Begin typing your search...

टॉयलेट सीट पर बैठकर गुजरात HC की सुनवाई में हाजिर हुआ शख्स, यूजर्स बोले - Global Shame, इसी से साफ करवाओ शौचालय

Gujarat High Court News: घर के टॉयलेट सीट पर बैठकर गुजरात हाईकोर्ट (HC) के जस्टिस निरंतर एस. देसाई के सामने पेश शख्स शिकायतकर्ता है. वीडियो में ब्लूटूथ नेकबैंड इयरफोन पहने हुए टॉयलेट सीट पर बैठा दिखाई दे रहा है. इस घटना को सोशल मीडिया ने ग्लोबल शेम करार दिया है. लोग शख्स को सजा देने की मांग कर रहे हैं.

टॉयलेट सीट पर बैठकर गुजरात HC की सुनवाई में हाजिर हुआ शख्स, यूजर्स बोले - Global Shame, इसी से साफ करवाओ शौचालय
X

गुजरात से एक चौंकाने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में एक शख्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गुजरात हाईकोर्ट की कार्यवाही में भाग लेते हुए शौचालय में बैठा हुआ है. जाहिर तौर पर खुद को राहत दे रहा है. बार एंड बेंच वेबसाइट के अनुसार यह घटना 20 जून को एक सुनवाई के दौरान हुई. अब इस घटना की लोग तल्ख शब्दों में आलोचना कर हैं. सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. यूजर्स ने इस घटना को 'ग्लोबल शेम' करार दिया है.

"समद बैटरी" नाम से जूम मीटिंग में लॉग इन करने वाला यह शख्स गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस निरतर एस. देसाई के सामने पेश हुआ था. वीडियो में उसे ब्लूटूथ नेकबैंड इयरफोन पहने हुए टॉयलेट सीट पर बैठे हुए दिखाया गया है. फिर वीडियो में उसे अपना फोन कुछ दूरी पर रखते हुए दिखाया गया है, जिससे वाइड एंगल व्यू मिलता है और पता चलता है कि वह टॉयलेट सीट पर बैठा है. बाद में उसे दूसरे कमरे में जाने से पहले खुद को साफ करते हुए देखा गया.

अदालत में प्रतिवादी के के रूप में पेश हुआ था शिकायतकर्ता

जिस समय ये घटना हुई उस समय अदालत चेक बाउंस मामले से संबंधित एक मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें समद कथित तौर पर आपराधिक कार्यवाही में शिकायतकर्ता था और एक प्राथमिकी (FIR) को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका में प्रतिवादी के रूप में पेश हुआ रहा था.

केवल वकीलों को मिले वीसी के जरिए पेश होने की इजाजत

वायरल वीडियो पर इंटरनेट यूजर्स की तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं. रोहित गुप्ता, जो अपनी प्रोफाइल के अनुसार एक लॉ स्टूडेंट हैं, ने इसमें शामिल व्यक्ति के लिए कड़ी सजा की मांग की है. लॉ स्टूडेंट का कहना कि, "केवल वकीलों को ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने की अनुमति दी जानी चाहिए. अगर कोई क्लाइंट शामिल होना चाहता है, तो उसे वकील के चैंबर से ही शामिल होना चाहिए. ऐसी घटनाएं वैश्विक शर्म की बात है. दुस्साहस की कल्पना करें. इसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए."

एक अन्य यूजर ने एक्स पोस्ट पर लिखा, "यह अदालत की अवमानना के साथ गंभीर मसला है. इस मामले में अदालत को कार्रवाई का आदेश देना चाहिए."

अदालत के शौचालय को साफ करने की मिले सजा

एक अन्य यूजर ने भी उस व्यक्ति की आलोचना की और सजा का सुझाव देते हुए कहा, "कितना घिनौना! इस तरह के लोग अदालत का सम्मान नहीं करते. उसे इस शर्मनाक काम के लिए 10 दिनों तक अदालत के शौचालय साफ करने की सजा मिलनी चाहिए."

एक शख्स पर लग चुका है 2 लाख का जुर्माना

शौचालय से अदालती कार्यवाही में शामिल होने का यह पहला मामला नहीं है. मार्च में गुजरात हाईकोर्ट ने शौचालय से अदालती कार्यवाही में शामिल होने के लिए एक व्यक्ति पर दो लाख का जुर्माना लगाया और उसे सामुदायिक सेवा की सजा सुनाई.

India News
अगला लेख