नंबर गेम्स में कभी नहीं फंसी... बचपन में पढ़ाई से ज्यादा किन चीजों पर था Deepika Padukone का ध्यान?
Deepika Padukone: बुधवार को परीक्षा पे चर्चा का दूसरा एपिसोड लाइव किया गया. इसमें बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने स्कूल छात्रों से बात की. हमें परीक्षा और परिणामों के संबंध में धैर्य रखना चाहिए. दीपिका ने कहा, हम केवल वही कर सकते हैं जो हमारे कंट्रोल में है, हम अच्छी नींद ले सकते हैं, अच्छी तरह से हाइड्रेट कर सकते हैं, व्यायाम कर सकते हैं और ध्यान लगा सकते हैं.."

Deepika Padukone, Pariksha Pe Charcha 2025: भारत सरकार की ओर से छात्रों के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम 'परीक्षा पे चर्चा 2025' का दूसरा एपिसोड बुधवार 12 फरवरी लाइव कर दिया गया है. यह शिक्षा मंत्रालय, माईगव इंडिया और पीएम मोदी के यूट्यूब चैनलों के साथ-साथ दूरदर्शन चैनलों पर भी उपलब्ध है. इस एपिसोड में बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण बच्चों से बात करती हुई नजर आ रही हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, परीक्षा पे चर्चा के दूसरे एपिसोड में दीपिका पादुकोण ने स्कूल छात्रों से बात की और उन्हें अपने स्कूल का एक्सपीरियंस बताया. साथ ही बच्चों को करियर और एग्जाम से जुड़ी सलाह भी दी. दीपिका ने शानदार तरीके से एंट्री की और मुस्कुराते हुए छात्रों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
एक्ट्रेस ने शेयर किया किस्सा
दीपिका पादुकोण ने अपने बचपन का एक मजेदार किस्सा साझा करते हुए कहा, "मैं बहुत शरारती बच्ची थी. मैं हमेशा टेबल, कुर्सी और सोफे पर चढ़ जाती थी और उनसे कूद जाती थी." फिर उन्होंने परीक्षा की तैयारी के अपने अनुभव के बारे में बताया, "मैं परीक्षा के दौरान बहुत तनाव में रहती थी, खासकर इसलिए क्योंकि मैं मैथ्स कमजोर थी - एक ऐसा विषय जिससे मैं अभी भी भागती हूं."
टेंशन फ्री रहने की टिप्स
दीपिका ने बच्चों को स्ट्रेस से निपटने के लिए कुछ टिप्स भी दिए. दीपिका ने छात्रों से कहा, "हम सभी तनाव का सामना करते हैं. मैं गणित में बहुत कमज़ोर थी - अभी भी हूँ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपनी किताब में जिक्र किया है कि हमें हमेशा अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय उन्हें व्यक्त करना चाहिए. जर्नलिंग ऐसा करने का एक शानदार तरीका है. "
उन्होंने आगे कहा, "तनाव होना नॉर्मल है और यह जीवन का एक हिस्सा है. हम इसे कैसे संभालते हैं, यह जरूरी बात है. हमें परीक्षा और परिणामों के संबंध में धैर्य रखना चाहिए. हम केवल वही कर सकते हैं जो हमारे कंट्रोल में है, हम अच्छी नींद ले सकते हैं, अच्छी तरह से हाइड्रेट कर सकते हैं, व्यायाम कर सकते हैं और ध्यान लगा सकते हैं.."
मेंटल पीस पर क्या बोलीं दीपिका?
कार्यक्रम के दौरान एक छात्र से दीपिका से पूछा कि एग्जाम और कंपटीशन के बढ़ते प्रेशर के बीच हम मेंटल पीस और बैलेंस को कैसे बनाए रखें? दीपिका ने जवाब दिया, "दूसरों से कंपटीशन करना और तुलना करना एक नॉर्मल सी बात है. प्रतिस्पर्धा अपने आप में बुरी नहीं है, लेकिन अपनी ताकत पर ध्यान देना और अपनी कमजोरियों पर काम करना ज़रूरी है.
उन्होंने कहा, सबसे जरूरी बात यह है कि आप उन लोगों से सीखें जिन्हें आप कंपीटीटर मानते हैं. साथ ही खुद से पूछें, 'मैं उनसे क्या सीख सकता हूँ?' और 'मैं चीजों को अलग तरीके से कैसे कर सकता हूं?' मेरे लिए, मेरी सबसे बड़ा कंपटीशन खुद से है, जब मैं किसी चीज को एक फिक्स्ड तरीके से करता हूं, तो मैं खुद को अगली बार इसे बेहतर करने की चुनौती देता हूं. मैं चीजों को इसी तरह से देखता हूं."
डिप्रेशन पर की बात
एक्ट्रेस ने डिप्रेशन पर कहा कि स्कूल के बाद स्पोर्ट्स, मॉडलिंग और फिर फिल्में. एक दिन मैं काम करते-करते बेहोश हो गई, तब पता चला मैं डिप्रेशन में थी. इसलिए अपनी समस्याओं को दोस्तों- पैरेंट्स से शेयर करना, उनसे बात करना जरूरी है. मैं बच्चों के माता-पिता से कहना चाहूंगी की बच्चों पर नंबर के लिए दबाव न बनाएं बल्कि उनकी क्षमता और इंटरेस्ट को पहचाने.