शहीद मेजर मोहित शर्मा से कोई संबंध नहीं....Dhurandhar को CBFC की हरी झंडी, फिल्म पूरी तरह से है काल्पनिक
रणवीर सिंह स्टारर 'धुरंधर' को लेकर विवाद था कि फिल्म शहीद मेजर मोहित शर्मा पर बेस्ड है. जिसके बाद शर्मा का परिवार कोर्ट पहुंचा और बेटे की शहादत का यूं बिना पूछे इस्तेमाल करना एक शहीद के प्रति अपमान माना। लेकिन अब साफ हो गया कि फिल्म पूरी तरह से काल्पनिक है. फिल्म को CBFC ने मंजूरी दे दी है. हालांकि पहले भी फिल्म निर्मातों ने अपने बायान में कहा था कि 'धुरंधर' मेजर मोहित शर्मा पर बेस्ड नहीं है.
अशोक चक्र और सेना पदक से सम्मानित शहीद मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता ने बॉलीवुड फिल्म 'धुरंधर' पर गंभीर आपत्ति जताई थी. उनका कहना था कि रणवीर सिंह की यह फिल्म उनके बेटे की जिंदगी और शहादत की सच्ची घटनाओं की नकल करके बनाई गई है, जबकि फिल्म वालों ने न तो परिवार से इजाजत ली और न ही भारतीय सेना से कोई मंजूरी ली .
अब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने साफ कर दिया है कि यह फिल्म पूरी तरह काल्पनिक (फिक्शन) है और इसका मेजर मोहित शर्मा की जिंदगी से कोई सीधा या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है. सीबीएफसी ने फिल्म को सेंसर पास कर दिया है और कहा है कि इसे रिलीज करने से पहले भारतीय सेना के पास भेजने की कोई जरूरत नहीं है. बोर्ड अपने नियमों के अनुसार ही काम कर रहा है.
मेजर मोहित शर्मा के परिवार ने क्या कहा?
मेजर मोहित शर्मा के माता-पिता बहुत दुखी और गुस्से में हैं. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. उनका कहना हैः फिल्म के ट्रेलर और पोस्टर्स में कई सीन बिल्कुल वैसी ही घटनाओं की कॉपी लगते हैं, जो मेजर साहब ने कश्मीर में सीक्रेट आतंकवाद-विरोधी ऑपरेशन के दौरान की थी. शहीद को कोई व्यापार की चीज नहीं बनाया जा सकता. उनकी जिंदगी को बिना सच्चाई, बिना सम्मान और बिना परिवार की अनुमति के सिर्फ पैसे कमाने के लिए इस्तेमाल करना गलत है. मेजर साहब के मरणोपरांत व्यक्तित्व अधिकार (प्राइवेसी और सम्मान का अधिकार) का उल्लंघन हो रहा है, जो संविधान के अनुच्छेद 21 में दिया गया है/ फिल्म में सेना की गोपनीय रणनीतियां, घुसपैठ के तरीके और ऑपरेशन की बारीकियां दिखाई गई हैं, लेकिन फिल्म वालों ने भारतीय सेना के पीआर विभाग (ADGPI) से कोई मंजूरी नहीं ली.
कोर्ट ने क्या कहा था?
एक दिन पहले दिल्ली हाई कोर्ट की जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने सीबीएफसी से कहा था कि अगर जरूरत पड़े तो फिल्म को सेना के पास भेजकर देख लें. लेकिन अब सीबीएफसी ने साफ इनकार कर दिया और फिल्म को हरी झंडी दे दी. फिल्म वाले बार-बार कह रहे हैं कि यह पूरी तरह काल्पनिक कहानी है, लेकिन शहीद मेजर मोहित शर्मा का परिवार इसे मानने को तैयार नहीं थे जो अब साफ़ हो गया. वे अभी भी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. अब देखना यह है कि फिल्म रिलीज होने के बाद यह विवाद और बढ़ता है या शांत हो जाता है.





