Begin typing your search...

INSIDE STORY: UPSC एस्पिरेंट को वासना-ब्लैकमेलिंग की आग- के तंदूर में फूंक डाला आजिज आई नागिन बनी बेखौफ-बेकाबू महबूबा ने...

दिल्ली में यूपीएससी अभ्यर्थी रामकेश मीणा की हत्या की कहानी वासना, ब्लैकमेलिंग और अवैध संबंधों के जाल में फंसी एक सनसनीखेज वारदात है. आरोपी अमृता चौहान ने अपने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप के साथ मिलकर मीणा की गला घोंटकर हत्या की और लाश को जलाकर हादसा दिखाने की साजिश रची. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और फॉरेंसिक सबूतों के आधार पर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया. यह मामला दिखाता है कि अंधी वासना और ब्लैकमेलिंग कैसे इंसान को मौत तक ले जा सकती है.

INSIDE STORY: UPSC एस्पिरेंट को वासना-ब्लैकमेलिंग की आग- के तंदूर में फूंक डाला आजिज आई नागिन बनी बेखौफ-बेकाबू महबूबा ने...
X
संजीव चौहान
By: संजीव चौहान

Published on: 31 Oct 2025 5:12 PM

इन दिनों हिंदुस्तान के अपराध जगत में छाई खूनी खबर की बात करें तो देश की राजधानी दिल्ली में रामकेश मीणा हत्याकांड की ही चर्चा हर जुबान पर है. 32-33 साल के वही रामकेश मीणा जो दिल्ली आये तो थे यहां रहकर अपने सपनों को आकार और उड़ान देने के लिए मगर, उलझ कर रह गए यहां की भीड़ और चकाचौंध में. नतीजा यह रहा है कि रामकेश मीणा की लोमहर्षक हत्या होने के बाद भी बदनामी उनका पीछा नहीं छोड़ रही है. क्योंकि रूह कंपाती-दिल दहलाती अंधी वासना के चलते मैले हो चुके प्यार के रिश्तों को, अविश्वास की कैंची से काटती यह कहानी है ही ऐसी.

इस खूनी कहिए या फिर घिनौनी व अवैध संबंधों की कीचड़ से लिपी-पुती घिनौनी लव-स्टोरी में रामकेश मीणा अकेले ही विलेन नहीं है. अपनी अकाल मौत की स्क्रिप्ट खुद ही लिखे बैठे इस डर्टी फिल्म के लेखक भले ही रामकेश मीणा रहे हों मगर, उनकी इस खूनी खात्मे पर खतम होने वाली बदनाम अकाल मौत की असल वजह या जड़ कहिए, उनकी वह कुकर्मी महिला दोस्त अमृता चौहान भी रही है जो जन्म देने वाली मां और पिता की भी सगी नहीं हुई.

सोचिए ऐसी बेकाबू अमृता चौहान भला बिचारे अवैध संबंधों के लिए किसी भी हद तक जा पहुंचे रामकेश मीणा की सगी या शुभचिंतक कैसे हो सकती थी? अवैध संबंधों की हनक में या फिर कहिए कि विनाशकाले विपरीत बुद्धि के चलते ‘काम’ के वशीभूत होकर कहीं के न रहने वाले. और अब तो जान से ही हाथ धो बैठे रामकेश मीणा एक बार खूबसूरत अमृता चौहान के गेसुओं की खुश्बू के जंजाल में मदहोश क्या हुए....कि इंसानों की इस मायावी दुनिया से रूह कंपा देने वाली अकाल मौत मरकर ही छूटे.

अवैध संबंध, अविश्वास, मैले प्यार की कहानी

यह किस्सा है अवैध संबंध, अविश्वास, मैले प्यार, ब्लैकमेलिंग के कॉकटेल में लिपटी सेक्स की सड़ांध में अंधे होकर अपनी जिंदगी की बाजी लगाकर, इस दुनिया से बे-वक्त ही रुखसत हो चुके बीते कल के होनहार युवा और, आज के स्वर्गवासी वासना में कामांध यूपीएससी एस्पिरेंट रामकेश मीणा की असमय दर्दनाक मौत का. वही रामकेश मीणा जो राजस्थान से अपने घर परिवार से दूर दिल्ली में आए तो थे अपना भविष्य बनाकर अपने और अपनों के सपनों को खूबसूरत आकार देने की उम्मीद से. मगर दिल्ली में आकर उलझ गए सेक्स, शराब और अनजान बेगैरत स्त्री के संकट में.

