कौन थी Simone Tata? जिन्होंने Lakme को बनाया भारत का पहला ब्रांड, कहलाती थी 'कॉस्मेटिक ज़ारिना'
1980 के दशक में लैक्मे लिमिटेड की चेयरपर्सन बनते ही सिमोन टाटा ने ब्रांड को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनके नेतृत्व में लैक्मे भारत का पहला और सबसे बड़ा कॉस्मेटिक्स ब्रांड बना जो हर घर-घर में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहा. 1996 में टाटा ग्रुप ने लैक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर को बेच दिया, लेकिन सिमोन यहीं नहीं रुकी। लैक्मे की बिक्री से मिले धन को उन्होंने ट्रेंट लिमिटेड के जरिए भारत के पहले मॉडर्न डिपार्टमेंटल स्टोर चेन 'वेस्टसाइड' को शुरू करने में लगाया.
भारत के ब्यूटी प्रोडक्ट और रिटेल जगत की एक बहुत बड़ी हस्ती सिमोन टाटा का शुक्रवार को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया. उनकी उम्र 95 साल थी, वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं।सिमोन टाटा का जन्म स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा शहर में हुआ था. साल 1953 में वे एक पर्यटक के तौर पर भारत घूमने आई थी. इसी यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात फेमस इंडस्ट्रियलिस्ट नवल टाटा से हुई. दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया और साल 1955 में उन्होंने शादी कर ली. शादी के बाद सिमोन भारत में ही बस गईं और मुंबई को अपना घर बना लिया.
1980 के दशक में सिमोन टाटा लैक्मे कंपनी की चेयरपर्सन बनी. उस समय लैक्मे एक छोटा-सा ब्रांड था. सिमोन के लीडरशिप और हार्डवर्क से लैक्मे पूरे देश में मशहूर हो गया. गांव-शहर हर जगह लड़कियां और महिलाएं लैक्मे का नाम लेने लगी. यह भारत का पहला बड़ा ब्यूटी ब्रांड बना. साल 1996 में टाटा ग्रुप ने लैक्मे को हिंदुस्तान यूनिलीवर कंपनी को बेच दिया.
वेस्टसाइड – नया सपना, नई शुरुआत
लैक्मे बिकने के बाद सिमोन रुकी नहीं उन्होंने उसी पैसे से ट्रेंट कंपनी के अंडर 'वेस्टसाइड' नाम की नई दुकानों की चेन शुरू की. वेस्टसाइड आज भारत के सबसे पसंदीदा डिपार्टमेंटल स्टोर में से एक है. अच्छे कपड़े, घर का सामान, ब्यूटी प्रोडक्ट्स सब कुछ एक छत के नीचे. वेस्टसाइड की सफलता ने साबित कर दिया कि सिमोन सिर्फ़ ब्यूटी नहीं, फैशन और रिटेल की भी बहुत बड़ी एक्सपर्ट थी. सिमोन के इस साहसिक फैसले का परिणाम गजब का निकला. 1980 आते-आते लैक्मे न सिर्फ भारत का सबसे बड़ा, बल्कि सबसे भरोसेमंद कॉस्मेटिक ब्रांड बन चुका था. भारतीय महिलाओं ने विदेशी ब्रांडों को अलविदा कहकर दिल से लैक्मे को अपना लिया. देखते-ही-देखते सिमोन टाटा को पूरे देश में 'भारत की कॉस्मेटिक ज़ारिना' के नाम से पुकारा जाने लगा.
दान-पुण्य और नेक काम
सिमोन टाटा सिर्फ़ बिज़नेस ही नहीं करती थी, वे दिल से बहुत नेक इंसान भी थी. उन्होंने सर रतन टाटा संस्थान जैसे कई सामाजिक कार्यों में बहुत मदद की. गरीबों, एजुकेशन और हेल्थ के लिए हमेशा आगे रहती थी. टाटा परिवार ने एक बयान में कहा, 'हम सिमोन को लैक्मे को ऊंचाइयों तक पहुंचाने और वेस्टसाइड के ज़रिए भारत में मॉडर्न फैशन रिटेल की नींव रखने के लिए हमेशा याद करेंगे. उनका हमेशा पॉजिटिव सोच और मज़बूत इरादे हमें इंस्पिरेशन देते रहेंगे.'
अंतिम संस्कार
सिमोन टाटा का अंतिम संस्कार शनिवार सुबह कोलाबा स्थित कैथेड्रल ऑफ द होली नेम चर्च में होगा. उसके बाद सुबह 11 बजे प्रेयर मीट रखी गई है. सिमोन टाटा जी एक विदेशी लड़की से भारत की 'ब्यूटी क्वीन' और 'रिटेल क्वीन' बनी. उन्होंने दिखाया कि अगर लगन और मेहनत हो तो कोई भी नया देश अपना घर बन सकता है और वहां बहुत बड़ा नाम कमा सकता है. उनकी याद हमेशा भारतीय ब्यूटी और फैशन जगत में ज़िंदा रहेगी.





