Parveen Babi : बेहद दर्दनाक थी बॉलीवुड की इस ग्लोबल आइकन एक्ट्रेस की मौत, दरवाजा तोड़ते ही उड़ गए थे सबके होश
परवीन बाबी को शिज़ोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी थी, जिसे अक्सर 'स्किज़ोफ्रेनिया' कहा जाता है. यह एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति वास्तविकता को पहचानने में कठिनाई महसूस करता है और अक्सर वह भ्रम, मतिभ्रम, और अव्यवस्थित विचारों का शिकार हो सकता है.
परवीन बाबी (Parveen Babi) टैलेंट और खूबसूरती से भरा इंडस्ट्री का प्यारा सा चेहरा जिसने 1970 और 1980 के दशक के दौरान हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी. उन्होंने 'दीवार', 'नमक हलाल', 'अमर अकबर एंथोनी' और 'कालिया' जैसी फिल्मों में उनके एक्टिंग ने न केवल उन्हें प्रसिद्धि दिलाई बल्कि उन्हें एक स्टाइल आइकन भी बनाया, फिर भी, ग्लैमर और सफलता के नीचे मानसिक बीमारी, अलगाव और दिल दहला देने वाले अंत की एक दुखद कहानी छिपी थी, जिसने उनके फैंस और फिल्म बिरादरी को समान रूप से झकझोर दिया.
परवीन बाबी को शिज़ोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी थी, जिसे अक्सर 'स्किज़ोफ्रेनिया' कहा जाता है. यह एक गंभीर मानसिक विकार है, जिसमें व्यक्ति वास्तविकता को पहचानने में कठिनाई महसूस करता है और अक्सर वह भ्रम, मतिभ्रम, और अव्यवस्थित विचारों का शिकार हो सकता है. परवीन बाबी के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में शुरुआती दौर में बहुत कम लोग जानते थे.
लोगों से कर लिया था खुद को दूर
हालांकि, उन्होंने कभी भी खुलकर अपनी बीमारी के बारे में बात नहीं की, लेकिन उनके करीबी दोस्त और को-एक्टर्स बताते हैं कि वह मानसिक दबाव और तनाव से जूझ रही थीं. 1980 के दशक में उनकी यह बीमारी और गंभीर हो गई, और यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन पर भारी प्रभाव डालने लगी. उनकी बीमारी के कारण, परवीन ने फिल्म इंडस्ट्री से दूर रहने का फैसला लिया और सामाजिक रूप से भी खुद को अलग कर लिया. उनका मानसिक संघर्ष एक ऐसी कहानी बन गई, जो बहुत कम लोगों को पता थी.
ऐसी रही एक्ट्रेस की लव लाइफ
परवीन बाबी की जिंदगी सिर्फ उनके करियर और मेन्टल हेल्थ स्ट्रगल्स के कारण नहीं बल्कि उनके लव अफेयर्स और दिलचस्प लव स्टोरीज के लिए भी चर्चित रही है. एक ग्लैमरस एक्ट्रेस होने के बावजूद, परवीन बाबी ने अपनी पर्सनल लाइफ में भी काफी कॉम्प्लिकेटेड और एक्ससिटिंग एक्सपेरिएंसेस का सामना किया. उनकी लव अफेयर्स कई मशहूर हस्तियों के साथ जुड़ा था. महेश भट्ट और परवीन बाबी की मुलाकात 1970 और 1980 के दशक में हुई, जब दोनों की जिंदगी के रास्ते अलग थे. लेकिन भट्ट ने परवीन के प्यार में अपनी पहली बीवी को छोड़ लिवइन में रहने लगे थे. महेश भट्ट ने बाद में अपनी बायोग्राफी 'दो मुलाक़ातें' में इस रिश्ते के बारे में खुलकर लिखा. परवीन और महेश के रिश्ते में गहरी समझ और प्यार था, लेकिन यह रिश्ता लंबे समय तक नहीं चल सका. दोनों के बीच मेन्टल हेल्थ प्रोब्लेम्स और व्यक्तिगत समस्याएं आ गईं, जो उनके रिश्ते के टूटने का कारण बनी. उनका नाम अमिताभ बच्चन, कबीर बेदी, डैनी डेनजोगपा से भी जुड़े.
सबसे ज्यादा फीस लेने वाली बनी एक्ट्रेस
परवीन बॉबी का पूरा नाम परवीन वली मोहम्मद अली खान बॉबी था. परवीन का जन्म उनके माता-पिता की शादी के 14 साल बाद हुआ था और जब वह सिर्फ 10 साल की थीं तो उनके पिता की मृत्यु हो गई. परवीन ने अपने करियर की शुरुआत 1972 में मॉडलिंग से की थी. परवीन बॉबी अहमदाबाद यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थीं, तभी मशहूर निर्माता और निर्देशक बीआर इशारा की नजर उन पर पड़ी। कहा जाता है कि उस वक्त उन्होंने मिनी स्कर्ट पहनी हुई थी और हाथ में सिगरेट थी. इशारा उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने तुरंत उन्हें अपनी फिल्म के लिए साइन कर लिया. 1973 की फिल्म 'चरित्रम' में वह पहली बार सिल्वर स्क्रीन पर नजर आईं. 1974 में रिलीज हुई फिल्म 'मजबूर' बॉबी की पहली हिट फिल्म थी, जिसमें उनके साथ अमिताभ बच्चन थे. 1976 से 1980 के बीच परवीन बाबी रीना रॉय के बाद दूसरी सबसे ज्यादा फीस लेने वाली एक्ट्रेस थी. परवीन ने अमिताभ बच्चन के साथ आठ फिल्मों में काम किया और ये सभी फिल्में हिट या सुपरहिट रहीं.
भूख से मौत
परवीन बाबी को पैरानॉयड सिज़ोफ्रेनिया होने के अलावा डायबिटीज और घुटने का ऑस्टियोआर्थराइटिस भी था. 50 साल की उम्र में कई अंगों की विफलता के कारण उनका निधन हो गया. लेकिन वह अपने अंतिम दिनों में अपने फ्लैट में तन्हा और अकेली थी. इसलिए तीन दिन तक किसी को पता ही नहीं चला की परवीन नहीं रही. पड़ोसियों ने जब तीन दिन तक उनके घर के बाहर न्यूजपेपर और दूध का पैकेट देखा तब उन्होंने पुलिस को बुलाया जब अंदर से कोई हरकत नहीं हुई तो उन्हें दरवाजा तोड़ना पड़ा. जैसे ही दरवाजा टूटा सबके होश उड़ गए बिस्तर पर मृत परवीन बाबी पड़ी थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उनकी मौत नींद में ही हो गई थी. उनके पेट में एक भी खाने का कण नहीं था. उनकी मौत डायबिटीज और भूख से हुई थी. परवीन बाबी ने 20 जनवरी साल 2005 में सभी को अलविदा कह दिया था.