रामकेश मीणा ने खुद लिखी अपने मौत की स्क्रिप्‍ट

इस खूनी लव स्टोरी के शर्मनाक अंत में उलझे किसी भी पात्र को मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा है बेरहम वक्त ने. रामकेश मीणा की बिगड़ैल बेवफा मुरादाबाद यूपी की रहने वाली महबूबा यानी लिव-इन-पार्टनर अमृता चौहान और उसके दो पूर्व परिचित, जिनमें एक उसका पूर्व प्रेमी भी शामिल था को, इस षडयंत्र में शामिल कर लिया. जब तक रामकेश मीणा और अमृता चौहान एक दूसरे की वासना मिटाने का साधन बने रहे, तब तक दो में से किसी को भी कोई आपत्ति नहीं थी. खूनी स्क्रिप्ट तब लिखी जानी शुरू हुई जब अपने ही माता-पिता से गद्दारी करके दिल्ली की चकाचौंध में आकर खोई अमृता चौहान को पता चला कि उसके लिव-इन-पार्टनर रामकेश मीणा ने, उसके कुछ आपत्तिजनक वीडियो बनाकर अपने कब्जे में कर लिए हैं. मतलब, कत्ल भले ही रामकेश मीणा का उसकी बौखलाई लिव इन पार्टनर अमृता चौहान और उसके दो दोस्तों ने क्यों न किया हो, मगर अपनी मौत की स्क्रिप्ट लिखने की शुरुआत खुद अपने जीते-जी रामकेश मीणा ने ही लिखी. अमृता ने तो रामकेश मीणा की लिखी स्क्रिप्ट पर बस उसकी खौफनाक अकाल मौत की फिल्म बनाई भर है.

थ्रिलर क्राइम वेब सीरीज देख आया लाश ठिकाने लगाने का आइडिया

दिल्ली पुलिस के मुताबिक कई बार जब अमृता के मांगने पर भी रामकेश ने वीडियो अमृता चौहान के हवाले नहीं किए... तो कल तक बाहों में बाहें डालकर गलबहियां करने वाली अमृता चौहान के भीतर मौजूद जहरीली नागिन जाग कर फुंकार उठी. खुद के फॉरेंसिक साइंस की छात्रा होने का दावा करने वाली अमृता चौहान ने पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप के साथ मिलकर तिकड़म भिड़ाया. रामकेश मीणा को गद्दारी और ब्लैकमेलिंग की सजा के बदले अकाल मौत के तंदूर में झोंकने के लिए अमृता और सुमित ने कई बार कुछ ऐसी थ्रिलर क्राइम वेब सीरीज देखीं कि, जिनसे लाश को ठिकाने लगाने के बाद खुद को साफ साफ बच निकलने का रास्ता भी मिल जाए.

लाश की पहचान न हो, इसके लिए लगाए तमाम तिकड़म

योजना के तहत रामकेश मीणा की सबसे पहले गला घोंटकर हत्या की गई. उसके बाद 6-7 घंटे तक उसकी बेखौफ गर्लफ्रेंड लिव इन पार्टनर यानी बेकाबू अमृता चौहान और उसका पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप लाश को ठिकाने लगाने की कोशिशों में जुटे रहे. योजना के तहत लाश को बेड पर लिटाया गया. रसोई के अंदर मौजूद घी-रिफाइंड को लाश के ऊपर लाकर उड़ेल दिया गया और घर से दूर जिन किताबों की मदद से रामकेश मीणा, डीएम कलक्टर एसपी एसएसपी बनने का सपना संजोकर दिल्ली पहुंचे थे. उन्हीं किताबों से रामकेश मीणा की लाश को पूरी तरह से ढक कर उसकी चिता तैयार कर दी गई. उसके बाद लाश को कमरे में मौजूद शराब से पूरी तरह से नहला-भिगो दिया गया. ताकि जब लाश को आग के हवाले किया जाए या लाश आग के संपर्क में आए तो उसके जल-भुनकर वीभत्स होने के बाद ऐसी कोई गुंजाइश ही बाकी न रहे...कि मरे हुए रामकेश मीणा की लाश की कोई पहचान कर सके.

हत्‍या को हादसा दिखाने में लगाया दिमाग

चूंकि इस लोमहर्षक कांड में अपनी प्रेमिका के कुकर्म में शामिल रहने वाला अमृता चौहान का पूर्व प्रेमी सुमित मुरादाबाद में ही एक गैस वितरक है. इसलिए उसने गैस सिलिंडर का पाइप ढीला करके वह सिलेंडर भी रामकेश मीणा के सिराहने रख दिया. उसके बाद गैस सिलेंडर का रेगूलेटर निकालकर उसे लाश के ही पास रखकर सुमित कश्यप और अमृता चौहान कमरे की कुंडी लगाकर भाग गए. चूंकि कमरे के दरवाजे के पास छोटी सी जगह मौजूद थी इसलिए हत्यारों ने भागने के वक्त उस खाली जगह में ही हाथ अंदर की ओर डालकर दरवाजे की कुंडी भीतर की तरफ से ही लगाई थी. ताकि ऐसा लगे कि रामकेश मीणा कुंडी लगाकर अंदर सो रहा था. उसी वक्त गैस का सिलेंडर फटने से उसकी हादसे में मौत हो गई. हां, भागने से पहले सुमित ने हल्के हल्के लीक हो रहे गैस सिलेंडर में लाइटर से आग भी लगा दी थी. उसके बाद सुमित कश्यप और अमृता चौहान मौके से भाग गए.

