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Ashish Chanchlani ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, गुवाहाटी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग

रणवीर अल्लाहबादिया विवाद के बीच, यूट्यूबर आशीष चंचलानी ने अश्लीलता मामले में गुवाहाटी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. मंगलवार को गुहाटी हाई कोर्ट ने आशीष की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा.

Ashish Chanchlani ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख, गुवाहाटी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग
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( Image Source:  Instagram : ashishchanchlani )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Updated on: 21 Feb 2025 1:19 PM IST

रणवीर अल्लाहबादिया (Ranveer Allahbadia) की टिप्पणियों पर विवाद के बीच, यूट्यूबर आशीष चंचलानी ने एक ऑनलाइन शो में कथित तौर पर अश्लीलता को बढ़ावा देने के मामले में गुवाहाटी में दर्ज एफआईआर को रद्द करने या मुंबई ट्रांसफर करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.

हिंदुस्तान टाइम्स रिपोर्ट के मुताबिक, आशीष चंचलानी (Ashish Chanchlani) असम में दर्ज मामले में नामित व्यक्तियों में से एक हैं. रणवीर यूट्यूब शो इंडियाज गॉट लेटेंट पर अपनी विवादित कमेंट के कारण मुख्य आरोपी हैं. याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिस्वर सिंह की अदालत की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए लिस्टेड है.

एफआईआर को रद्द करने की मांग

आशीष ने अपनी याचिका में साइबर पुलिस स्टेशन पुलिस कमिश्नरेट, गुवाहाटी क्राइम ब्रांच, असम में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है. याचिका में यूट्यूबर ने कहा है, 'साइबर पीएस पुलिस आयुक्तालय, गुवाहाटी अपराध शाखा, असम में दर्ज एफआईआर को मुंबई पुलिस स्टेशन नोडल साइबर, मुंबई में ट्रांसफर करने की मांग की है, क्योंकि 2025 की एफआईआर संख्या 05, मुंबई पुलिस स्टेशन नोडल साइबर, मुंबई में रजिस्टर्ड पहले दर्ज की गई थी.

क्लाइंट ने शो में कुछ भी नहीं कहा

मंगलवार को गुहाटी हाई कोर्ट ने आशीष की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें अंतरिम जमानत दे दी और 10 दिनों के भीतर जांच अधिकारी के सामने पेश होने को कहा. उनके वकीलों ने तर्क दिया था कि उनके क्लाइंट ने शो में कुछ भी नहीं कहा और एफआईआर में आरोप केवल सह-आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ लगाए गए थे. गुवाहाटी पुलिस ने 10 फरवरी को एक व्यक्ति की शिकायत पर भारतीय न्याय संधि (बीएनएस), इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, सिनेमैटोग्राफ एक्ट और महिलाओं के प्रति अश्लीलताओं को बढ़ावा देने (निषेध) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत FIR दर्ज की थी.

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