'यह एक गलती थी...' Animal में निभाई बोल्ड इमेज से बाहर निकलना चाहती हैं Tripti Dimri
त्रिप्ति आलोचनाओं से बेपरवाह हैं और एक एक्टर के तौर पर उन्हें चुनौती देने वाले अलग-अलग किरदारों को तलाशने पर फोकस करती हैं. 'एनिमल' में ज़ोया का किरदार निभाने का फ़ैसला करने के पीछे की वजह बताते हुए त्रिपती ने कहा कि एक एक्टर के तौर पर मैं अलग-अलग चीज़ें करने की कोशिश कर रही हूं.

संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' (Animal) में सपोर्टिव रोल में नज़र आने के बाद तृप्ति डिमरी (Tripti Dimri) को काफ़ी फेम मिला. हालांकि तृप्ति ने लीड रोल के तौर पर कुछ फ़िल्में की थीं, लेकिन 'एनिमल' पहली फ़िल्म थी जिसने उन्हें न सिर्फ रातों-रात स्टार बना दिया बल्कि वह अपने कुछ मिनट के रोल से नेशनल क्रश बन गई. हालांकि उन्हें बहुत सारे फैन मिले, लेकिन 'एनिमल' में उनकी जोया के बोल्ड किरदार के लिए उन्हें कुछ आलोचनाएं भी झेलनी पड़ीं.
लेकिन तृप्ति आलोचनाओं से बेपरवाह हैं और एक एक्टर के तौर पर उन्हें चुनौती देने वाले अलग-अलग किरदारों को तलाशने पर फोकस करती हैं. हाल ही में एक बातचीत में, त्रिप्ति ने 'एनिमल' और 'बैड न्यूज़' में अपनी भूमिकाओं के लिए चेकआउट करने के बारे में खुलकर बात की और बताया कि ऐसे किरदार कर के उन्होंने कोई गलती नहीं की है.
कुछ लोग आपको पसंद नहीं करेंगे
फोर्ब्स इंडिया से बात करते हुए तृप्ति ने कहा, 'मैं एक ऐसी इंसान हूं जो अपना 100 प्रतिशत देना चाहती हूं. अगर मुझे कोई किरदार या कहानी दिलचस्प लगती है, तो मैं अपना सब कुछ देना चाहती हूं. यही मैंने सीखा है - अगर यह काम करता है, तो यह काम करता है, और अगर नहीं करता है, तो नहीं करता है. हम हमेशा सभी को पसंद नहीं होंगे, कुछ लोग आपको पसंद करेंगे, और कुछ ऐसे होंगे जो आपको पसंद नहीं करेंगे. आप उस शोर को दिमाग में नहीं रख सकते आपको अपने दिल की सुननी चाहिए और वहीं करना चाहिए जो आपको सही लगे. कल, आप पीछे मुड़कर देख सकते हैं और सोच सकते हैं कि यह एक गलती थी, लेकिन उस पल, आप सच बोल रहे थे.'
कॉमेडी करना मुश्किल था
'एनिमल' में ज़ोया का किरदार निभाने का फ़ैसला करने के पीछे की वजह बताते हुए तृप्ति ने कहा, 'एक एक्टर के तौर पर मैं अलग-अलग चीज़ें करने की कोशिश कर रही हूं. ज़ोया मेरे अब तक के किरदारों से बहुत अलग थी. उन्होंने राजकुमार राव की 'विक्की विद्या का वो वाला वीडियो' में विद्या के रूप में अपनी चैलेंजिंग रोल के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा, 'हर किरदार की तरह, विद्या भी बहुत अलग थी. उसे निभाना बहुत मुश्किल था. सेट पर हर दिन मैं सोचती थी, 'आज मैं इससे कैसे बचूंगी?' कॉमेडी मेरे लिए बहुत मुश्किल है और मुझे लगता है कि ज़्यादातर एक्टर्स इस बात से सहमत होंगे. उन्होंने जानबूझकर अलग-अलग तरह की भूमिकाएं चुनने के बारे में बात करते हुए कहा, 'सेट पर जाना और नर्वस होना बहुत ज़रूरी है. जिस दिन आपकी नर्वसनेस दूर हो जाती है, उस दिन आप ख़तरे में होते हैं क्योंकि तब आपको अपने किए पर बहुत गर्व होता है.'
मैं फ्लो के साथ चल रही हूं
जब उनसे पूछा गया कि क्या वह जानबूझकर अपनी ज्यादातर सेक्सुअलाइसड इमेज से दूर जाने की कोशिश कर रही हैं, तो तृप्ति ने इस तरह के दावों से इनकार किया, और भूमिकाएं चुनने के अपने सहज नजरिए पर जोर दिया. मैं फ्लो के साथ चल रही हूं. मेरा मकसद अलग-अलग किरदार निभाना है क्योंकि मैं सेट पर जाकर बोरियत महसूस नहीं करना चाहती. मैं वहां जाकर यह नहीं सोचना चाहती कि मुझे यह सब पता है. मैं चुनौती महसूस करना चाहती हूं, यह सोचना चाहती हूं कि 'यह कैसे होगा?' - और फिर इसे पूरा करना चाहती हूं. मुझे घर जाने पर एक एक्टर के रूप में सटिस्फैक्शन महसूस करने की जरूरत है.'