समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया समेत पांच इन्फ्लुएंसर्स को दिव्यांगों का मजाक उड़ाना पड़ा भारी, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और यह चेतावनी भी दी कि आगे ऐसी गलती न दोहराई जाए. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी, लेकिन एक शर्त भी रखी कि उन्हें अपना पासपोर्ट संबंधित साइबर पुलिस थाने में जमा कराना पड़ा.

हाल ही में एक ऑनलाइन शो ने पूरे देश में विवाद खड़ा कर दिया है. स्टैंडअप कॉमेडियन समय रैना और यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया का शो 'इंडियाज़ गॉट लेटेंट' इंटरनेट पर वायरल तो हुआ, लेकिन इसके कुछ हिस्सों में की गई टिप्पणियों को लेकर कई लोगों ने आपत्ति जताई. खासकर दिव्यांगजनों (विकलांग लोगों) का मज़ाक उड़ाए जाने को लेकर यह मामला बेहद गंभीर रूप से लिया गया और देश के कई हिस्सों में इन यूट्यूबर्स के खिलाफ FIR दर्ज हो गईं.
अब यह मामला सिर्फ सोशल मीडिया की बहस तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है, जहां इस पर कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने समय रैना, रणवीर इलाहाबादिया, निशांत, सोनाली, विपुल, और बलराज जैसे कुल 5 जाने माने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को समन भेजा है. कोर्ट ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है. जब उनके वकीलों ने यह तर्क दिया कि हमारे मुवक्किल के खिलाफ कोई सीधी याचिका दाखिल नहीं की गई है, तो कोर्ट ने साफ कहा, 'कोर्ट के समन को हल्के में नहीं लिया जा सकता, ‘अगर-मगर’ की कोई जगह नहीं है.'
मुंबई पुलिस की रिपोर्ट बनी आधार
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस कमिश्नर की रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए कहा कि सभी आरोपियों को विधिवत समन जारी किया गया था, और उन्हें कोर्ट में हाज़िर होना ही होगा. कोर्ट ने यह भी नोट किया कि पिछली सुनवाई में ये इन्फ्लुएंसर्स कोर्ट में मौजूद थे, इसलिए उन्हें अब अगली तारीख पर भी फिजिकली रूप से कोर्ट में उपस्थित रहना होगा. हालांकि, सोनाली के वकील ने कोर्ट से अपील की कि यात्रा करना उनके लिए कठिन है, इसलिए उन्हें ऑनलाइन हाज़िरी की इजाजत दी जाए. इस पर कोर्ट ने केवल सोनाली को राहत देते हुए उन्हें ऑनलाइन पेश होने की छूट दी, लेकिन बाकी सभी को फिज़िकली कोर्ट में उपस्थित रहने का सख्त आदेश दिया.
रणवीर इलाहाबादिया भी शामिल
जस्टिस कांत ने बेहद स्पष्ट शब्दों में कहा कि कोर्ट के आदेश की कोई भी अवहेलना गंभीर रूप से ली जाएगी. यानी अगली अगली सुनवाई में कोई इन्फ्लुएंसर अनुपस्थित रहता है या आदेश की अनदेखी करता है, तो कानूनी कार्रवाई तय है. इस केस में यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर इलाहाबादिया भी शामिल हैं, जो ‘बीयर बाइसेप्स’ के नाम से सोशल मीडिया पर काफी पॉपुलर हैं. जब ये विवाद गर्माया, तो उनके वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें गिरफ्तारी से बचाव की मांग की गई थी.
पासपोर्ट हुआ जब्त
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने उन्हें कड़ी फटकार लगाई और यह चेतावनी भी दी कि आगे ऐसी गलती न दोहराई जाए. हालांकि, कोर्ट ने उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी, लेकिन एक शर्त भी रखी कि उन्हें अपना पासपोर्ट संबंधित साइबर पुलिस थाने में जमा कराना पड़ा. अब रणवीर इलाहाबादिया ने अपना पासपोर्ट वापस पाने के लिए कोर्ट से इजाजत मांगी है. कोर्ट ने कहा है कि जब तक पुलिस जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक पासपोर्ट वापस नहीं किया जाएगा, क्योंकि इससे जांच प्रभावित हो सकती है. इस मुद्दे पर अगली सुनवाई 14 जुलाई को होनी थी, जिसमें कोर्ट यह तय करेगा कि रणवीर को पासपोर्ट लौटाया जाए या नहीं. कोर्ट के लिए यह फैसला मुंबई पुलिस की जांच रिपोर्ट पर निर्भर करेगा.