MeToo ने बर्बाद किया Sajid Khan का करियर, दर-दर भटक रहे हैं डायरेक्टर, 6 साल में कई बार की आत्महत्या की कोशिश
54 वर्षीय साजिद खान बॉलीवुड में 'MeToo' कैंपिंग में आरोपी बन गए. जिसके बाद उनका मजाक उड़ाया गया और उन्हें अपमानित किया गया. हालांकि छह साल तक उन्होंने मौन रहना चुना.

फिल्म डायरेक्टर और टीवी होस्ट साजिद खान (Sajid Khan) ने हाल ही में अपनी 6 साल की उस जर्नी के बारें में बताया, जब उन्हें 2018 यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना करना पड़ा. वह 2018 में 'हाउसफुल' 4 की शूटिंग कर रहे थे, जब कई महिलाओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों ने उनकी जिंदगी बदल दी. इन आरोपों की आंधी ने उनके करियर को प्रभावित किया, काम रातोंरात गायब हो गया.
54 वर्षीय साजिद खान बॉलीवुड में #MeToo कैंपिंग में आरोपी बन गए. जिसके बाद उनका मजाक उड़ाया गया और उन्हें अपमानित किया गया. हालांकि छह साल तक उन्होंने मौन रहना चुना, अब तक अपनी आवाज़ में घबराहट के साथ, वह याद करते है कि पिछले सालों में उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से उस पर क्या असर पड़ा है.
मुझे अपना घर बेचना पड़ा
खान ने कहा, 'पिछले 6 सालों में मैंने कई बार अपनी जिंदगी खत्म करने के बारे में सोचा. यह बेहद बुरा रहा, इस पूरी दुनिया में कि मैं काम से बाहर हो गया हूं. इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आईएफटीडीए) से मंजूरी मिलने के बावजूद. मैं अपने पैरों पर वापस खड़ा होने की कोशिश कर रहा हूं. कमाई न होने के कारण मुझे अपना घर बेचना पड़ा और किराए के फ्लैट में रहना पड़ा. मैं 14 साल का था जब मैंने कमाना शुरू किया क्योंकि मेरे पिता (एक्टर, प्रोड्यूसरऔर डायरेक्टर, कामरान खान) का निधन हो गया, जिससे मैं और मेरी बहन फराह कर्ज में डूब गए. आज, मैं चाहता हूं कि मेरी मां जीवित होती (मेनका ईरानी की 2024 में मृत्यु हो गई) और मुझे अपने पैरों पर वापस खड़ा होने की कोशिश करते हुए देखती। उसके बेटे से ज़्यादा, मैं उसकी देखभाल करने वाला था, जीवन काफी कठिन रहा है.'
मैंने कई लोगों को परेशान किया है
साजिद का कहना है कि अगर मैं अपनी जिंदगी में वापस मुड़कर देखूं तो मुझसे कई लोगों से माफी मांगना चाहिए. उन्होंने कहा, 'पहले मैं अपने करियर में सिर्फ सुर्खियां बटोरने के लिए सनसनीखेज बातें कहा करता था. जब मैंने टीवी पर काम किया तो मेरा काम लोगों का एंटरटेन करना था. मैं कई लोगों को गलत तरीके से परेशान करता था... आज जब मैं अपने कुछ पुराने इंटरव्यू देखता हूं, तो मुझे ऐसा लगता है कि मैं टाइम मशीन वापस ले लूं और उस आदमी को रोक दूं - कहूं, 'बेवकूफ, तुम किस बारे में बात कर रहे हो? तुम इतने ढीठ क्यों हो?' शब्द मायने नहीं रखते, काम करता है. क्योंकि मैं बहुत क्रूर था, मैंने लोगों को गलत तरीके से परेशान किया। जब भी मुझे इसका एहसास होगा तो मैं माफी मांग लूंगा, लेकिन जब काम बंद हो जाता है तो आप अपनी जिंदगी पर सवाल उठाना शुरू कर देते हैं। मैं नरम पड़ गया हूं. मैं अब जीवित रहने के लिए बस काम करना चाहता हूं.'
मुझे फिल्म छोड़नी पड़ी
साजिद ने अपने परिवार की उन प्रतिक्रियां के बारें बताया जब वह #MeToo कैंपिंग में फंस चुके है. उन्होंने कहा, 'ऐसा होने से दस दिन पहले, मैं राजस्थान के जैसलमेर में शूटिंग कर रहा था और मेरी मां की तबीयत ठीक नहीं थी. जब मुझे फिल्म छोड़नी पड़ी, तो मुझे चिंता थी कि अगर उसे पता चला तो उसे दिल का दौरा पड़ जाएगा. मैंने फराह बहन से कहा कि वह उनसे अखबार छुपा लें. 10 दिनों तक, मैंने सब कुछ ठीक होने का दिखावा किया, घर छोड़ दिया और वापस आ गया जैसे कि मैं सेट पर था... मैंने कभी भी किसी महिला के खिलाफ कुछ भी नहीं कहा है और न ही कभी कहूंगा. लेकिन हां, पिछले छह साल आत्म-मूल्यांकन का दौर रहा है. कैंपिंग में नामित बाकी सभी लोग काम पर वापस चले गए, लेकिन मैं नहीं लौटा. वह कठोर लगा. इससे मुझे एहसास हुआ कि मुझे न केवल अपने जीवन को बदलने की जरूरत है बल्कि लोगों से बात करने के तरीके को भी बदलने की जरूरत है. साजिद को 'हे बेबी', 'हॉउसफुल', 'हॉउसफुल 2' , 'हमशकल' और हिम्मतवाला जैसी फिल्मों के लिए जाना जाता है.