कई विलेन किरदार निभाने के बाद 'बाबू राव' ने चमकाई Paresh Rawal की किस्मत, पेड़ के नीचे रचाई थी मिस इंडिया से शादी
1984 में फिल्म 'होली' से करियर की शुरुआत करने वाले परेश ने शुरुआत में अधिकतर विलेन के किरदार निभाए. 'नाम', 'रोड', 'तमन्ना', 'सरफरोश' और 'कभी हां कभी ना' जैसी फिल्मों में उनका निगेटिव अंदाज़ दर्शकों को खूब भाया. , लेकिन इससे उन्हें ‘हीरो’ जैसा फेम नहीं मिला.

बॉलीवुड में कई कलाकार आते हैं, कुछ छा जाते हैं, कुछ खो जाते हैं. लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो हर किरदार में जान फूंक देते हैं, परेश रावल उन्हीं में से एक हैं. उन्होंने न सिर्फ़ खलनायक के रूप में पहचान बनाई, बल्कि कॉमेडी में भी अपनी अमिट छाप छोड़ी. 80 के दशक में अपना करियर शुरू करने परेश 240 से अधिक फ़िल्में की है. लेकिन उनका इंडस्ट्री में एक बड़ा स्टार बनना इतना आसान नहीं था. परेश ने अपने करियर की शुरुआत गुजराती थिएटर से की थी.
थिएटर से उन्हें बेसिक नॉलेज की समझ तो मिली, लेकिन फिल्मी दुनिया में कदम रखना आसान नहीं था. शुरुआत में उन्हें छोटे-मोटे रोल्स ही मिलते थे अक्सर वो भी बिना क्रेडिट के. उनके संघर्ष का दौर लंबा था, क्योंकि उस समय इंडस्ट्री में "हीरो जैसा चेहरा" और "स्टार कनेक्शन" ही सफलता की गारंटी माने जाते थे। परेश रावल न तो पारंपरिक हीरो थे, न ही उनका कोई गॉडफादर था. आइए जानते हैं उस कलाकार की दिलचस्प कहानी, जिसने अभिनय को नई परिभाषा दी.
विलेन से कॉमेडियन
1984 में फिल्म 'होली' से करियर की शुरुआत करने वाले परेश ने शुरुआत में अधिकतर विलेन के किरदार निभाए. 'नाम', 'रोड', 'तमन्ना', 'सरफरोश' और 'कभी हां कभी ना' जैसी फिल्मों में उनका निगेटिव अंदाज़ दर्शकों को खूब भाया. , लेकिन इससे उन्हें ‘हीरो’ जैसा फेम नहीं मिला. वो खुद कहते हैं कि, 'लोग मुझे पहचानते तो थे, लेकिन सिर्फ़ एक निगेटिव फेस के तौर पर. फिर हुआ असली धमाका 2000 में, जब उन्होंने “हेरा फेरी” में बाबूराव गणपत राव आप्टे का किरदार निभाया. इस किरदार ने परेश रावल को कॉमेडी का किंग बना दिया. बाबू राव के डायलॉग्स आज भी मीम्स और सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं.
बाबू राव के किरदार ने चमकाई किश्मत
1990 के दशक के अंत में जब उन्होंने “हेरा फेरी” (2000) में बाबू राव का किरदार किया, तो वो खुद भी नहीं जानते थे कि यह रोल उनकी जिंदगी बदल देगा. कॉमेडी एक चुनौती थी, क्योंकि दर्शक उन्हें खलनायक के रूप में जानते थे. लेकिन इस किरदार में उनकी कॉमिक टाइमिंग ने उन्हें रातोंरात एक अलग पहचान दी. यह एक रिस्क था लेकिन वो रिस्क इतिहास बन गया. इसके बाद वह 'हेरा फेरी' 2 में भी अपनी कॉमिक टाइम से सबको गुदगुदाने में कामयाब रहे हालांकि 'हेरा फेरी' 3 को लेकर चर्चा गर्म है कि वह इस फिल्म का हिस्सा नहीं है जिसने दर्शकों काफी हद तक निराश किया है.
तमन्ना के जीता नेशल अवार्ड
परेश रावल ने कई अवॉर्ड्स अपने नाम किए हैं, उन्हें तमन्ना के लिए नेशनल अवॉर्ड मिला, जो एक ट्रांसजेंडर मां की भूमिका पर आधारित फिल्म थी. इसके अलावा फिल्मफेयर अवॉर्ड, आईफा, स्क्रीन अवॉर्ड और कई अन्य सम्मान उनके नाम हैंपरेश रावल को इससे दिक्कत थी, क्योंकि वे खुद को एक वर्सेटाइल एक्टर मानते थे. उन्होंने इस बंधन को तोड़ने के लिए 'OMG: Oh My God!” जैसी फिल्मों में सामाजिक सवाल उठाने वाले गंभीर किरदार निभाए, और उसमें भी वही असर छोड़ा.
मिस इंडिया से रचाई शादी
परेश रावल की निजी ज़िंदगी भी उतनी ही प्रेरणादायक है. उन्होंने एक्ट्रेस स्वरूप संपत से शादी की है, जो मिस इंडिया भी रह चुकी हैं. उनके दो बेटे हैं और वह अपने परिवार के बेहद करीब हैं. वह कभी भी विवादों में नहीं पड़ते और अपनी निजी जिंदगी को हमेशा कैमरे से दूर रखते हैं. लेकिन परेश रावल की लव स्टोरी स्वरूप संपत के साथ बेहद दिलचस्प है.1975 में एक फंक्शन में स्वरूप को देखते ही परेश उन पर फिदा हो गए. उन्होंने अपने दोस्तों से कहा कि वह शादी करेंगे तो इसी लड़की से. 12 साल तक डेटिंग के बाद, 1987 में उनकी शादी एक पेड़ के नीचे बिना मंडप के हुई, जहां पंडित मंत्र पढ़ रहे थे. स्वरूप 1979 की मिस इंडिया रह चुकी हैं और आज वह दिव्यांग बच्चों को एक्टिंग सिखाती हैं.
सांसद रह चुके हैं एक्टर
परेश रावल सिर्फ़ एक एक्टर नहीं, बल्कि एक सांसद भी रहे हैं. उन्होंने 2014 में बीजेपी के टिकट पर अहमदाबाद ईस्ट से लोकसभा चुनाव जीता और सांसद बने. उन्होंने संसद में भी अपनी साफ़गोई और ईमानदारी के लिए तारीफ़ बटोरी. हालांकि, एक्टिंग से उनका लगाव इतना गहरा है कि उन्होंने एक्टिंग कभी नहीं छोड़ी. राजनीति के बावजूद वो स्क्रीन पर नज़र आते रहे.