Begin typing your search...

Tihar Jail Break Insider: तिहाड़ जेल से भागते हुए के फोटो चार्ल्स शोभराज करोड़ों में बेचता: EXCLUSIVE

तिहाड़ जेल ब्रेक पर स्‍टेट मिरर के खुलासों का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में हमसे बातचीत करते हुए अजय कुमार सिंह कहते हैं, “नेटफिलिक्स की वेब सीरीज “ब्लैक वारंट” मैने भले ही न देखी हो. मगर सुना जरूर है कि इस सीरीज में तिहाड़ जेल ब्रेक वाले दिन बिकिनी किलर (Bikini Killer) लेडी किलर (Lady Killer) के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) का जेल में बर्थडे मनाने का ढिंढोरा पीटा गया है. जोकि सरासर फर्जी और प्योर झूठ है.

Tihar Jail Break Insider: तिहाड़ जेल से भागते हुए के फोटो चार्ल्स शोभराज करोड़ों में बेचता: EXCLUSIVE
X
संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Published on: 25 April 2025 4:12 PM

Netflix द्वारा 39 साल पहले हुए तिहाड़ जेल ब्रेक (Tihar Jail Break) पर जबसे ‘ब्लैक-वारंट’ सीरीज मार्केट आई, तभी से जितने मुंह उतनी बातें शुरू हो गईं. तमाम दर्शकों का तो यह भी कहना था कि, सीरीज आम-दर्शक को बेवकूफ बनाकर बेंचने के इरादे से बनाई गई है. उसमें कई ऊट-पटांग और सच से परे के किस्से कहानियां, जेल से चार्ल्स शोभराज के भागने के एपीसोड में जबरन ही घुसाई गई हैं. इन्हीं तमाम चर्चाओं पर विराम देने के लिए ‘स्टेट मिरर हिंदी’ के एडिटर (क्राइम) ने भागीरथ प्रयासों से ढूंढ निकाला, 16 मार्च 1986 को उस जेल ब्रेक में चार्ल्स शोभराज को अपने साथ जेल से सुरक्षित भगा ले जाने वाले, 4 अन्य खतरनाक मुजरिमों में से एक को.

इनका नाम है अजय कुमार सिंह. जिस दिन तिहाड़ जेल इन पांचों ने तोड़ी, तब यही अजय कुमार सिंह विचाराधीन कैदी के रूप में तिहाड़ में बंद थे. अजय कुमार सिंह ने ‘पॉडकास्ट’ में जो कुछ चौंकाने वाले खुलासे उस जेल-ब्रेक को लेकर किये हैं, उस कड़वे सच ने तो नेटफिलिक्स की सीरीज में चार्ल्स (Charles Sobhraj) की फरारी को लेकर दिखाई गई कहानी को ‘पंचर’ ही कर डाला.

काफी लंबे पॉडकास्ट की रिकॉर्डिंग के दौरान बेबाक होकर बोलने वाले अजय कुमार सिंह कहते हैं, “नेटफिलिक्स की वेब सीरीज “ब्लैक वारंट” मैने भले ही न देखी हो. मगर सुना जरूर है कि इस सीरीज में तिहाड़ जेल ब्रेक वाले दिन बिकिनी किलर (Bikini Killer) लेडी किलर (Lady Killer) के नाम से कुख्यात चार्ल्स शोभराज (Charles Sobhraj) का जेल में बर्थडे मनाने का ढिंढोरा पीटा गया है. जोकि सरासर फर्जी और प्योर झूठ है. बर्थडे पार्टी तो हम लोगों ने उस दिन (स्वंय अजय कुमार सिंह, चार्ल्स शोभराज, बजरंग लाल, बृजमोहन शर्मा और लक्ष्मी नारायण सिंह) जेल में मनाई ही नहीं थी. जबकि ब्लैक वारंट किताब और वेब सीरीज दोनों में उस दिन बर्थडे पार्टी मनाने का तमाशा दिखाया-बताया गया है.”

कहानी तो अभी शुरू हुई है मेरे दोस्त....

