ओपन मैरिज में थे कबीर बेदी और प्रोतिमा, अफेयर के लिए थे राजी, इस कारण से नहीं तोड़ा था रिश्ता
कबीर बेदी ने रेखा से लेकर पूजा हेगड़े तक के साथ काम किया है. एक्टर की सबसे हिट फिल्म में खून भरी मांग शामिल है. वहीं, काम के अलावा, कबीर अपनी पर्सनल लाइफ को लेकर लाइमलाइट में रहते हैं. साल 2016 में एक्टर ने अपने से करीब 25 साल छोटी एक्ट्रेस परवीन के साथ शादी रचाई.

कबीर बेदी फिल्म खून भरी मांग से फेमस हुए थे. एक्टर अपनी प्रोफेशनल लाइफ के साथ-साथ पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में रह चुके हैं. कबीर बेदी ने चार शादियां रचाई. सबसे पहले उन्होंने ओडिसी डांसर प्रोतिमा बेदी से शादी की. इस शादी से दोनों के दो बच्चे पूजा और सिद्धार्थ हैं. हालांकि, यह रिश्ता निभाना आसान नहीं था, क्योंकि एक-साथ रहते वक्त दोनों ने कई उतार-चढ़ाव देखे.
हाल ही में एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने ओपन मैरिज का फैसला लिया. साथ ही, उन्होंने इसका कारण भी बताया.उन्होंने बताया कि भले ही उन्होंने अपनी ओपन मैरिज को कामयाब बनाने की कोशिश की, लेकिन इसे खत्म भी करना पड़ा.
कबीर बेदी ने क्यों चुनी ओपन मैरिज?
कबीर ने बताया कि अपने बच्चों की वजह से उन्होंने ओपन मैरिज का रास्ता चुना. हम दोनों अपने बच्चों से दूर नहीं जाना चाहते थे. इसके साथ ही, दोनों अफेयर भी करना चाहते थे. डिजिटल कमेंट्री के साथ बातचीत में कबीर बेदी से उनकी पहली पत्नी के साथ उनके रिश्ते के बारे में पूछा गया. इस पर उन्होंने कहा कि जब आप अतीत के बारे में सोचते हैं, तो आपको कुछ पछतावा होता है. हर कोई ऐसा महसूस करता है. साथ ही, आप यह भी सोचते हैं कि आप क्या अलग कर सकते थे.
दोनों थे इस रिश्ते में आजाद
कबीर बेदी ने बताया कि इस रिश्ते में वह दोनों आजाद थे. जिस पर मैंने कहा था कि तुम जो चाहो करो और मैं जो चाहूंगा वो करूंगा. हम साथ रहेंगे और अपने बच्चों की परवरिश साथ मिलकर करेंगे, लेकिन आखिरकार यह आइडिया काम नहीं कर पाया. हम उन दिनों मेरिका में रह रहे थे और काम कर रहे थे. इसलिए उनके बच्चे गर्मियों और सर्दियों की छुट्टियों में उनसे मिलने आते थे.
मैंने हमेशा साथ निभाया
कबीर ने कहा कि भले ही वे अलग हो गए, लेकिन वह हमेशा अपने बच्चों की जिंदगी में मौजूद थे. मैंने अपनी जिम्मेदारी पूरी की इस इंटरव्यू में कबीर बेदी ने कहा भले ही हम अलग हो गए हों. हमने तलाक भी ले लिया है. इसके बावजूद मैंने अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाई. मैंने न केवल उसे अपना घर दिया बल्कि हमेशा उसका साथ भी निभाया.
हम ज़िंदगी भर दोस्त बने रहे क्योंकि हमारे दो बच्चे थे और हम चाहते थे कि बच्चे जानें कि भले ही माता-पिता साथ न रह सकें लेकिन वे अभी भी हमारे माता-पिता हैं.