वसीयत पर मेरा पहला हक....कोर्ट में Karisma Kapoor और उनके बच्चों के खिलाफ Priya Kapur की दलीलें
नायर ने कोर्ट को बताया कि वसीयत से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली के ताज होटल में हुई थी, और बच्चों को इसकी पूरी जानकारी थी. उन्होंने जालसाजी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अपने दावों के लिए कोई ठोस आधार नहीं दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट में एक्ट्रेस करिश्मा कपूर के बच्चों और उनके पूर्व पति, दिवंगत बिजनेसमैन संजय कपूर की तीसरी पत्नी प्रिया कपूर सचदेव के बीच चल रही वसीयत की कानूनी लड़ाई ने नया मोड़ ले लिया है. यह मामला संजय कपूर की वसीयत से जुड़ा है, जिसमें करिश्मा के बच्चों, समायरा और कियान राज कपूर, ने दावा किया है कि वसीयत फर्जी है और उन्हें उनके पिता की संपत्ति में उचित हिस्सा नहीं मिला. दूसरी ओर, प्रिया कपूर सचदेव ने कोर्ट में वसीयत की सच्चाई का पुरजोर बचाव किया है और बच्चों के दावों को झूठा और बेबुनियाद बताया है.
प्रिया के वकील, सीनियर एडवोकेट राजीव नायर ने कोर्ट में दमदार दलीलें पेश की. उन्होंने कहा कि यह मामला 'पत्नी बनाम पत्नी' का है, जिसमें वर्तमान पत्नी यानी प्रिया को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, न कि करिश्मा को, जो संजय से अलग रह रही थी. नायर ने करिश्मा के बच्चों द्वारा दायर याचिका को 'फर्जी' और 'बेबुनियाद' करार देते हुए इसे खारिज करने की मांग की. उन्होंने कोर्ट से कहा कि बच्चों का यह दावा कि वसीयत फर्जी है, पूरी तरह निराधार है और उनके पास इसके समर्थन में कोई ठोस सबूत नहीं है.
बच्चों को वसीयत से बाहर नहीं किया गया था
प्रिया ने कोर्ट में वसीयत की प्रामाणिकता को साबित करने के लिए तीखा तर्क दिया. उन्होंने कहा, 'अगर वसीयत फर्जी होती, तो क्या मैं अपने ही बेटे का नाम गलत लिखवाती? यह बयान उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान दिया. नायर ने बताया कि संजय कपूर ने अपने बच्चों को वसीयत से बाहर नहीं किया था, बल्कि उनके लिए एक अलग ट्रस्ट बनाया था, जिसमें उनके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई थी. नायर ने यह भी कहा कि करिश्मा के बच्चों को पहले से ही परिवार के ट्रस्ट से 1,900 करोड़ रुपये मिल चुके हैं. फिर भी, उन्होंने वसीयत को चुनौती देकर कोर्ट को गुमराह करने की कोशिश की.
दावों का कोई ठोस आधार नहीं
नायर ने कोर्ट को बताया कि वसीयत से जुड़ी एक महत्वपूर्ण बैठक दिल्ली के ताज होटल में हुई थी, और बच्चों को इसकी पूरी जानकारी थी. उन्होंने जालसाजी के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ताओं ने अपने दावों के लिए कोई ठोस आधार नहीं दिया. नायर ने सवाल उठाया, 'बिना किसी आधार के फर्जीवाड़े का केस कैसे बनाया जा सकता है? उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह की निराधार मुकदमेबाजी को शुरुआत में ही खत्म कर देना चाहिए.
दिल्ली हाईकोर्ट की अगली सुनवाई
प्रिया के वकील ने यह भी तर्क दिया कि करिश्मा के बच्चों को वसीयत के बारे में पहले से पता था, और अब उनकी ओर से किया जा रहा विरोध बेकार है. उन्होंने कोर्ट से मांग की कि इस याचिका को खारिज कर दिया जाए, क्योंकि यह पूरी तरह से गलत और बिना आधार के है. अब इस मामले में सभी की नजरें दिल्ली हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं. कोर्ट का अगला फैसला यह तय करेगा कि संजय कपूर की वसीयत को लेकर चल रही इस कानूनी जंग में जीत किसकी होगी- प्रिया कपूर सचदेव की, जो वसीयत की सच्चाई पर अडिग हैं, या करिश्मा कपूर के बच्चों की, जो अपने हक के लिए लड़ रहे हैं.