‘ब्लैक-वारंट’ में उस जेल ब्रेक को लेकर और भी कई अंदर की बातों से अजय कुमार सिंह परदा उठाते हैं. उनके मुताबिक जेल सुरक्षाकर्मियों को बेहोश करने के बाद चार्ल्स हम अन्य चारों कैदियों के साथ बाहर आ गए. तो बाहर देव कुमार त्यागी पहले से ही उस कार के अंदर बैठा मिला जिसमें बैठकर हम लोग भागे थे. चार्ल्स शोभराज उस दिन तिहाड़ जेल के बाहर से गुरुग्राम तक, अपने दोस्त और ब्रिटिश नागरिक डेविड हॉल के साथ मोटर साइकिल पर बैठकर भागा. गुरुग्राम में जब हम लोग पहुंचे तो मोटर साइकिल पंचर हो गई. तब चार्ल्स भी मेरे, बजरंग लाल, बृजमोहन शर्मा, लक्ष्मी नारायण सिंह के साथ उस कार में आ गया, जिसे तिहाड़ जेल के बाहर से ही देव कुमार त्यागी चला रहे थे.

शोभराज ने भागते वक्त इसलिए फोटो खिंचवाए

तिहाड़ जेल ब्रेक वाले दिन जेल के मुख्य द्वार से बाहर आते ही फोटो खींचे जाने के सच से भी अजय कुमार सिंह ने परदा उठाया. बोले, “जेल से बाहर जैसे ही हम आए चार्ल्स शोभराज के पहले से बाहर मौजूद साथी डेविड हॉल ने हमारी तस्वीरें अपने कैमरे में लेना शुरू कर दिया. हम बाकी भागने वाले कैदियों को हैरत हुई कि, सबको जान बचाने की पड़ी है. जबकि डेविड हॉल हमारी तस्वीरें खींचने में जुटा है. बाद में पता चला कि तिहाड़ से फरार होने के दौरान खींची गई उन तस्वीरों को भी चार्ल्स शोभराज करोड़ों में बेचकर रईस बनने की तमन्ना पाले हुए था.”

पुलिस, तिहाड़ जेल प्रशासन ने इसलिए ऐसा किया

जब चार्ल्स शोभराज ने जेल तोड़कर भागने की कोई प्लानिंग की ही नही थी. तब फिर दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच, तिहाड़ जेल प्रशासन और भारत की अन्य एजेंसियों ने फिर ऐसा क्यों जाहिर किया दुनिया के सामने कि, तिहाड़ जेल ब्रेक का मुख्य षडयंत्रकारी जैसे चार्ल्स शोभराज ही रहा हो? पूछने पर उस दिन खुद चार्ल्स शोभराज को लेकर जेल से भागे अजय कुमार सिंह बोले, ‘दरअसल चार्ल्स तिहाड़ जेल में उन दिनों सबसे खतरनाक और फ्रेंच मूल का विदेशी कैदी था. जेल ब्रेक में उसका नाम आगे बढ़ाकर, भारतीय एजेंसियों ने उसके नाम को कैश कर लिया. हम भारतीय कैदियों के जेल तोड़कर भागने से भला, दिल्ली पुलिस या तिहाड़ प्रशासन को कौन सी शोहरत हासिल होने वाली थी. चार्ल्स का नाम जुड़ गया. उसके बाद वो पकड़ा भी गया. तो भारतीय एजेंसियों, तिहाड़ जेल प्रशासन और दिल्ली पुलिस का भी बड़ा नाम हो गया कि, उन सबने चार्ल्स जैसे खतरनाक कैदी को जिंदा ही गिरफ्तार कर लिया.’

39 साल पहले तिहाड़ जेल ब्रेक की सच को बयान करतीं मगर बेहद चौकाने वाली स्टोरी से भरी ‘स्टेट मिरर हिंदी’ की यह सीरीज अभी हमारे पाठकों को आगे भी रोजाना पढ़ने को मिलेगी. इससे संबंधित पॉडकास्ट की कड़ियां देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को इस लिंक https://www.youtube.com/@statemirrornews/featured पर क्लिक करके सब्‍स्क्राइब करें, और स्टोरी पढ़ने के लिए इस लिंक पर पहुंचें https://www.statemirror.com/

crime
अगला लेख