Saif Ali Khan 'चुन्नीबाबू' तो 'पारो' होती Kareena Kapoor, इस वजह से Sanjay Leela ने दिखाया दोनों को बाहर का रास्ता!
देवदास में ऐश्वर्या राय बच्चन द्वारा निभाया गया पार्वती (पारो) का रोल फिल्म का एक मजबूत पीलर था. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस भूमिका के लिए करीना कपूर का भी नाम विचार में था. उन्होंने फिल्मफियर को दिए इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था. जिसमें उन्होंने कहा था, 'मैंने देवदास के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था.

यह किस्सा बॉलीवुड के सबसे चर्चित सिनेमाई प्रोजेक्ट्स में से एक संजय लीला भंसाली की 'देवदास' (2002) से जुड़ा हुआ है. शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के क्लासिक उपन्यास पर आधारित इस फिल्म को लेकर भंसाली ने शुरुआत से ही बड़े सपने देखे थे और उनकी योजना थी कि इसे एक ऐसा रूप दिया जाए, जो भारतीय सिनेमा में यादगार बनकर रह जाए. इस फिल्म के लिए भंसाली ने सबसे पहले शाहरुख खान को देवदास के लीड रोल के चुना. लेकिन देवदास का सबसे दिलचस्प और जटिल किरदार चुन्नीलाल, जो देवदास का दोस्त और शराबखाने की ओर ले जाने वाला एक स्पेशल किरदार है उसके लिए निर्देशक ने शुरुआत में सैफ अली खान को सोच रखा था.
हालांकि आम धारणा यही बन गई कि सैफ ने यह रोल खुद ठुकरा दिया था, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग थी. दरअसल, सैफ ने एक पुराने इंटरव्यू (2001 में निलुफर कुरैशी को दिए इंटरव्यू) में बताया था. सैफ ने कहा था, 'संजय भंसाली मुझे मूर्ख समझते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि मैंने उन्हें मना नहीं किया. दरअसल फीस को लेकर एक गलतफहमी हो गई थी. मैंने कोई बड़ी रकम नहीं मांगी थी. बिना मेरे से सीधे बात किए उन्होंने यह चैप्टर बंद कर दिया. मुझे तो तब पता चला जब मैंने खुद फोन करके हालचाल लिया कि बात कहां तक पहुंची है.'
जैकी श्रॉफ को मिला रोल
सैफ का मानना था कि यह किरदार उनके व्यक्तित्व पर फिट भी नहीं बैठता. उन्होंने यहां तक कहा, 'मुझे हमेशा लगता था कि चुन्नीलाल का रोल मेरे लिए नहीं है. बिमल रॉय की देवदास में मोतीलाल ने इसे निभाया था, लेकिन मुझे तो यह तक लगता था कि मोतीलाल के लिए भी यह कैरेक्टर पूरी तरह जंचा नहीं.' बता दें कि, अंत में यह भूमिका जैकी श्रॉफ के पास चली गई जिन्होंने इस किरदार में जान डाल दी. वहीं इससे पहले गोविंदा को भी चुन्नीलाल का रोल ऑफर हुआ था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया था.
करीना भी हुई थी आउट
देवदास में ऐश्वर्या राय बच्चन द्वारा निभाया गया पार्वती (पारो) का रोल फिल्म का एक मजबूत पीलर था. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस भूमिका के लिए करीना कपूर का भी नाम विचार में था. उन्होंने फिल्मफियर को दिए इंटरव्यू में इसका खुलासा किया था. जिसमें उन्होंने कहा था, 'मैंने देवदास के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था. मुझे साइनिंग अमाउंट भी मिला, लेकिन बाद में यह रोल ऐश्वर्या को दे दिया गया. यह मेरे लिए करियर की शुरुआत में बहुत बड़ा झटका था. मुझे बहुत दुख हुआ क्योंकि मुझे यह भी नहीं बताया गया कि अचानक फैसला क्यों बदला.' करीना ने यह भी साफ कहा कि इस अनुभव के बाद उन्होंने तय कर लिया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, वह संजय लीला भंसाली के साथ कभी काम नहीं करेंगी. उन्होंने कहा, 'उन्होंने मुझे दुख पहुंचाया. अगर मेरे पास काम नहीं भी होगा, तब भी मैं उनके साथ फिल्म नहीं करूंगी.' हालांकि भंसाली ने इन आरोपों पर सफाई दी और कहा कि किसी भी एक्टर का स्क्रीन टेस्ट लेना कास्टिंग की गारंटी नहीं होता.
बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म 'देवदास'
2002 में रिलीज हुई देवदास को भारतीय सिनेमा का मील का पत्थर माना जाता है. शाहरुख खान (देवदास), ऐश्वर्या राय (पारो) और माधुरी दीक्षित (चंद्रमुखी) ने अपने एक्टिंग से फिल्म को अमर बना दिया. इसके ग्रैंड सेट्स, इस्माइल दरबार और बिरेन्द्रनाथ मजूमदार का म्यूजिक , और संजय लीला भंसाली की विजुअल स्टोरीटेलिंग ने इसे भारतीय फिल्मों में एक क्लासिक का दर्जा दिला दिया. फिल्म ने न केवल कई राष्ट्रीय और इंटरनेशनल अवार्ड जीते, बल्कि इसे भारत की ओर से ऑस्कर (बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज फिल्म) के लिए भी ऑफिशियल एंट्री के तौर पर भेजा गया.