बीमा कंपनियों के पास 14,000 करोड़ की Unclaimed राशि, क्या आप भी भूल गए क्लेम करना? जानें कितने साल तक वापस मिल सकता है पैसा
देश की बीमा कंपनियों के पास इस समय हजारों करोड़ रुपये की ऐसी रकम पड़ी है, जिस पर अब तक किसी ने दावा नहीं किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीमाकर्ताओं के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये की Unclaimed बीमा राशि मौजूद है, जो पॉलिसीधारकों या उनके लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाई है. ऐसी राशि को लेकर सरकार ने स्पष्ट नियम तय किए हैं
देश की बीमा कंपनियों के पास इस समय हजारों करोड़ रुपये की ऐसी रकम पड़ी है, जिस पर अब तक किसी ने दावा नहीं किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बीमाकर्ताओं के पास करीब 14,000 करोड़ रुपये की Unclaimed बीमा राशि मौजूद है, जो पॉलिसीधारकों या उनके लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाई है.
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यह राशि उन बीमा दावों की होती है, जिनमें अर्जित ब्याज भी शामिल रहता है, लेकिन बीमित व्यक्ति या उसके परिवार से 12 महीने से अधिक समय तक संपर्क न हो पाने के कारण भुगतान नहीं किया जा सका. अहम बात यह है कि ऐसी राशि को लेकर सरकार ने स्पष्ट नियम तय किए हैं और पॉलिसीधारकों के अधिकार भी सुरक्षित रखे गए हैं.
क्या होती है Unclaimed बीमा राशि?
ऐसी बीमा राशि, जिसमें ब्याज भी जुड़ा होता है जो बीमाकर्ता को भुगतान करनी होती है लेकिन लंबे समय तक दावेदार से संपर्क न होने के कारण अदा नहीं की जा पाती, उसे Unclaimed राशि कहा जाता है. यह स्थिति अक्सर पॉलिसीधारक की मृत्यु, पता बदलने या जानकारी अपडेट न होने के कारण पैदा होती है.
10 साल बाद पैसा कहां जाता है?
नियमों के अनुसार, 10 सालों से अधिक समय तक दावा न की गई बीमा राशि बीमा कंपनी द्वारा केंद्र सरकार के वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (Senior Citizens’ Welfare Fund – SCWF) में ट्रांसफर कर दी जाती है. हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि पॉलिसीधारक या उसके वारिस अपना पैसा खो देते हैं.
25 साल तक किया जा सकता है दावा
वित्त मंत्रालय की बुक 'आपका पैसा, आपका अधिकार' के अनुसार, "पॉलिसीधारक/लाभार्थी वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष (एससीडब्ल्यूएफ) में पॉलिसी के हस्तांतरण की तारीख से 25 सालों तक अपनी पॉलिसी के तहत देय राशि का दावा करने के पात्र होंगे." यानि, बीमा राशि फंड में ट्रांसफर होने के बाद भी 25 साल तक उस पर दावा किया जा सकता है. बुक में आगे स्पष्ट किया गया है "यदि 25 सालों के भीतर इन पर दावा नहीं किया जाता है, तो वित्त अधिनियम 2015 की धारा 126 के तहत ऐसी राशियां केंद्र सरकार के पास चली जाएंगी."
कैसे जांचें कि आपके नाम पर कोई Unclaimed राशि है या नहीं?
पॉलिसीधारक यह जानने के लिए कि उनके नाम कोई Unclaimed बीमा राशि है या नहीं, बीमा कंपनी की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन पूछताछ कर सकते हैं. इसके लिए पॉलिसीधारक का नाम, जन्मतिथि, पॉलिसी संख्या और पैन नंबर देना होते हैं. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) के बीमा भरोसा पोर्टल ([https://bimabharosa.irdai.gov.in/](https://bimabharosa.irdai.gov.in/)) पर जाकर पॉलिसीधारक अपने बीमाकर्ता की वेबसाइट का लिंक देख सकते हैं और संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
पैसा पाने के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी?
बीमा राशि का दावा करने के लिए बीमा कंपनी से संपर्क करते समय आपको पॉलिसी से जुड़े विवरण/दस्तावेज, बैंक खाते का विवरण, दावेदार का फोटो पहचान पत्र, नाम और खाता संख्या छपा हुआ रद्द चेक या बैंक पासबुक/स्टेटमेंट की प्रति और केवाईसी दस्तावेज जमा करने होंगे.





