आज से ट्रेन का सफर हुआ महंगा: नए किराए लागू, जानिए किस क्लास में कितना बढ़ा दाम और क्यों बढ़ाया गया किराया
आज से देशभर में ट्रेन किराए बढ़ा दिए गए हैं, जिससे यात्रियों का सफर महंगा हो गया है. यह छह महीनों में दूसरी बार किराया बढ़ोतरी है. जनरल क्लास में 215 किमी से अधिक दूरी पर 1 पैसा प्रति किमी, जबकि मेल/एक्सप्रेस नॉन-एसी और सभी एसी क्लास में 2 पैसे प्रति किमी किराया बढ़ाया गया है.
ट्रेन से यात्रा करने वालों के लिए आज यानी शुक्रवार 26 दिसंबर 2025 से सफर थोड़ा और महंगा हो गया है. भारतीय रेलवे ने देशभर में संशोधित ट्रेन किराए लागू कर दिए हैं, जिससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को अब पहले से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. यह पिछले छह महीनों में दूसरी बार है जब रेलवे ने किराए में बढ़ोतरी की है.
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इससे पहले जुलाई 2025 में किराए में इजाफा किया गया था, जिससे रेलवे को करीब ₹700 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिला था. मौजूदा किराया बढ़ोतरी से रेलवे को 31 मार्च 2026 तक करीब ₹600 करोड़ की अतिरिक्त कमाई होने की उम्मीद है.
नए ट्रेन किराए: किस क्लास में कितना बढ़ा दाम?
रेलवे ने किराया बढ़ोतरी को सीमित और दूरी आधारित रखा है, ताकि आम यात्रियों पर बोझ ज्यादा न पड़े.
- Ordinary Class (215 किमी से ज्यादा दूरी पर) - किराया बढ़ा: 1 पैसा प्रति किलोमीटर
- मेल/एक्सप्रेस (Non-AC कोच) - किराया बढ़ा: 2 पैसे प्रति किलोमीटर
- AC क्लास (सभी श्रेणियां) - किराया बढ़ा: 2 पैसे प्रति किलोमीटर
उदाहरण के तौर पर, 500 किलोमीटर की यात्रा करने वाले नॉन-एसी यात्री को अब सिर्फ ₹10 अतिरिक्त देने होंगे.
इन यात्रियों को राहत: किराया नहीं बढ़ेगा
रेलवे मंत्रालय ने साफ किया है कि कुछ श्रेणियों में कोई किराया बढ़ोतरी नहीं की गई है. सबअर्बन ट्रेनों के मासिक सीजन टिकट (MST) में कोई बदलाव नहीं किया गया है वहीं 215 किमी तक की यात्रा (Ordinary Class) पर किराया जस का तस रखा गया है. इससे रोज़ाना अप-डाउन करने वाले यात्रियों को सीधी राहत मिलेगी.
क्यों बढ़ाया गया ट्रेन किराया? रेलवे की दलील
रेलवे ने किराया बढ़ाने के पीछे बढ़ती लागत और ऑपरेशनल दबाव को कारण बताया है. अपने बयान में रेलवे ने कहा -
- पिछले एक दशक में नेटवर्क और संचालन में बड़ा विस्तार हुआ
- कर्मचारियों की संख्या और जिम्मेदारियां बढ़ीं
- मैनपावर लागत बढ़कर ₹1,15,000 करोड़ पहुंच गई
- पेंशन खर्च बढ़कर ₹60,000 करोड़ हो गया
- 2024–25 में कुल परिचालन लागत करीब ₹2,63,000 करोड़ रही
रेलवे के अनुसार, किराया युक्तिकरण (Fare Rationalisation) इन बढ़ती लागतों की भरपाई के लिए जरूरी हो गया था.
रेलवे का दावा: सुरक्षा और क्षमता में बड़ा सुधार
रेलवे का कहना है कि किराए में बढ़ोतरी के बदले यात्रियों को बेहतर सेवाएं और सुरक्षा मिल रही हैं -
- ट्रैक और सिग्नल सिस्टम में सुधार
- दुर्घटनाओं में कमी
- नए कोच और आधुनिक ट्रेनें
भारत अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कार्गो ढोने वाला रेलवे नेटवर्क बन चुका है. रेलवे के मुताबिक, अतिरिक्त राजस्व का इस्तेमाल सुरक्षा, बुनियादी ढांचे और सेवा गुणवत्ता को और बेहतर बनाने में किया जाएगा.
यात्रियों की चिंता बरकरार
हालांकि रेलवे के तर्क अपनी जगह हैं, लेकिन लगातार दूसरी बार किराया बढ़ने से मध्यम वर्ग, लंबी दूरी के यात्री और सीमित आय वाले लोगों पर आर्थिक दबाव बढ़ना तय माना जा रहा है. अब निगाह इस बात पर रहेगी कि बढ़े किराए के बदले रेलवे यात्री सुविधाओं में कितना ठोस सुधार करता है.





