ऑस्कर से बाहर हुई 'Laapataa Ladies' तो बोले Sohum Shah, 'वहां जाने वाली हर फिल्म महान नहीं होती'
एक्टर -फिल्म प्रोड्यूसर सोहम शाह, जिनकी 2018 की फिल्म 'तुम्बाड' ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री के लिए सबसे आगे थी, लेकिन अंत में बाहर हो गई थी. अब एक्टर ने किरण राव की 'लापता लेडीज' पर अपना रिएक्शन दिया है.

आमिर खान (Aamir Khan) और किरण राव (Kiran Rao) की फिल्म 'लापता लेडीज' (Laapataa Ladies) के ऑस्कर की रेस से बाहर होने के बाद फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया (एफएफआई) के फैसले पर ऑनलाइन बहस छिड़ गई है. अब फिल्म निर्माता हंसल मेहता और म्यूजिशियन रिकी केज के बाद 'तुम्बाड़' फेम एक्टर सोहम शाह ने अपना रिएक्शन दिया है.
एक्टर -फिल्म प्रोड्यूसर सोहम शाह, जिनकी 2018 की फिल्म 'तुम्बाड' ऑस्कर में भारत की ऑफिशियल एंट्री के लिए सबसे आगे थी, लेकिन अंत में बाहर हो गई. हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक एक्टर ने कहा, 'ऑस्कर यह बताने का पैरामीटर नहीं है कि फिल्म कैसे बनाई जानी चाहिए?. यह इतनी हताश और केंद्रित होने वाली बात नहीं है. यह एक अवार्ड इवेंट है जिसकी अपनी लय है. अपनी तरह की फिल्में वे चुनते हैं और हर ऑस्कर में चुनी हुई फिल्म ही महान फिल्म नहीं होती है, उसके अलावा भी अच्छी फिल्में होती हैं. मेरे लिए यह मायने रखता है कि हमने जिन दर्शकों के लिए फिल्म बनाई है, क्या यह उन तक पहुंची है या नहीं.'
री-रिलीज़ मेरा बड़ा अवार्ड है
सोहम ने आगे कहा, 'तुम्बाड' का ऑस्कर में न जाना मेरे लिए उतना मायने नहीं रखता, जितना कि सबसे ज्यादा कमाई करने वाली री-रिलीज़ बनना मेरे लिए मायने रखता है. वह अवार्ड मेरे लिए बड़ा है. मैं ऑस्कर का फैन नहीं हूं. बता दें कि 'तुम्बाड' को इस सितंबर में फिर से रिलीज़ किया गया और इसने 25 करोड़ से अधिक की कमाई की, जिससे दोबारा रिलीज़ होने का इतिहास बन गया.
यह एक सब्जेक्टिव बात है
बहुत से लोगों ने सोचा कि पायल कपाड़िया की 'ऑल वी इमेजिन ऐज़ लाइट', जिसने कान्स फिल्म फेस्टिवल में जीत हासिल की और जिसे गोल्डन ग्लोब अवार्ड्स 2025 में नॉमिनेट किया गया, साथ ही इंटरनेशनल लेवल पर तारीफ और अवार्ड्स हासिल किए, 'लापाता लेडीज़' की तुलना में बेहतर ऑप्शन होती. इस मुद्दे पर अपने दो शब्द कहते हुए सोहम कहते हैं, 'यह एक सब्जेक्टिव बात है और जूरी ने अपनी संवेदनाओं के मुताबिक फैसला लिया होगा. उन्हें 'लापता लेडीज' पसंद हैं, इसलिए उन्होंने वह भेजा. यह इतना बड़ा विचार करने का विषय नहीं है.'