विवादों में फंसी 'Chhava', पूर्व सांसद ने किया Vicky Kaushal और Rashmika Mandanna के डांस सीक्वेंस का विरोध
हाल ही में विक्की कौशल और रश्मिका मंदना स्टारर फिल्म छावा का ट्रेलर रिलीज हुआ. जिसमें एक्शन सीक्वेंस के साथ दोनों का एक डांस सीन भी शामिल है. लेकिन अब इसपर पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजीराजे छत्रपति आपत्ति जताई है. उन्होंने अपने एक बयान में कहा है कि फिल्म को रिलीज से पहले प्रोड्यूसर्स को उनसे विचार विमर्श करना होगा.

पूर्व राज्यसभा सांसद संभाजीराजे छत्रपति ने शुक्रवार को कहा कि अपकमिंग एपिक ड्रामा 'छावा' (Chhava) को रिलीज करने से पहले पहले इतिहासकारों को दिखाया जाना चाहिए क्योंकि यह फिल्म मराठा योद्धा-राजा छत्रपति संभाजी महाराज पर आधारित है. छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज, पूर्व सांसद की टिप्पणियां कुछ तबकों के विरोध के बीच आईं, जिन्होंने फिल्म में एक डांस सीन पर आपत्ति जताई थी.
इसमें एक्टर विक्की कौशल और रश्मिका मंदाना शामिल हैं, जो फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज और महारानी येसुबाई की भूमिका निभा रहे हैं. इस हफ्ते की शुरुआत में जारी फिल्म के ट्रेलर में एक सीक्वेंस है जिसमें विक्की और रश्मिका मंदाना महाराष्ट्र की सांस्कृतिक विरासत से जुड़े ट्रेडिशनल म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट 'लेज़िम' के साथ डांस करते नजर आ रहे हैं. जिसे उन्होंने हटाने की मांग की है.
अशुद्धियों को दूर करना होगा
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक संभाजीराजे छत्रपति ने कहा यह सराहनीय है कि फिल्म छत्रपति संभाजी महाराज के जीवन और वीरतापूर्ण शासनकाल पर प्रकाश डालती है. निर्देशक लक्ष्मण उतेकर और उनकी टीम ने मुझे फिल्म का ट्रेलर दिखाया. मैंने मैंने उनसे कहा कि मैं रिलीज से पहले पूरी फिल्म देखना चाहूंगा. मैंने उन्हें कनेक्ट करने की भी पेशकश की. इस महत्वपूर्ण कहानी को दुनिया भर के दर्शकों के सामने प्रामाणिक रूप से प्रेजेंट किया जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए इतिहासकारों को अशुद्धियों को दूर करने के लिए कहा जाएगा.'
रिलीज से पहले विचार-विमर्श करें
उन्होंने जोर देकर कहा, 'हालांकि, फिल्म प्रोड्यूसर ने अभी तक इतिहासकारों के साथ बातचीत नहीं की है. जबकि लेज़िम हमारी सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, इस पर चर्चा करना जरुरी है कि क्या इस तरह की सिनेमाई स्वतंत्रता लेना संभाजी महाराज की गरिमा और ऐतिहासिक चित्रण के अनुरूप है. इतिहासकारों और एक्सपर्ट्स को चाहिए कि इस फिल्म को रिलीज करने से पहले विचार-विमर्श जरूर करें. उन्होंने कहा कि फिल्म प्रोड्यूसर्स को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ऐसे ऐतिहासिक व्यक्तित्वों का व्यक्तित्व फिल्मों में हमेशा सम्मानजनक और सटीक रहे.
लाल महल में विरोध प्रदर्शन
इससे पहले दिन में, कुछ मराठा संगठनों ने पुणे के ऐतिहासिक लाल महल में विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शनकारियों में से एक ने कहा, 'हम उस डांस सीक्वेंस पर आपत्ति करते हैं जिसमें राज्याभिषेक के बाद संभाजी महाराज और रानी येसुबाई को डांस करते हुए दिखाया गया है. फिल्म प्रोड्यूसर्स को इतिहासकारों को फिल्म दिखानी चाहिए और उनकी हरी झंडी मिलने के बाद ही इसे रिलीज किया जाना चाहिए. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रोड्यूसर्स ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो यह सुनिश्चित किया जाएगा कि फिल्म महाराष्ट्र में रिलीज न हो. 'छावा' 14 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज होने के लिए तैयार है.'