठा होने लगे और नारेबाजी करने लगे. हजारों की संख्या में युवक सड़कों पर उतर आए और पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस को स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज करना पड़ा.
- पहले 25 से ज्यादा दंगाइयों को हिरासत में लिया गया. इस हिंसा में करीब 5-6 नागरिक घायल हुए.
- महाराष्ट्र पुलिस की साइबर शाखा ने 100 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट की जांच शुरू कर दी है, जिन पर कथित तौर पर आग लगाने का आरोप है. वहीं अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि वे ऑनलाइन शेयर हो रहे पुराने वीडियो के मद्देनजर अफवाहों पर ध्यान न दें.