Elvish Yadav के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने दर्ज की FIR, यूट्यूबर ने शेयर किया एस्कॉर्ट का फेक वीडियो
पुलिस ने एल्विश यादव के दावों को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि कंटेंट क्रिएटर को कोई ऑफिशियल सिक्योरिटी नहीं दी गई थी, साथ ही कहा कि उन पर राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए मामला दर्ज किया गया है.

यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी सीजन वन के विनर एल्विश यादव (Elvish Yadav) के खिलाफ एक मिसलीड वीडियो पोस्ट करने के लिए मामला दर्ज किया है. समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 'एल्विश यादव को जयपुर में एक म्यूजिक कॉन्सर्ट वीडियो शूट के लिए राजस्थान पुलिस द्वारा एस्कॉर्ट किया गया था.
पुलिस ने एल्विश यादव के दावों को खारिज कर दिया और स्पष्ट किया कि कंटेंट क्रिएटर को कोई ऑफिशियल सिक्योरिटी नहीं दी गई थी, साथ ही कहा कि उन पर राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश के लिए मामला दर्ज किया गया है. एल्विश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया, जिसमें वह राजस्थान के पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बेटे कृष्णवर्धन की कार में सफर करते नजर आ रहे हैं. हालांकि, जयपुर पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ ने कहा कि यूट्यूबर को ऐसा कोई एस्कॉर्ट प्रदान प्रोवाइड नहीं किया गया था.
खराब हो रही है राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा
दरअसल इस बीच, एसीपी कुंवर राष्ट्रदीप ने कहा कि राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा को धूमिल करने वाले "फर्जी वीडियो" को शेयर करने के आरोप में एल्विश यादव के खिलाफ साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई थी. यादव ने सांभर में एक संगीत वीडियो की शूटिंग के लिए 8 फरवरी को जयपुर की यात्रा की थी, इस दौरान उन्होंने एक व्लॉग भी फिल्माया था. विवादित वीडियो इसी व्लॉग का हिस्सा था. वीडियो में यह भी दिखाया गया कि यूट्यूबर की कार बिना किसी शुल्क चुकाए एक टोल बूथ से गुजर रही है और उसके पीछे पुलिस की गाड़ी चल रही है.
मंत्री जी ने किया बेटे का बचाव
वहीं राजस्थान के फॉर्मर मिनिस्टर प्रताप सिंह खाचरियावास ने खुद को और अपने बेटे को इस विवाद से दूर रखते हुए कहा है कि उनमें से किसी ने भी पुलिस एस्कॉर्ट के लिए अनुरोध नहीं किया था. उन्होंने कहा, 'एलविश यादव अक्सर मुझसे मिलने आते हैं और एक राजनेता के रूप में, मैं कई लोगों से मिलता हूं. मेरी सरकार सत्ता में नहीं है, इसलिए मुझे नहीं पता कि पुलिस वाहन की व्यवस्था किसने की या वह वहां क्यों थी.'