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नए लेबर कानून से क्या-क्या हुआ बदलाव? जानें पहली बार किन कर्मचारियों को मिली कानूनी पहचान

भारत में अब नए लेबर कानून लागू हो चुके हैं. नए लेबर कानून के लागू होने को सरकार ने श्रमिक हित में ऐतिहासिक कदम बताया है, जबकि एक्सपर्ट का मानना है कि ये बदलाव देश में रोजगार के ढांचे और कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों को नई दिशा देंगे. प्रमुख श्रमिक संगठनों ने भी इस कदम का स्वागत किया है.

नए लेबर कानून से क्या-क्या हुआ बदलाव? जानें पहली बार किन कर्मचारियों को मिली कानूनी पहचान
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( Image Source:  X/@Kunal_Mechrules )
विशाल पुंडीर
Edited By: विशाल पुंडीर

Published on: 21 Nov 2025 4:48 PM

21 नवंबर 2025 से देश में लेबर कानून लागू हो गए हैं. केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित सभी चार श्रम संहिताएं अब आधिकारिक रूप से लागू हो चुकी हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्र भारत के इतिहास में ‘सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम-उन्मुख सुधार बताया है. इन नए कोड्स का लक्ष्य गिग वर्कर्स, प्लेटफॉर्म कर्मचारियों, महिला कामगारों और एमएसएमई सेक्टर में कार्यरत कर्मचारियों को अधिक सुरक्षा और कल्याण प्रदान करना है.

नए लेबर कानून के लागू होने को सरकार ने श्रमिक हित में ऐतिहासिक कदम बताया है, जबकि एक्सपर्ट का मानना है कि ये बदलाव देश में रोजगार के ढांचे और कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों को नई दिशा देंगे. प्रमुख श्रमिक संगठनों ने भी इस कदम का स्वागत किया है.

पीएम मोदी ने नए लेबर कानून को बताया ऐतिहासिक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा "श्रमेव जयते! आज हमारी सरकार ने चार श्रम संहिताओं को लागू कर दिया है. यह आजादी के बाद से सबसे व्यापक और प्रगतिशील श्रम-उन्मुख सुधारों में से एक है. यह हमारे श्रमिकों को अत्यधिक सशक्त बनाता है. यह अनुपालन को भी काफी सरल बनाता है और व्यापार करने में आसानी को बढ़ावा देता है."

पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म कर्मचारियों को मिली कानूनी पहचान

नए लेबर कानून की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि पहली बार गिग वर्क, प्लेटफॉर्म वर्क और एग्रीगेटर कंपनियों को कानूनी रूप से परिभाषित किया गया है. डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर काम करने वालों को अब कल्याणकारी योजनाओं में शामिल किया जाएगा

  1. एग्रीगेटर्स को अपने सालाना कारोबार का 1–2% एक विशेष कल्याण कोष में जमा करना होगा.
  2. यह राशि अधिकतम कुल भुगतान के 5% तक सीमित होगी.
  3. यह कोष गिग और प्लेटफॉर्म श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा को मजबूती देगा.

महिला कर्मचारियों के लिए बड़े बदलाव

नए लेबर कानून के तहत महिलाओं को अब सभी क्षेत्रों में, यहां तक कि खनन और भारी मशीनरी जैसे पहले प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी काम करने की छूट मिलेगी, बशर्ते उनकी सहमति और सुरक्षा इंतजाम सुनिश्चित हों.

मुख्य प्रावधान

समान कार्य के लिए समान वेतन

महिलाओं के लिए नाइट शिफ्ट में काम की अनुमति

26 सप्ताह का सवेतन मातृत्व अवकाश

शिशुगृह सुविधाओं तक अनिवार्य पहुंच

घर से काम करने के कुछ विकल्प

3,500 रुपये का चिकित्सा बोनस

एमएसएमई और असंगठित क्षेत्र को मिलेगी बड़ी राहत

एमएसएमई में कार्यरत श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का आसान और पोर्टेबल लाभ देने के लिए सरकार ने आधार से जुड़ा यूनिवर्सल अकाउंट नंबर शुरू किया है. इससे राज्य बदलने पर भी श्रमिक कल्याण योजनाओं का लाभ बाधित नहीं होगा.

यात्रा के दौरान दुर्घटनाएं अब रोजगार से संबंधित

डिलीवरी, कैब, लॉजिस्टिक्स और मोबिलिटी सेक्टर में काम करने वालों के लिए बड़ा बदलाव यह है कि घर और कार्यस्थल के बीच की यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं को अब रोजगार से जुड़ी दुर्घटना माना जाएगा. इससे कर्मचारी दुर्घटना मुआवजे के पात्र बनेंगे.

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