टाइपकास्ट होने पर छलका इस एक्टर का दर्द, अपने को-एक्टर Saif Ali Khan के लिए कही ये बात
हाल ही में एक इंटरव्यू में, 63 वर्षीय एक्टर दीपक तिजोरी ने बताया कि वह अकेले ऐसे एक्टर नहीं हैं जिन्हें टाइपकास्ट किया गया है. 'आशिकी' और 'सड़क' जैसी फिल्मों में दीपक तिजोरी हमारे सबसे अच्छे दोस्त की भूमिका निभाई. लेकिन एक्टर को कभी लीड रोल नहीं मिला.

'आशिकी' और 'सड़क' जैसी फिल्मों में दीपक तिजोरी (Deepak Tijori) हमारे सबसे अच्छे दोस्त की भूमिका निभाई. हालांकि, इन फिल्मों ने उन्हें पहचान तो दिलाई, लेकिन उन्हें साइड रोल और सपोर्टिव किरदारों तक ही सीमित कर दिया, जिसका असर उनके करियर पर पड़ा, शायद उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए ज़रूरी मौके नहीं मिले.
हाल ही में एक इंटरव्यू में, 63 वर्षीय एक्टर ने बताया कि वह अकेले ऐसे एक्टर नहीं हैं जिन्हें टाइपकास्ट किया गया है और अपना टैलेंट दिखाने के मौके खो दिए हैं. दिग्गज एक्टर कॉमेडियन महमूद के साथ अपने सफर की तुलना करते हुए दीपक ने मिर्ची प्लस से कहा, 'मैं अकेला ऐसा एक्टर नहीं हूं जिसे टाइपकास्ट किया गया है. मुझे लगता है कि दिग्गज महमूद भी इसी दौर से गुजरे थे. वह जिस तरह की भूमिकाएं निभाते थे, उसमें फंस जाते थे.' बता दें कि महमूद 60 और 70 के दशक की फिल्मों में कॉमिक रोल करने वाले एकमात्र एक्टर साबित हुए. लेकिन, वह कॉमेडी से आगे कुछ खास नहीं कर पाए.
सैफ टाइपकास्ट होने से बच गए
अपने समय के एक्टर्स के बारे में बात करते हुए दीपक ने कहा, 'मेरे दौर में सिर्फ़ एक ही व्यक्ति टाइपकास्ट होने से बच पाया, वो हैं सैफ अली खान. उन्होंने इस दौर में अपनी जगह बनाई. लेकिन, अरशद वारसी अभी भी अपनी भूमिकाओं में कहीं न कहीं फंसे हुए हैं. मुझे वे दोनों पसंद हैं, वे कमाल के एक्टर और दोस्त हैं. सैफ इस स्थिति से बच पाए क्योंकि फरहान की फिल्म ने उन्हें ऊपर उठाया. तब तक वे 'मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी' जैसी फिल्मों में ही फंसे हुए थे.' बता दें कि 2001 में, सैफ अली खान ने फरहान अख्तर की फिल्म 'दिल चाहता है' में काम किया, जिसमें आमिर खान, अक्षय खन्ना, प्रीति जिंटा, सोनाली कुलकर्णी और डिंपल कपाड़िया जैसे कलाकार भी थे.
हाथ से निकल गया था मौका
इस बीच, दीपक तिजोरी ने पिछले कुछ सालों में कई फिल्मों में सपोर्टिंग रोल्स निभाए हैं, जिनमें से उनकी न्यू फिल्म 'टिप्सी' है. वह इस फिल्म के एक्टर, निर्देशक और राइटर हैं. इससे पहले दीपक ने बताया था कि कैसे उन्हें एक फिल्म में लीड रोल के लिए चुना गया था, जिसे मुकेश भट्ट ने प्रोड्यूस करने से मना कर दिया था. यह उनके लिए एक बार का मौका था जब वे लीड रोल के सबसे 'अच्छे दोस्त' के रूप में टाइपकास्ट होने से बाहर निकल सकते थे.