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YouTube Shorts : 1000 व्यूज पर शॉर्ट्स वीडियो देगी इतने पैसे? जानें यूट्यूब से हर महीने कैसे कमाएं 2 लाख रुपये

यूट्यूब से कमाई करना आजकल कई लोगों का सपना है, लेकिन 2025 में नियम और ज्यादा सख्त हो गए हैं. भारत में यूट्यूब चैनल मोनेटाइज करने के लिए कम से कम 1000 सब्सक्राइबर्स और पिछले 12 महीनों में 4000 घंटे वॉच टाइम या पिछले 90 दिनों में 10 मिलियन शॉर्ट्स व्यूज जरूरी हैं. कुछ क्रिएटर्स को लोअर थ्रेशोल्ड (500 सब्सक्राइबर्स) पर फैन फंडिंग मिल जाती है, लेकिन फुल एड रेवेन्यू के लिए स्टैंडर्ड नियम लागू होते हैं.

YouTube Shorts : 1000 व्यूज पर शॉर्ट्स वीडियो देगी इतने पैसे? जानें यूट्यूब से हर महीने कैसे कमाएं 2 लाख रुपये
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( Image Source:  Create By AI Sora )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 13 Dec 2025 8:00 AM

YoutubeShorts : यूट्यूब से पैसे कमाने का सपना कई नए कंटेंट क्रिएटर्स देखते हैं, लेकिन इसमें काफी भ्रम भी रहता है. यूट्यूब ने समय के साथ अपनी पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं, जिससे कमाई अब सिर्फ व्यूज पर ही निर्भर नहीं रह गई है. अब सब्सक्राइबर्स की संख्या, दर्शकों का एंगेजमेंट (जैसे लाइक्स, कमेंट्स, शेयर और वॉच टाइम), कंटेंट की क्वालिटी और कंटेंट का प्रकार भी बहुत मायने रखता है.

इसके अलावा, यूट्यूब शॉर्ट्स भी कमाई का एक नया और लोकप्रिय तरीका बन गया है. अगर आप भी अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सबसे पहले यह समझ लें कि यूट्यूब किस तरह के कंटेंट से सबसे ज्यादा कमाई करवाता है. इस लेख में हम आसान भाषा में सब कुछ विस्तार से बताएंगे.

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यूट्यूब से कमाई किन बातों पर निर्भर करती है?

यूट्यूब की कमाई कई फैक्टर्स पर आधारित होती है. सबसे मेंन पॉइंट्स हैं:

व्यूज और वॉच टाइम: जितने ज्यादा लोग आपकी वीडियो पूरी देखेंगे, उतनी ही ज्यादा कमाई होगी.

एंगेजमेंट: अगर दर्शक वीडियो पर लाइक करें, कमेंट करें, शेयर करें या ज्यादा देर तक देखें, तो यूट्यूब का एल्गोरिदम आपकी वीडियो को ज्यादा प्रमोट करता है, जिससे कमाई बढ़ती है.

कंटेंट दूसरों से हटकर: कुछ टॉपिक्स पर एडवरटाइजर्स ज्यादा पैसे खर्च करते हैं, जैसे फाइनेंस, टेक या एजुकेशन.

दर्शकों की लोकेशन: भारत जैसे देशों में RPM (रेवेन्यू पर मिल) कम होता है, जबकि अमेरिका या यूरोप के दर्शकों से ज्यादा कमाई मिलती है.

एड्स की क्वालिटी और नंबर्स: वीडियो में कितने एड्स दिखते हैं और दर्शक उन्हें स्किप नहीं करते, यह भी महत्वपूर्ण है.

इसके अलावा, चैनल मेंबर्शिप, सुपर चैट, सुपर थैंक्स और मर्चेंडाइज जैसे फीचर्स से भी अतिरिक्त कमाई हो सकती है.

यूट्यूब चैनल कब मोनेटाइज होता है?

मोनेटाइजेशन का मतलब है कि आपका चैनल एड्स से पैसे कमाने लायक हो जाता है. इसके लिए आपको यूट्यूब पार्टनर प्रोग्राम (YPP) में शामिल होना पड़ता है. यूट्यूब ने अलग-अलग देशों के लिए अलग नियम बनाए हैं, और भारत में भी ये नियम लागू हैं. भारत में फुल मोनेटाइजेशन (एड रेवेन्यू) के लिए मुख्य जरूरतें ये हैं- कम से कम 1000 सब्सक्राइबर्स, पिछले 12 महीनों में 4000 घंटे का वैलिड पब्लिक वॉच टाइम (लॉन्ग वीडियो से) या पिछले 90 दिनों में 1 करोड़ (10 मिलियन) वैलिड पब्लिक शॉर्ट्स व्यूज. ये टार्गेट पूरा करने के बाद आप YPP के लिए अप्लाई कर सकते हैं. यूट्यूब की टीम आपका चैनल रिव्यू करती है और अप्रूवल देती है.

कुछ मामलों में पहले फैन फंडिंग (सुपर चैट, मेंबर्शिप आदि) अनलॉक हो जाते हैं, लेकिन फुल एड्स के लिए ऊपर वाले नियम जरूरी हैं. 2025 में यूट्यूब ने नई पॉलिसी लागू की है, जिसमें AI-जनरेटेड, लो-क्वालिटी या मैस-प्रोड्यूस्ड (बार-बार एक ही तरह का) कंटेंट को सख्ती से चेक किया जा रहा है. अगर कंटेंट ओरिजिनल और ऑथेंटिक नहीं है (यानी इसमें आपकी अपनी क्रिएटिविटी नहीं दिखती), तो चैनल मोनेटाइज नहीं होगा या डिमोनेटाइज हो सकता है. यूट्यूब अब क्वालिटी और ओरिजिनैलिटी पर ज्यादा फोकस कर रहा है.

शॉर्ट्स पर 1000 व्यूज से कितनी कमाई होती है?

यूट्यूब शॉर्ट्स से कमाई लॉन्ग वीडियो की तुलना में कम होती है, क्योंकि शॉर्ट्स में एड्स का मॉडल अलग है. भारत में शॉर्ट्स का RPM आमतौर पर 5 से 30 रुपये प्रति 1000 व्यूज के बीच रहता है. यानी 1000 शॉर्ट्स व्यूज पर ज्यादा से ज्यादा 30 रुपये तक मिल सकते हैं. अगर कंटेंट अच्छा है और एंगेजमेंट हाई है, तो यह थोड़ा ज्यादा भी हो सकता है. उदाहरण के लिए, अगर आपके शॉर्ट्स पर 10 लाख (1 मिलियन) व्यूज आते हैं, तो आप 10,000 से 30,000 रुपये तक कमा सकते हैं. लेकिन शॉर्ट्स की असली ताकत व्यूज जल्दी लाने और चैनल ग्रो करने में है ये लॉन्ग वीडियो की तरफ ट्रैफिक भेजते हैं, जहां कमाई ज्यादा होती है. लॉन्ग वीडियो से भारत में प्रति 1000 व्यूज 50 से 200 रुपये तक RPM मिल सकता है. अगर वीडियो 8 मिनट से ज्यादा लंबी है, तो मिड-रोल एड्स लग सकते हैं, जिससे कमाई और बढ़ जाती है.

किस तरह के कंटेंट से यूट्यूब सबसे ज्यादा पैसे देता है?

सभी कंटेंट पर एक समान कमाई नहीं होती. यूट्यूब कुछ कैटेगरी को हाई-पेइंग मानता है, क्योंकि इनमें एडवरटाइजर्स (जैसे बैंक, टेक कंपनियां) ज्यादा पैसे लगाते हैं. भारत में सबसे ज्यादा कमाई वाले निच ये हैं-

टेक रिव्यूज और गैजेट्स: फोन, लैपटॉप आदि की रिव्यू पर अच्छा RPM मिलता है.

फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट: स्टॉक मार्केट, पर्सनल फाइनेंस, सेविंग टिप्स आदि – यहां RPM सबसे हाई होता है.

एजुकेशन और स्किल्स: कोर्स, ट्यूटोरियल, करियर एडवाइस आदि.

इन निच में प्रति 1000 व्यूज 100 से 200 रुपये या उससे ज्यादा मिल सकता है. उदाहरण: अगर आपका टेक या फाइनेंस वीडियो वायरल होकर 10 लाख व्यूज पा लेता है, तो आप 1 लाख से 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा आसानी से कमा सकते हैं. दूसरी तरफ, एंटरटेनमेंट, कॉमेडी या गेमिंग जैसे निच में RPM कम रहता है, क्योंकि एडवरटाइजर्स यहां कम पैसे खर्च करते हैं. अंत में, यूट्यूब से अच्छी कमाई के लिए कंसिस्टेंसी, ओरिजिनल कंटेंट और दर्शकों से कनेक्ट होना सबसे जरूरी है. शुरू में धैर्य रखें, क्वालिटी पर फोकस करें और नियमों का पालन करें. अगर आप सही दिशा में मेहनत करेंगे, तो यूट्यूब एक बेहतरीन करियर ऑप्शन बन सकता है.

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