वंदे मातरम् के 150 साल पर संसद में विशेष चर्चा, लेकिन असली ‘गर्मी’ बंगाल चुनाव की… PM मोदी से लेकर प्रियंका गांधी तक आमने-सामने
संसद में वंदे मातरम् के 150 साल पर विशेष चर्चा हुई, लेकिन पूरा माहौल बंगाल चुनाव की गर्मी में बदल गया. पीएम मोदी ने कांग्रेस पर वंदे मातरम् से समझौता करने का आरोप लगाया, तो प्रियंका गांधी ने BJP पर चुनावी फायदा लेने का वार किया. TMC ने भी PM की टिप्पणियों पर आपत्ति जताई, और बंगाल की सियासत का ताप अचानक चरम पर पहुंच गया.
संसद में सोमवार को वंदे मातरम् के 150 वर्षों पर विशेष चर्चा हुई, लेकिन पूरा सत्र अगले साल होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव के रंग में रंगा रहा. जैसे ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में पहुंचे, एनडीए सांसदों ने नारा लगाया. बिहार की जीत हमारी है, अब बंगाल की बारी है! यानी चर्चा जमीन पर वंदे मातरम् की थी, लेकिन राजनीतिक तीर सीधे बंगाल की ओर ही चल रहे थे.
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10 घंटे से अधिक चली इस बहस में सत्ता पक्ष ने बंगाल विभाजन, स्वदेशी आंदोलन और बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय की विरासत को सामने रखा, जबकि विपक्ष ने इसे “चुनावी चाल” बताया. प्रियंका गांधी से लेकर टीएमसी और कांग्रेस तक, सभी ने आरोप लगाया कि भाजपा इस बहस को आने वाले बंगाल चुनाव में माहौल बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है.
पीएम मोदी बोले- '1905 में जब बंगाल बांटा गया, तब वंदे मातरम् चट्टान बनकर खड़ा था” चर्चा की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वंदे मातरम् को भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा बताया. उन्होंने कहा कि 'जब 1905 में बंगाल का विभाजन किया गया, तब वंदे मातरम् चट्टान की तरह खड़ा था… यह स्वदेशी आंदोलन का नारा भी बना.' उन्होंने बताया कि उस दौर में देशभर में “माचिस की डिब्बियों से लेकर बड़े जहाजों तक ” पर वंदे मातरम् लिखा जाता था, जो विदेशी कंपनियों को चुनौती देने का प्रतीक था.
कांग्रेस पर पीएम मोदी का तीखा हमला- '1937 में वंदे मातरम् को टुकड़ों में बांट दिया गया'
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर राष्ट्रीय गीत से समझौता करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 1937 में कोलकाता में वंदे मातरम् की समीक्षा का सत्र बुलाया और ‘वंदे मातरम्’ को टुकड़ों में बाँट दिया…उनकी तुष्टिकरण राजनीति ने ही 1947 का विभाजन तैयार किया.” उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ राजनीतिक स्वतंत्रता का नारा नहीं, बल्कि “मातृभूमि के प्रति आध्यात्मिक समर्पण” का मंत्र है. बंकिम दा’ पर विवाद- टीएमसी ने बीच में टोका, पीएम ने कहा 'बंकिम बाबू… आपकी भावना का सम्मान करता हूं.
पीएम मोदी जब बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय का ज़िक्र कर रहे थे, तभी टीएमसी सांसद सुदीप्त रॉय ने आपत्ति जताई कि उन्हें ‘बंकिम दा’ नहीं, ‘बंकिम बाबू’ कहा जाए. इस पर पीएम मोदी ने तुरंत कहा कि 'मैं बंकिम बाबू कहूँगा. आपकी भावना का सम्मान करता हूँ… आपको दादा कह सकता हूँ, या वह भी समस्या है?”
सदन में इस पर हल्की हंसी भी गूंजी.
प्रियंका गांधी का पलटवार- 'आप चुनाव के लिए, हम देश के लिए…वंदे मातरम् की आड़ में मुद्दों से ध्यान हटा रही सरकार. लोकसभा में बोलते हुए प्रियंका गांधी ने भाजपा पर आरोप लगाया कि यह बहस सिर्फ बंगाल चुनाव को ध्यान में रखकर कराई गई है. उन्होंने कहा कि दो कारण हैं इस बहस के बंगाल में चुनाव आने वाले हैं और प्रधानमंत्री अपनी भूमिका स्थापित करना चाहते हैं.”
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि आप (भाजपा) चुनाव के लिए हैं, हम देश के लिए हैं… चाहे जितने चुनाव हारें, हम आपकी विचारधारा से लड़ते रहेंगे.' टीएमसी का BJP पर हमला- 'बंगालियों से नफरत करते हैं…बहस का स्तर बहुत नीचे था. टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पीएम मोदी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा कि बहस वंदे मातरम् पर थी लेकिन प्रधानमंत्री ने नेहरू और इंदिरा गांधी पर हमला बोला… यह स्तर से नीचे था.”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी बंगालियों से नफरत करती है… लेकिन मजबूरी में उन्हें नेताजी, टैगोर और बंगाल की संस्कृति को सहना पड़ता है. ममता बनर्जी ने पूछा- 'अगर नेताजी, टैगोर, राजा राममोहन राय भी पसंद नहीं, तो पसंद कौन है? कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बंगाल के महान नेताओं का सम्मान न करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि मैंने सुना कि BJP के कुछ लोग कहते हैं कि वे नेताजी को पसंद नहीं करते… तो फिर किसे पसंद करते हैं?”
बंगाल चुनाव की ओर इशारा- 'गंगा बिहार से बंगाल जाती है… जीत भी वहां पहुंचेगी'
बिहार चुनाव में बड़ी जीत के बाद पीएम मोदी ने कहा था. गंगा की तरह बिहार की जीत भी बंगाल की ओर बह रही है… अब बंगाल की बारी है. बंगाल में ममता बनर्जी 2011 से सत्ता में हैं, जबकि भाजपा ने 2021 के चुनाव में 77 सीटें जीतकर अपने लिए मजबूत जमीन बनाई थी.





