'तमिलवासी भाषा के लिए मरे हैं....' एनईपी विवाद के बीच कमल हासन की चेतावनी, खुद को बताया असफल राजनेता
हासन की टिप्पणियां केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच बड़े पैमाने पर विवाद के बीच आई हैं, जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तीन भाषा फार्मूले को लागू करने की आवश्यकता के लिए एनईपी (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) को खारिज कर दिया था.

सुपरस्टार से पॉलिटिशियन बने कमल हासन (Kamal Hasan) ने शुक्रवार को चेन्नई में मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नई शिक्षा नीति पर चल रहे विवाद पर बात की और अपनी भाषा को रिज़र्व करने में तमिलों के संघर्ष पर प्रकाश डाला. एमएनएम के 8वें स्थापना दिवस पर बोलते हुए, कमल हासन ने भाषाई गौरव के महत्व पर जोर दिया और भाषा के मुद्दे को हल्के में लेने के प्रति आगाह किया. कमल हासन ने कहा, 'तमिलियों ने एक भाषा के लिए अपनी जान गंवाई है. उन चीजों के साथ मत खेलो. तमिलवासी, यहां तक कि बच्चे भी जानते हैं कि उन्हें कौन सी भाषा चाहिए. उनके पास यह चुनने का नॉलेज है कि उन्हें कौन सी भाषा चाहिए.
हासन की टिप्पणियां केंद्र और तमिलनाडु सरकार के बीच बड़े पैमाने पर विवाद के बीच आई हैं, जब मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने तीन भाषा फार्मूले को लागू करने की आवश्यकता के लिए एनईपी (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी) को खारिज कर दिया था. तमिलनाडु सरकार की दो-भाषा नीति है, और उसने तीन-भाषा नीति के तहत हिंदी या संस्कृत को थोपे जाने की संभावना पर चिंताओं का हवाला देते हुए एनईपी का विरोध किया है.
खुद को बताया असफल नेता
पार्टी के चेन्नई मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम के दौरान, हासन ने पार्टी का झंडा फहराया और कहा, “आज, हम 8 साल के हो गए हैं, जैसे एक बच्चा बड़ा हो रहा है. इस साल, हमारी आवाज़ संसद में सुनी जाएगी, और अगले साल, आपकी आवाज़ विधानसभा में दिखाई देगी.' हासन ने खुद को 'असफल राजनेता' बताने वाली टिप्पणियों को भी स्वीकार किया और कहा कि वह पहले भी राजनीति में प्रवेश कर सकते थे.'
आज स्थिति अलग होती
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि मैं हार गया क्योंकि मैं राजनीति में बहुत देर से आया. अगर मैंने 20 साल पहले राजनीति में प्रवेश किया होता, तो मेरा भाषण और स्थिति अलग होती.' हासन ने अगले साल के लिए पार्टी के गोल को भी पॉइंट किया और अपने सपोर्टर्स से 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में सक्रिय रूप से भाग ले.