Assembly Election 2024: पगड़ी बचाने की जुगत में लगे चौधरी, जानें हरियाणा के 7 बड़े नेताओं ने क्या कहा?
हरियाणा चुनाव 2024 के लिए मतदान 5 अक्टूबर को किया जाएगा. पार्टियों ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया है. अब वोटर्स तय करेंगे किसकी सरकार बनेगी. चुनाव किसी भी राज्य को हो कई ऐसे नेता या पार्टियां हैं जो अपने बयानों से वोटर्स का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं और सुर्खियों में बने रहते हैं.

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 90 सीटों पर मतदान 5 अक्टूबर को होगा, जहां सभी पार्टियों के उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाने के लिए मैदान में हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस चुनाव में 89 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जबकि अन्य पार्टियों ने भी अपनी चुनावी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है.
चुनाव प्रचार के दौरान कई नेताओं के बयान चर्चा का केंद्र बने हुए हैं, जिन्होंने लोगों और मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है. आइए जानते हैं उन नेताओं के बयानों को जिन्होंने सुर्खियां बटोरीं और हरियाणा चुनावी राजनीति में चर्चा का विषय बना.
1. मुझे कहा जा रहा था जयचंद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयप्रकाश (जेपी) ने चुनाव से पहले अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा कि जो लोग उनके मुख्यमंत्री पद के दावे पर सवाल उठा रहे हैं, वे बेवजह का मुद्दा खड़ा कर रहे हैं. जयप्रकाश ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब उन्हें गांव मटौर और कुराड़ की रैलियों में 'जयचंद' कहकर पुकारा जा रहा था, तब यह नेता कहां थे? उन्होंने यह भी कहा कि उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कैथल की पगड़ी रोहतक वालों के सिर पर रख दी, जबकि कैथल में कोई ऐसा नेता नहीं है जो इस लायक हो. रोहतक के नेता जरूर काबिल हैं.
2. जाट कर रहे कांग्रेस का समर्थन
कांग्रेस के एक अन्य प्रमुख नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने हरियाणा के चुनावी माहौल में भाजपा की नीतियों की कड़ी आलोचना की. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के मतदाता भाजपा की नीतियों से निराश हैं और अब कांग्रेस के पक्ष में खड़े हो रहे हैं. उन्होंने जाट मतदाताओं के कांग्रेस के प्रति समर्थन की बात करते हुए कहा कि हरियाणा में जाट मतदाता कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं, हालांकि अन्य दलों में भी जाट हैं. बीरेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि हरियाणा में मुस्लिम मतदाता, जो कुल मतदाताओं का लगभग 5 प्रतिशत हैं, कांग्रेस को वोट देंगे. उनके अनुसार, यह कहना गलत है कि चुनाव केवल जाट और गैर-जाट मतदाताओं के बीच की लड़ाई है.
3. सत्ता में आकर ताकतवर बनना हैं
जुलाना सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार और पहलवान विनेश फोगाट भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान, विनेश ने भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि वह इसलिए टिके हुए हैं क्योंकि वे राजनीतिक रूप से शक्तिशाली हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारे पास सत्ता नहीं है, तो हमारा संघर्ष व्यर्थ हो जाएगा. विनेश ने यह भी कहा कि हमें भी सत्ता में आकर ताकतवर बनना होगा.
4. 50 वोट के बदले नौकरी
कांग्रेस उम्मीदवार नीरज शर्मा का बयान भी चर्चा का विषय बना. उन्होंने अपने चुनावी वादे में कहा कि अगर कांग्रेस सत्ता में आती है, तो वह दो लाख नौकरियां देगी. इसके अलावा, नीरज ने मैरिट के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें यह सिस्टम समझ में नहीं आता है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनने पर गांवों में जितने वोट मिलेंगे, उतनी ही नौकरियां दी जाएंगी.
5. मैं भी बनूंगा सीएम
भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुरुग्राम से सांसद इंद्रजीत सिंह ने भी चुनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने खुद की उपेक्षा का मुद्दा उठाया और मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जाहिर की. इंद्रजीत ने कहा कि जनता जानती है कि सरकार बनाने के बावजूद उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं मिला और उनकी लगातार उपेक्षा की गई है.
6. नायब सिंह सैनी ही होंगे अगले सीएम
पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भाजपा नेता अनिल विज की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पर कहा कि कोई भी व्यक्ति दावेदारी पेश कर सकता है, इसमें कोई आपत्ति नहीं है. हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ने पहले ही फैसला कर लिया है कि अगले मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी होंगे. खट्टर का यह बयान पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी चर्चा पर विराम लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है.
7. मैं सबसे सीनियर, मुझे मिले राज्य की कमान
अंबाला कैंट से भाजपा उम्मीदवार अनिल विज ने भी मुख्यमंत्री पद की दावेदारी पेश की. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा चुनाव जीतती है, तो वह मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश करेंगे और मुख्यमंत्री बनने पर हरियाणा की तस्वीर बदल देंगे. अनिल विज ने अपने सीनियॉरिटी के आधार पर यह दावा किया, क्योंकि वह 6 बार विधायक रह चुके हैं.
हरियाणा चुनाव 2024 में इन बयानों ने चुनावी माहौल को गरमाया हुआ है और मतदाताओं के सामने नए सवाल खड़े किए हैं. यह देखना दिलचस्प होगा कि इन बयानों का चुनाव परिणाम पर क्या प्रभाव पड़ेगा और कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी.