Dhurandhar X Review : धमाकेदार स्पाई थ्रिलर में छाए Ranveer Singh, विलेन बन Akshay Khanna ने काटा गदर, Sanjay Dutt भी चमके
5 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई 'धुरंधर' एक हाई-ओक्टेन स्पाई एक्शन थ्रिलर है, जो आदित्य धर के निर्देशन में बनी है. यह फिल्म रणवीर सिंह की दो साल बाद की बड़ी वापसी है, जहां वे एक RAW एजेंट के रोल में नजर आते हैं. स्टार-स्टडेड कास्ट में संजय दत्त, अक्षय खन्ना, आर माधवन, अर्जुन रामपाल और सारा अर्जुन हैं। फिल्म सच्ची घटनाओं से इंस्पायर्ड है.
Dhurandhar X Review : अगर आप एक्शन थ्रिलर के दीवाने हैं, तो रणवीर सिंह (Ranveer Singh) की नई फिल्म 'धुरंधर' (Dhurandhar) आपके लिए एकदम परफेक्ट है. 5 दिसंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई यह फिल्म आदित्य धर के निर्देशन में बनी है, और यह रणवीर की दो साल बाद की बड़ी वापसी है. फिल्म को CBFC से A सर्टिफिकेट मिला है, यानी वयस्कों के लिए ही, क्योंकि इसमें खूब हिंसा और इंटेंस सीन हैं.
कुल रनटाइम 3 घंटे 34 मिनट का है हां, थोड़ा लंबा लग सकता है, लेकिन रिव्यूज कहते हैं कि एक भी मिनट बोरिंग नहीं पड़ता. फिल्म दो भागों वाली है, और इसका पार्ट 2 अगले साल गर्मियों में आने की उम्मीद है. प्लस, एंड में 4 मिनट का पोस्ट-क्रेडिट सीन है, जो सीक्वल की ओर इशारा करता है तो, अगर आप थिएटर में हैं, तो आखिर तक रुकिएगा!.
रणवीर का दबदबा, बाकी सब सॉलिड सपोर्ट
रणवीर सिंह का काम फिल्म का सबसे बड़ा हाइलाइट है. उनका फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन मसल्स, इंटेंस लुक और रॉ एनर्जी कमाल का है. मेजर मोहित के रोल में वे ग्रिट, पावर और गहरे इमोशंस लाते हैं. यह उनका सबसे इंटेंस परफॉर्मेंस है, जो आपको 'पैसा वसूल' फील कराएगा. एक्शन सीन में उनकी स्क्रीन प्रेजेंस डोमिनेट करती है रेस्क्यू और कॉम्बैट सीक्वेंस रियल और ग्राउंडेड लगते हैं. सपोर्टिंग कास्ट भी कमाल की है. आर माधवन का रोल सॉलिड है, वे इमोशनल डेप्थ ऐड करते हैं. अक्षय खन्ना का विलेन रोल दिल जीत लेता है क्रूर और कैरिश्मेटिक. संजय दत्त का क्रूर विलेन लुक रोंगटे खड़े कर देता है, जबकि अर्जुन रामपाल का टेररिस्ट किरदार डार्क और ग्रिपिंग है. सारा अर्जुन का रोल छोटा है, लेकिन उनकी केमिस्ट्री रणवीर के साथ अच्छी है. कुल मिलाकर, यह एक पावरहाउस एन्सेम्बल है, जहां हर कलाकार अपना बेस्ट देता है.
'धुरंधर' का एक्स रिव्यू
अब नजर डालते है फिल्म के एक्स रिव्यू पर आखिर दर्शकों को फिल्म कितनी पसंद आई है. एक यूजर ने लिखा, 'ट्विटर ने 'धुरंधर' फिल्म और रणवीर सिंह, संजय दत्त, अक्षय खन्ना को सपोर्ट करने के लिए लाइक बटन बदल दिया है. कृपया फिल्म देखने थिएटर में जाएं.'
दूसरे ने लिखा, 'अभी इंटरवेल चल रहा है....रहमान बलूच को सलाम अक्षय खन्ना बिल्कुल कमाल कर रहे हैं!...'
तीसरे ने कहा, 'धुरंधर आग नहीं जंगली आग है.'
एक अन्य कहा, 'पाकिस्तानियों के लिए बुरा सपना है.....बिल्कुल सेलेबस से बाहर. इस फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर धमाका करने से कोई नहीं रोक सकता.'
एक का कहना है, 'एक इस्लामी देश में खाना खाते हुए वह क्यों रोया, यह कोई सनातनी ही समझ सकता है. हमारे जासूस भारत माता की रक्षा करते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें अपनी संस्कृति के विरुद्ध जाना पड़े....ऐसे वीरों को नमन.'
क्या कहती है फिल्म की कहानी?
फिल्म की कहानी भारतीय राजनीति और अंडरवर्ल्ड की गहराइयों में घुसती है. यह रियल लाइफ इवेंट्स से इंस्पायर्ड है, जैसे 1999 का IC-814 हाइजैक और 2001 का संसद हमला. रणवीर सिंह एक RAW एजेंट मेजर मोहित के रोल में हैं, जो पाकिस्तान जाकर एक बड़े टेरर नेटवर्क को तोड़ने का मिशन लेते हैं. उनके सामने तीन धाकड़ विलेन हैं संजय दत्त (पाकिस्तानी पुलिस ऑफिसर की तरह क्रूर), अक्षय खन्ना (गैंगस्टर रेहमान डाकैत से इंस्पायर्ड), और अर्जुन रामपाल (टेररिस्ट इलियास कश्मीरी जैसा खतरनाक). आर माधवन नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल जैसे रोल में हैं, जो कहानी को मजबूती देते हैं. सारा अर्जुन रणवीर की लव इंटरेस्ट हैं, लेकिन फिल्म का फोकस जासूसी, शेक्सपियरियन बैट्रेयल (धोखे) और इमोशनल ड्रामा पर है. शुरुआत से ही ग्रिपिंग है पहले 30 मिनट में ही दो जबरदस्त एक्शन ब्लॉक आपको सीट से बांध देते हैं. मिडिल में थोड़ा स्लो पेस है, लेकिन क्लाइमेक्स इतना ट्विस्टेड और सरप्राइजिंग है कि रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कुल मिलाकर, यह एक हाई-एड्रेनालाइन देशभक्ति एक्शन ड्रामा है, जो मास एंटरटेनमेंट और सिनेमाई डेप्थ का रेयर ब्लेंड है.
हॉलीवुड लेवल का स्केल एक्शन
कोरियोग्राफी टॉप नॉच है और रियल लगते हैं, न कि CGI से भरे। सिनेमेटोग्राफी शार्प है, जो बैटल के कैओस और कैरेक्टर्स के इमोशंस को कैप्चर करती है. BGM (बैकग्राउंड म्यूजिक) आइकॉनिक है, जो हर सीन को और इंटेंस बनाता है. डायरेक्शन में आदित्य धर का स्टाइल बोल्ड और लार्जर-दैन-लाइफ है. पाकिस्तानी लोकेशन्स का रीक्रिएशन ऑथेंटिक लगता है. हालांकि, रनटाइम की वजह से कुछ सीन लंबे फील हो सकते हैं, लेकिन ओवरऑल, यह एक ब्रूटल सिनेमैटिक एक्सपीरियंस है.





