Begin typing your search...

8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ जाएगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, 7वें वेतन आयोग ने क्या-क्या दिया था?

केंद्रीय कैबिनेट ने 16 जनवरी को 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दे दी. इससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 65 लाख पेंशन भोगियों को फायदा होगा. अभी सातवां वेतन आयोग लागू है, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक लागू रहेगा. सातवां वेतन आयोग 2016 को लागू हुआ था. आइए, जानते हैं कि 7वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को क्या-क्या मिला है...

8वें वेतन आयोग से कितनी बढ़ जाएगी केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी, 7वें वेतन आयोग ने क्या-क्या दिया था?
X

8th Pay Commission: केंद्रीय कैबिनेट ने 16 जनवरी को आठवें वेतन आयोग को मंजूरी दी. इससे 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी और महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ने का रास्ता साफ हो गया है. इसके साथ ही, 65 लाख पेंशन भोगियों को भी इसका लाभ मिलेगा. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी.

अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 1947 के बाद से सात वेतन आयोगों का गठन किया गया है. इनमें से आखिरी वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था. उन्होंने कहा कि आठवें वेतन आयोग का गठन 2026 में किया जाना था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभी वेतन आयोग के गठन का फैसला इसलिए लिया, ताकि आयोग को सिफारिश और सरकार को उस पर फैसला करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके. पहले वेतन आयोग का गठन 1946 में किया गया था.


केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा?

केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में कितना इजाफा होगा, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है. कर्मचारियों के वेतन और पेंशन को तय करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिटमेंट फैक्टर के तहत कर्मचारियों की सैलरी में 2.57 से लेकर 2.86 प्रतिशत तक इजाफा हो सकता है. यदि फिटमेंट फैक्टर 2.86 है तो कम से कम 19 हजार से लेकर 51 हजार 480 रुपये तक सैलरी बढ़ाई जा सकती है.


इससे पहले 7वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर 2.57 था. इसका मतलब यह हुआ कि कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के मूल वेतन में 2.57 फीसदी का इजाफा हुआ था. यह वेतन आयोग अभी जारी है. इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 तक है. इससे पहले, छठे वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर 1.86 था, जिसकी वजह से मूल वेतन में 1.86 फीसदी का इजाफा हुआ था.


सरकार पर बढ़ेगा वित्तीय बोझ

आठवें वेतन आयोग से सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा. इसका असर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं की मांग को बढ़ाने पर भी होगा. सरकार मुद्रास्फीति, अर्थव्यवस्था की स्थिति, आय असमानताओं और संबंधित कारकों को ध्यान में रखते हुए सरकारी कर्मचारियों के वेतन ढांचे की समीक्षा और उसमं बदलाव की सिफारिश करने के लिए वेतन आयोग की नियुक्ति करती है. आयोग मूल वेतन के अलावा, बोनस, भत्ते और अन्य लाभों की भी समीक्षा करता है.

India News
अगला लेख