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क्या खत्म होने वाला है इंतजार? बीजेपी को जल्द मिलेगा अध्यक्ष, तीन राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव अधिकारी

भाजपा ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है. इसके तहत शुक्रवार को महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक चुनावों की निगरानी के लिए वरिष्ठ नेताओं को नियुक्त किया गया. किरेन रिजिजू को महाराष्ट्र, हर्ष मल्होत्रा को उत्तराखंड और रविशंकर प्रसाद को पश्चिम बंगाल का राज्य चुनाव अधिकारी बनाया गया है. भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब होता है, जब आधे से अधिक राज्यों में अध्यक्षों का चयन हो चुका हो.

क्या खत्म होने वाला है इंतजार? बीजेपी को जल्द मिलेगा अध्यक्ष, तीन राज्यों के लिए नियुक्त किए गए चुनाव अधिकारी
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( Image Source:  X )

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया तेज कर दी है. पार्टी ने शुक्रवार को महाराष्ट्र, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में संगठनात्मक चुनावों की निगरानी के लिए वरिष्ठ नेताओं की नियुक्ति की. महाराष्ट्र के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को, उत्तराखंड के लिए हर्ष मल्होत्रा को और पश्चिम बंगाल के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद को राज्य चुनाव अधिकारी बनाया गया है.

भाजपा ने X पर किए गए एक पोस्ट में कहा, "राज्य अध्यक्षों और राष्ट्रीय परिषद के सदस्यों के चुनाव के लिए पूर्व में की गई नियुक्तियों के क्रम में अब तीन राज्यों के लिए राज्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो तत्काल प्रभाव से लागू हैं."



37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से केवल 14 में नए अध्यक्ष हुए नियुक्त

भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तब ही संभव है जब पार्टी के कम से कम आधे राज्यों (या केंद्रशासित प्रदेशों) में अध्यक्ष पद के चुनाव पूरे हो जाएं. वर्तमान में 37 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में से केवल 14 में नए अध्यक्ष नियुक्त हुए हैं, जबकि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों में यह प्रक्रिया अभी बाकी है.

जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया गया

वर्तमान भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का कार्यकाल जून 2023 में ही खत्म हो गया था, लेकिन नए अध्यक्ष के चुनाव तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा गया है. हाल ही में उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में भी शामिल किया गया है.

कैसे होता है बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव?

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव एक व्यवस्थित और संविधान-नियंत्रित प्रक्रिया के तहत होता है, जिसमें पार्टी का आंतरिक लोकतंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आइए इसे आसान भाषा में चरणबद्ध समझते हैं:

1- संगठनात्मक चुनाव (Organisational Elections)

  • सबसे पहले देशभर की राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इकाइयों में संगठनात्मक चुनाव होते हैं.
  • हर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद (National Council) के प्रतिनिधि चुने जाते हैं.
  • भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव तभी हो सकता है जब कम से कम 50%+1 यानी 19 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में संगठन चुनाव पूरे हो जाएं.

2- राज्य चुनाव अधिकारी (State Election Officers) की नियुक्ति

हर राज्य में चुनाव प्रक्रिया की निगरानी के लिए पार्टी वरिष्ठ नेताओं को राज्य चुनाव अधिकारी नियुक्त करती है (जैसे कि हाल ही में किरेन रिजिजू, रविशंकर प्रसाद और हर्ष मल्होत्रा को नियुक्त किया गया).



3- राष्ट्रीय परिषद की भूमिका (Role of National Council)

  • राज्य इकाइयों से चुने गए प्रतिनिधियों से मिलकर भाजपा की राष्ट्रीय परिषद (National Council) बनती है
  • यह परिषद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए मतदान करती है (यदि एक से अधिक उम्मीदवार हों).

4. आम सहमति या चुनाव

  • अक्सर भाजपा में एक उम्मीदवार पर आम सहमति (consensus) बन जाती है, और अध्यक्ष निर्विरोध चुना जाता है.
  • यदि एक से अधिक दावेदार हों, तो मतदान कराकर बहुमत से फैसला लिया जाता है.

5- कार्यकाल और विस्तार

भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल आमतौर पर 3 साल का होता है. विशेष परिस्थिति में कार्यकाल को विस्तारित (extend) भी किया जा सकता है, जैसे अभी जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2023 में आगे बढ़ाया गया.

भाजपा के संगठनात्मक चुनाव एक ठोस संवैधानिक ढांचे और अनुशासन के तहत होते हैं. आरएसएस की राय, वरिष्ठ नेताओं की सहमति और राजनीतिक परिस्थितियां भी चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं.

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