...जब आरोपियों की धरी रह गई चालाकी

कहते हैं कि अपराधी और पुलिस के बीच तू डाल डाल हम पात पात की कहावत हमेशा ऐसे ही साथ चला करती है जैसे कि नदी नाले नहर के पानी के साथ-साथ “किनारे” शुरू से अंत तक मौजूद रहते हैं. बेशक अपनी समझ से अमृता और सुमित ने बेहद कामयाब षडयंत्र रचा था मगर इस इंसानी दुनिया को फॉरेंसिक साइंस देने वाले एडमंड लोकॉर्ड के उस सिद्धांत पर जब दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू कि जिसमें....अपराधी चाहे कितना भी शातिर क्यों न हो घटनास्थल पर वो कुछ न कुछ सबूत खुद ही अपने खिलाफ छोड़कर जाता है. इसीलिए पुलिस का माथा घटनास्थल पर पहुंचते ही ठनका. यह देखकर कि रसोई घर में मिलने या मौजूद रहने वाला लाइटर आखिर लाश के पास कैसे पहुंचा. दूसरे, जब गैस सिलेंडर में धमाका हुआ तब फिर उसके साथ हमेशा लगा रहने वाला रेगूलेटर अलग एकदम सुरक्षित क्यों और कैसे रखा मिला. तीसरे, गैस सिलेंडर रसोई के भीतर न फटकर कमरे में कैसे पहुंचकर फटा.

जब घेरे में आया तीसरा आरोपी

इन सवालों के जंजाल में फंसी दिल्ली पुलिस को इसी बीच घटना वाली रात रामकेश मीणा के कमरे से आते जाते चेहरा ढंके दो लोग भी सीसीटीवी फुटेज में मिल गए. और बस फिर क्या था दिल्ली पुलिस को ब्लैकमेलिंग, अवैध संबंधों को लेकर मारे जा चुके रामकेश मीणा की बेमुरव्‍वती महबूबा अमृता चौहान और उसके पूर्व प्रेमी सुमित कश्यप की गर्दन तक पहुंचने में न तो देर लगनी थी न देर लगी. अमृता चौहान को मुरादाबाद में घेरते ही पुलिस ने सुमित कश्यप के अलावा इस खूनी कांड में शामिल तीसरे षडयंत्रकारी संदीप कुमार को भी घेर लिया.

हवस बन गई जान की दुश्‍मन

कुकर्मों के शिकार होकर राजस्थान के मूल निवासी रामकेश मीणा तो दुनिया से असमय ही जा चुके थे. जिंदा मिली अमृता चौहान ने जो कुछ दिल्ली पुलिस के सामने कबूला वह मगर चौंकाने वाला था. जिससे पता चला कि यह सब जल्दबाजी में सिर्फ और सिर्फ शारीरिक संबंध बनाकर यौन-वासना या कहिए काम-वासना की भूख की आग से भड़की तबाही की घिनौनी और डरावनी कहानी है. जिसमें ब्लैकमेलिंग का खतरनाक तड़का भी लगा हुआ था. मई 2025 में अमृता चौहान से हुई मुलाकात जल्दी ही रामकेश मीणा ने लिव इन रिलेशन में बदल डाली. उसी दौरान रामकेश ने घर से पहले ही कानूनन बेघर होकर दर-दर भटकने वाली बिगड़ैल अमृता चौहान की कमजोरियां भांपकर उसे हमेशा अपनी उंगलियों पर नचाते रहने की गरज या कहिए इरादे से, उसके तमाम अंतरंग वीडियो बनाकर अपने कब्जे में ले लिए थे. इसकी भनक जब अमृता को लगी तो वह रामकेश की जान की दुश्मन बन गई. और उसकी जान लेकर ही मानी. भले ही क्यों न उसे अपनी जिंदगी अपने ही आप जेल में बिताने की स्क्रिप्ट भी खुद ही क्यों न लिखनी पड़ गई हो.

crimeस्टेट मिरर स्पेशल
अगला लेख