'मुझे गूगल कर लो...' घंटो तक हिरासत में था यह एक्टर, न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर हुआ था बुरा हाल
साल 2009 की घटना को याद करते हुए नील नितिन मुकेश ने शेयर किया कि कैसे उन्हें न्यूयॉर्क एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया था. वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्शन कॉमेडी 'हिसाब बराबर' में नजर आ रहे हैं. अश्वनी धीर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में आर माधवन के साथ कीर्ति कुल्हारी, रश्मि देसाई और फैसल राशिद भी सपोर्टिंग रोल्स में हैं.

बॉलीवुड एक्टर नील नितिन मुकेश (Neil Nitin Mukesh) ने हाल ही में न्यूयॉर्क एयरपोर्ट से अपना एक परेशान करने देने वाला खराब अनुभव शेयर किया. जब उन्हें न्यूयॉर्क के एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया था और उनकी नेशनलिटी के बारे में पूछताछ की गई थी. एक्टर ने मैशेबल इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि भारतीय पासपोर्ट होने के बावजूद इमीग्रेशन ऑफिसर ने यह मानने से इनकार कर दिया कि वह भारतीय हैं.
साल 2009 की घटना को याद करते हुए नील ने कहा, 'जब मैं फिल्म 'न्यूयॉर्क' कर रहा था तो मुझे वहां एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने यह मानने से इनकार कर दिया कि मेरे पास भारतीय पासपोर्ट है और मैं भारतीय हूं. तो ये काफी बड़ी खबर बन गई कि मुझे हिरासत में लिया गया. उन्होंने मुझे जवाब भी नहीं देने दिया या अपने बारे में कुछ भी कहने नहीं दिया.' स्थिति तब और बिगड़ गई जब ऑफिसर उसे अपनी सफाई देने का मौका दिए बिना ही उससे पूछताछ करते रहे. नील ने शेयर किया कि उसे अपनी आइडेंटिफिकेशन करने की परमिशन देने से पहले लगभग चार घंटे तक रोके रखा गया था.'
मुझे गूगल कर लो
जब नील से पूछा गया कि वह इस सिचुएशन से बाहर निकलने में कैसे कामयाब रहे, तो उन्होंने कहा, 'चार घंटे बाद वे आए और पूछा, 'तुम्हें क्या कहना है?' और मैंने बस कहा, 'बस मुझे गूगल करो.' तब वे इतने शर्मिंदा हुए कि उन्होंने मुझसे मेरी लेजेसी, मेरे दादा और मेरे पिता के बारे में सवाल करना शुरू कर दिया.' नील नितिन मुकेश म्यूजिशियन और एक्टर्स के एक प्रतिष्ठित वंश से आते हैं. उनके दादा, महान मुकेश, भारतीय सिनेमा में सबसे लीजेंड प्ले बैक सिंगर में से एक थे, जबकि उनके पिता, नितिन मुकेश ने भी प्ले ब्लैक सिंगर के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
माधवन संग 'हिसाब बराबर'
वर्क फ्रंट की बात करें तो एक्शन कॉमेडी 'हिसाब बराबर' में नजर आ रहे हैं. अश्वनी धीर द्वारा निर्देशित इस फिल्म में आर माधवन के साथ कीर्ति कुल्हारी, रश्मि देसाई और फैसल राशिद भी सपोर्टिंग रोल्स में हैं. कहानी एक रेलवे टिकट चेकर की है जो मामूली बैंक लेनदेन में विसंगतियों को उजागर करता है, जो उसे डीप सिस्टमिक करप्शन को एक्सपोज़ करने के लिए इंस्पायर्ड करता है. यह ZEE5 पर स्ट्रीमिंग हो रही है.